श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)
आज से ब्लॉग में एक नया अध्याय जोड़ रही हूँ। बहुत लोगों की ये सलाह थी कि हफ्ते के एक दिन रामायण या भागवत गीता का श्लोक के साथ वर्णन डालूं, तो आज से वासुदेव नंदन का नाम लेकर श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) की शुरुवात करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से हम सम्पूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता प्रकाशित करेंगे, इसके तहत हम सभी 18 अध्यायों और उनके सभी श्लोकों का सरल अनुवाद हिंदी में प्रकाशित करेंगे।
ये तो आप सभी जानते हैं कि श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं के पवित्र धर्म ग्रंथों में से एक है। महाभारत का युद्ध आरम्भ होने से ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिये थे, वह श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) के नाम से प्रसिद्ध है। श्रीमद्भगवद्गीता में उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है, जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है।
यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। आज से (सन 2022) लगभग 5560 वर्ष पहले गीता जी का ज्ञान बोला गया था। महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन युद्ध करने से मना करते हैं तब श्री कृष्ण उन्हें उपदेश देते है और कर्म व धर्म के सच्चे ज्ञान से अवगत कराते हैं। श्री कृष्ण के इन्हीं उपदेशों को “भगवत गीता” नामक ग्रंथ में संकलित किया गया है।
अध्याय दो - सांख्ययोग
अध्याय तीन - कर्मयोग
अध्याय चार - ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
अध्याय पाँच - कर्मसंन्यासयोग
अध्याय छः - आत्मसंयमयोग
नौवाँ अध्याय - राजविद्याराजगुह्ययोग
दसवाँ अध्याय - विभूतियोग
ग्यारहवाँ अध्याय - विश्वरूपदर्शनयोग
बारहवाँ अध्याय - भक्तियोग
तेरहवाँ अध्याय - क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग
चौदहवाँ अध्याय - गुणत्रयविभागयोग
पंद्रहवाँ अध्याय - पुरुषोत्तमयोग
सोलहवाँ अध्याय - दैवासुरसम्पद्विभागयोग
सत्रहवाँ अध्याय - श्रद्धात्रयविभागयोग
अठारहवाँ अध्याय - मोक्षसंन्यासयोग
अध्याय एक - अर्जुनविषादयोग
अध्याय दो - सांख्ययोग
अध्याय तीन - कर्मयोग
अध्याय चार - ज्ञानकर्मसंन्यासयोग
अध्याय पाँच - कर्मसंन्यासयोग
अध्याय छः - आत्मसंयमयोग
अध्याय सात - ज्ञानविज्ञानयोग
आठवाँ अध्याय - अक्षरब्रह्मयोग
नौवाँ अध्याय - राजविद्याराजगुह्ययोग
दसवाँ अध्याय - विभूतियोग
31- 42 भगवान द्वारा अपनी विभूतियों और योगशक्ति का वर्णन
Nice one
ReplyDeleteअच्छी सलाह दी है लोगों ने.. ब्लाग के माध्यम से गीता का विस्तृत पठन हो सकेगा.. ऐसे तो मुश्किल होता है पढ़ना
ReplyDeleteॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ReplyDeleteबहुत बढिया है धर्म की जानकारी का भी अनुभब होगा
ReplyDeleteSonu agrwal 🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌
ReplyDeleteजय हो बहुत खूब 👍
ReplyDeleteजय श्री हरि नारायण
ReplyDeleteसनातन ही इकलौता धर्म है बाकी सब सिर्फ पूजा के तरीके अलग करके ईसाई यहूदी और मुस्लिम 🙏🏻
ReplyDeleteॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, जय हो
ReplyDeleteयदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
ReplyDeleteअभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
Acha prayash
ReplyDeleteOm namo bhagwate vasudevaya 🙏🙏
श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग को शिक्षा दी।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
राधे राधे
ReplyDeleteमेरे जैसे लोग किताब पढ़ने से रहे, ब्लॉग के माध्यम से भगवदगीता भी पढ़ने को मिल जायेगा।
ReplyDeleteOm namo bhagwate vasudevai namah.
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice....
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