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लौंग || Clove || lavang ||

लौंग (Clove)

आज बात करेंगे एक और भारतीय मसाले की जो आकार में बेशक छोटा होता है, पर इसके औषधीय गुण चमत्कारिक हैं। आज लौंग के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे, जो हमारे भोजन को लजीज बनाने के साथ ही स्वास्थ्य को लाभ भी पहुंचाता है। सदियों से लौंग का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता रहा है।

लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

लौंग क्या है?

लौंग एक सदाबाहर पेड़ होता है। लौंग को हम भारतीय मसाले के तौर पर जानते हैं। इसका पेड़ होता है, जिस पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के रूप में बेचा जाता है। 

जानते हैं लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं।

लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

सिर दर्द और माइग्रेन में

  • अगर कोई रोगी आधासीसी से पीड़ित है या फिर अन्य प्रकार के सिर दर्द की समस्या से परेशान है, तो लौंग का प्रयोग लाभ दिलाता है। इसके लिए 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लें। इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसका कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द या आधासीसी की समस्या में लाभ होता है।
  • 2 लौंग और 65 मिग्रा अफीम को पानी के साथ पीसकर गर्म कर लें। इसको ललाट पर लेप करने से सर्दी के कारण होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है।

आंखों की बीमारियों में

लौंग को तांबे के बरतन में पीस लें। इसे शहद मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।

दांतों के रोग में

दांतों की बीमारियों में भी लौंग काफी फायदेमंद है। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों में लगाएं। इससे दांतों के दर्द से आराम मिलता है। इससे दांत में लगे कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।

बलगम की समस्या

लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।

मुंह और सांसों की बदबू

लौंग को मुंह में रखने से मुंह और सांस की दुर्गन्ध मिटती है।

कुक्कुर खांसी

3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें। इसे शहद मिलाकर चाटने से कुक्कुर खांसी में लाभ होता है।

हैजा में फायदेमंद

हैजा होने पर बहतु अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो जाती है। इस समस्या में लौंग खाने से बहुत फायदा मिलता है। एक या ड़ेढ़ ग्राम लौंग को करीब डेढ़ ली जल में डालकर उबालें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ढक दें। इसमें से 20-25 मिली जल को बार-बार पिलाने से हैजा के कारण लगने वाली अत्यधिक प्यास की समस्या ठीक होती है।

अपच की समस्या

1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से अपच की समस्या ठीक  होती है।

जी मिचलाने पर

लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधित प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।

बुखार में

लौंग और छोटी पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1½ ग्राम की मात्रा में लेकर मधु मिलाकर सुबह और शाम चाटने से बुखार और बुखार के कारण होने वाली शारीरिक कमजोरी में लाभ होता है।

गैस की समस्या

10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम सोंठ, अजवायन और 10 ग्राम सेंधा नमक तथा 40 ग्राम गुड़ को पीस लें। इसकी 325-325 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। 1 गोली को दिन में 2-3 बार सेवन करने से पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।

नासूर (पुराना घाव)

5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर लगाने से नासूर (पुराना घाव) ठीक हो जाता है।

लौंग के पौष्टिक तत्व (Nutritional Value of Clove)

लौंग के पौष्टिक तत्व (Nutritional Value of Clove)

विभिन्न भाषाओं में लॉन्ग का नाम

Hindi    – लोंग, लौंग, लवंग
English–  Clove (क्लोव)
Sanskrit – लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
Urdu – लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
Kannada – लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
Gujarati – लवींग (Laving)
Telugu – करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
Tamil  – किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
Bengali – लवंग (Lavang)
Nepali – लवांग (Lwang) 
Marathi – लवंग (Lavang)
Malayalam – लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
Arabic – करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
Persian – मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)

लौंग के नुकसान – Side Effects of Clove

नियमित रूप से एक या दो लौंग खाने के कई फायदे होते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। इससे    

रक्त का पतलापन
आंखों में जलन
स्किन एलर्जी
कोमा
लिवर डैमेज
अधिक सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन को कम कर सकता है।
गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अधिक सेवन विषाक्तता का कारण बन सकता है।
लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

English Translate

Clove

Today we will talk about another Indian spice which is small in size, but its medicinal properties are miraculous. Today, we will learn about the medicinal properties of cloves, which along with making our food delicious, also benefits our health. Clove has been used in Ayurvedic medicine for centuries.

