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श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)

इस ब्लॉग के माध्यम से हम सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता प्रकाशित कर रहे हैं, इसके तहत हम सभी 18 अध्यायों और उनके सभी श्लोकों का सरल अनुवाद हिंदी में प्रकाशित करेंगे। 

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता के 18 अध्यायों में से अध्याय 1,2,3,4,5, 6, 7, 8,9 और 10 के पूरे होने के बाद आज प्रस्तुत है, अध्याय 11 के सभी अनुच्छेद। 

श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय ग्यारह विश्वरूपदर्शनयोग ||

अथैकादशोऽध्यायःविश्वरूपदर्शनयोग

अध्याय ग्यारह के अनुच्छेद 01 - 04

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)

अर्जुन उवाच

मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्ज्ञितम्‌ ।
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम || 11.1 ||

भावार्थ : 

अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है || 11.1 ||

भवाप्ययौ हि भूतानां श्रुतौ विस्तरशो मया ।
त्वतः कमलपत्राक्ष माहात्म्यमपि चाव्ययम्‌ || 11.2 ||

भावार्थ : 

क्योंकि हे कमलनेत्र! मैंने आपसे भूतों की उत्पत्ति और प्रलय विस्तारपूर्वक सुने हैं तथा आपकी अविनाशी महिमा भी सुनी है॥2॥

एवमेतद्यथात्थ त्वमात्मानं परमेश्वर ।
द्रष्टुमिच्छामि ते रूपमैश्वरं पुरुषोत्तम || 11.3 ||

भावार्थ : 

हे परमेश्वर! आप अपने को जैसा कहते हैं, यह ठीक ऐसा ही है, परन्तु हे पुरुषोत्तम! आपके ज्ञान, ऐश्वर्य, शक्ति, बल, वीर्य और तेज से युक्त ऐश्वर्य-रूप को मैं प्रत्यक्ष देखना चाहता हूँ॥3॥

मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टुमिति प्रभो ।
योगेश्वर ततो मे त्वं दर्शयात्मानमव्ययम्‌ || 11.4 ||

भावार्थ : 

हे प्रभो! (उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने वाला होने से भगवान का नाम 'प्रभु' है) यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइए॥4॥

15 comments:

  1. जय श्रीकृष्ण

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  2. जय श्री कृष्ण

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  3. पवन कुमारJune 8, 2023 at 3:51 PM

    🌹🙏गोविंद🙏🌹कामना तो हमसाब की भी
    यही है की प्रभु अपने असली रूप में हमलोग को
    भी दर्शन दें लेकिन शायद कर्म अर्जुन के जैसा
    नही कर पा रहे है🌹🙏शक्ति दो प्रभु🙏🌹जिससे
    आपकी भक्ति कर सकूं🥀

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  4. ॐ श्री भगवते वासुदेवाय नमः 🙏🏻

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  5. कर्म करना आपका अधिकार है फल की इच्छा में नहीं।

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  6. Jai shree krishna

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  7. Jai shree shyam. .🙏🏻🙏🏻

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