What is clove?

Clove is an evergreen tree. We know clove as Indian spice. It has a tree, which starts flowering at the age of about 9 years. Its flower buds are dried and sold in the market as cloves.

लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

Know about the benefits, disadvantages, uses and medicinal properties of cloves

Many remedies related to the use of cloves have been described in Ayurvedic texts. Consuming cloves increases appetite, stops vomiting, cures stomach gas, excessive thirst and kapha-pitta dosha. Along with this, you can also get benefits by using cloves in blood disorders, respiratory diseases, hiccups and tuberculosis.

in headache and migraine

  • If a patient is suffering from migraine or is troubled by other types of headache, then the use of cloves is beneficial. For this, grind 6 grams of clove in water and dry it. Heat it a little. Applying it thickly around the ear is beneficial in the problem of headache or migraine.
  • Grind 2 cloves and 65 mg opium with water and heat it. Applying it on the forehead provides relief from headache caused by cold.

in eye diseases

Grind cloves in a copper utensil. Mixing it with honey and applying it on the eyes provides relief in eye diseases.

in dental disease

Clove is also very beneficial in dental diseases. Apply clove oil to the cotton swab and apply it on the teeth. This gives relief from toothache. This also kills the worms in the teeth.

mucus problem

Boil 2 grams crushed powder of clove in 125 ml water. When it remains one-fourth, filter it and drink it after heating it a little. It helps in expelling phlegm.

bad breath and mouth

By keeping cloves in the mouth, the bad smell of the mouth and breath ends.

barking cough

Roast 3-4 pieces of cloves on fire and grind them. Mixing honey and licking it is beneficial in whooping cough.

beneficial in cholera

There is also the problem of excessive thirst due to cholera. Eating cloves is very beneficial in this problem. Boil one or one and a half grams of cloves in about one and a half liters of water. After 2-3 boils, take it down and cover it. Drinking 20-25 ml of this water repeatedly cures the problem of excessive thirst caused by cholera.

indigestion problem

Make a decoction by mixing 1 gram clove and 3 grams myrobalan. Adding a little rock salt to it and drinking it cures the problem of indigestion.

nauseous

Grind cloves with water and heat it a little. By giving it little by little, the problem of nausea and excessive thirst is cured.

in fever

Grind clove and small pepper in equal quantity. Taking 1½ grams of this powder mixed with honey and licking it in the morning and evening provides relief in fever and physical weakness caused by fever.

लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

gas problem

Grind 10 grams clove, 10 grams dry ginger, carom seeds and 10 grams rock salt and 40 grams jaggery. Make tablets of 325-325 mg of it. Consuming 1 tablet 2-3 times a day cures the problem of stomach gas.

Canker (old sore)

Grinding 5-6 cloves and 10 grams turmeric and applying it cures canker sores.


@भारतीय मसाला || Indian Spice || Bharatiya Masale ||

हर लड़की खूबसूरत होती है

 "हर लड़की खूबसूरत होती है"

Rupa Oos ki ek Boond

"नींद और जरूरत जिंदगी में कभी भी पूरी नहीं होती,
जिसके पास जितनी सुविधा है,
उसके पास उतनी दुविधा है..❣️"

तुमने कहा वो मोटी है

वो खाना छोड़ कर बैठ गयी

तुमने कहा शरीर सुडौल नहीं 

वो पोछा लगा पेट कम करने लगी

तुमने कहा रंग साँवला है तुम्हारा

वो ढेरों उबटन मुँह पर मलने लगी

तुमने कहा तुम स्टेटस की नहीं मेरे

वो तौर तरीके तहजीब सीखने लगी 


पर क्यूँ???


तुम क्यूँ हर बार उसमें नुख़्स निकालते हो

क्यूँ तरह तरह के साँचे में उसे ढालते हो

क्यूँ नहीं समझा कभी त्याग उसका तुम्हारे लिए

क्यूँ उसे उस की नज़रों मे ही नीचे गिराते हो ??


तुम समझना ही नहीं चाहते कि

सुंदरता देह में नहीं मन में बसती है

तुम देखना ही नहीं चाहते कि

प्रेम को उसकी आँखें तरसती है

काश तुमने ये चमक धमक से परे

एक प्रेम की दुनिया देखी होती

काश तुम जान पाते कि

हर इक लड़की खूबसूरत होती है


पर तुम रह रहे हो अपनी बनाई शर्तों के जाल में

कभी देखो करीब से पहुँच गये हो ये किस हाल में

कभी किया है क्या महसूस तुमने एहसास उसके ??

कभी देखा है क्या खुद को आईने में साथ उसके ??


देखना कभी गौर से

तुम्हारी हर शर्तों को पूरा करते

हर बार खुद को बदलते बदलते

वो स्वयं में सम्पूर्ण नज़र आएगी

और साथ खड़े तुम

हर बार नाक भौंह सिकोड़े 

खुद को अतृप्त ही पाओगे


वो निखर जाएगी

खुद की नज़रों में एक दिन

और तुम....... 

आदतन कमी ही तलाशते रह जाओगे।

Rupa Oos ki ek Boond

"अगर लोग हमारी अच्छाई को हमारी कमज़ोरी समझते हैं
तो यह उनकी समस्या है, मेरी नहीं..❣️

IPL से तो सभी वाकिफ हैं, क्या ILP भी जानते हैं?

IPL से तो सभी वाकिफ हैं, क्या ILP भी जानते हैं?

क्या आप जानते है भारत मे कुछ स्थान ऐसे भी है जहाँ जाने के लिए "स्पेशल_परमिशन" लेने की आवश्यकता होती है जिसको "इनर लाइन परमिट" भी कहा जाता है ?

तो आइए आपको आज अपने ब्लॉग *रूपा ओस की एक बूंद* के माध्यम से साँझा करते है ऐसी ही जगहों (स्थान ) का नाम और क्या होती है "स्पेशल परमिशन (इनर लाइन परमिट)" 

IPL से तो सभी वाकिफ हैं, क्या ILP (इनर लाइन परमिट)भी जानते हैं?

अपना देश भारतबहुत ही अद्भुत है। इसके कदम कदम पर है रोचक जानकारीयाँ। अद्भत प्रतिमाएं, संस्कृति, संस्कार, रीत रिवाज। अगर कहा जाए तो विश्व पटल पर सबसे खूबसूरत देश भारत है। इसके जैसा विश्व में कुछ नहीं। इसी भारत देश में हैं कुछ जगहें (स्थान) जहाँ जाने के लिए जरूरी है "स्पेशल परमिशन"। बैसे तो ये परमिशन भारत के निवासियों के लिए जरूरी नहीं है ये मुख्यता विदेशी सैलानियों के लिए अनिवार्य है, जो विदेशों से आते हैं हमारे भारत के खूबसुरती को देखने। सकूँन की कुछ लम्हें जिंदगी में लुफ्त उठाने के लिए।

*इनर लाइन परमिट* स्पेशल परमिशन का मतलब होता है - "आधिकारिक यात्रा दस्तावेज" जो बाहर देशों से आने वाले यात्रियों के "संरक्षित क्षेत्र" जिनका वर्णन नीचे विस्तार से किया गया है, उन स्थानों के लिए एक नियत समय अवधि के लिए मान्य किया जाता है। मुख्यता आजकल भारत सरकार ये परमिशन सिर्फ कुछ जगहों के लिए देती है, जिनमे *नागालैंड* *मिजोरम* *अरुणाचल* प्रमुख है ।

*नागालैंड कोहिमा* 

कोहिमा पहाड़ो की चोटियों पर बसा हुआ एक खूबसूरत शहर है। बैसे ये नागालैंड की *राजधानी* भी है। इस शहर में अधिकांश नागा जनजाति के लोग रहते हैं। इनकी आदिवासियों वाली रंग बिरंगी जीवन शैली विदेशी पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। इसलिए यहाँ अधिकांश विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिलेगा। यहाँ कोहिमा के संरक्षित स्थानों पर घूमने के लिए *इनर लाइन परमिट* की आवश्यकता पड़ती है। यह विदेशी सैलानियों को जिले के *विदेशी पंजीकरण अधिकारी* से परमिशन लेना अनिवार्य है। उसके पश्चात ही सैलानी यहाँ 24 घण्टे के अंदर आराम से घूम सकते हैं।

अब बात करते है नागालैंड के एक और शहर *दीमापुर* की 

नागालैंड का सबसे बड़ा शहर दीमापुर है। यहाँ यात्रा करना विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे दिलचस्प होता है। नागालैंड आ के यहाँ न आये तो बात बही हुई जैसे यार इंदौर आये और पोहा न खाया। धनसिरी के तट पर बसे इस शहर की यूरोप के लोग *ईट सिटी* के नाम से संबोधित करते हैं। 

अब आगे बढ़ते है इस क्रम में हम अपने अन्य स्थान के तरफ ....

*अरुणाचल प्रदेश* भारत में अरुणाचल प्रदेश के जीरो वेली को *विश्व विरासत स्थल* *World Heritagi site* में भी स्थान दिया गया है, अरुणाचल में विदेशी पर्यटकों को घूमने के लिए बहुत अधिक स्थान है, जिसमें *जीरो वैली* प्रमुख है यहाँ घूमने के लिए *स्पेशल परमिशन* लेने की आवश्यकता होती है ।

*तवांग* 

तवांग भारत के सबसे बड़े मठों में से एक है। यह 400 वर्ष पुराना मठ तवांग विदेशी पर्यटकों के पसंदीदा जगहों में सुमार है। यहाँ घुमने के लिए भी स्पेशल परमिशन की आवश्यकता होती है। तवांग लगभग 3048 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ कई महत्वपूर्ण खूबसूरत मठ है। तवांग दलाई लामा के जन्म स्थान के रूप में भी बहुत प्रसिद्ध है।

इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए जानते है अन्य स्थानों के बारे मे...

*भालुक्पोंग* अरूणाचल प्रदेश पश्चिम कामेंग जिले में हिमालय की तलहटी पर बसा एक खूबसूरत छोटा सा शहर जो अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता एवम शांत माहौल के लिए प्रसिद्ध है, यह एंगलिंग और राफ्टिंग के लिए सबसे शानदार स्थान जगह है ।

अरुणाचल के बाद अब रुख करते है *मिजोरम* की तरफ जानते हैं। यहाँ किस किस स्थान पर जाने के लिए *लाइन इनर परमिट* की आवश्यकता पड़ती है?

*आइजोल* 

भारत के मिजोरम की राजधानी है "आइजोल"। यहाँ म्यूजियम, हिल स्टेशन और भी शानदार स्थान हैं, जिन्हें देखने दुनिया भर के लोग आते हैं। यह पूर्व ओर दक्षिण में म्यामांर एवम पश्चिम में बांग्लादेश के बीच स्थित होने के कारण भारत का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है।

*लुंगलेई* 

लुंगलेई अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है यह जगह उनके लिए एक आदर्श गतंव्य है, जो शांति सकूँन के लिए अपनी जिंदगी में एक ( ब्रेक ) ठहराव लेना चाहते हैं, जो प्रकृति के सहज सरल बनावट का आनद लेना चाहते हैं, वो मिजोरम के दक्षिणी हिस्से में बसे इस शहर में आते हैं।

English Translate

Everyone is aware of IPL, do they also know ILP?

Do you know that there are some places in India where it is necessary to take "Special _ Permission" to go which is also called "Inner Line Permit"?

IPL से तो सभी वाकिफ हैं, क्या ILP (इनर लाइन परमिट)भी जानते हैं?

So let us share with you today through our blog *Rupa Os ki Ek Boond* the name of such places and what is "Special Permit (Inner Line Permit)"

Our country India is very wonderful. There is interesting information on its every step. Amazing statues, culture, rituals, customs. If told, India is the most beautiful country on the world stage. Nothing like it in the world. There are some places in this country of India where "special permission" is necessary to go. By the way, this permission is not necessary for the residents of India, it is mainly mandatory for foreign tourists, who come from abroad to see the beauty of our India. To enjoy some moments of peace in life.

*Inner Line Permit* Special Permit means - "Official Travel Document" valid for a specified time period for travelers coming from outside countries to places in the "Protected Areas" described in detail below goes. Mainly nowadays the Government of India gives this permission only for some places, in which *Nagaland* *Mizoram* *Arunachal* are prominent.

*Nagaland Kohima*

Kohima is a beautiful city situated on the top of the hills. By the way, it is also the *capital* of Nagaland. Most of the people of Naga tribe live in this city. The colorful lifestyle of their tribals attracts the attention of foreign tourists. That's why the gathering of most of the foreign tourists will be seen here. Here *Inner Line Permit* is required to visit the protected places of Kohima. It is mandatory for foreign tourists to take permission from the Foreigner Registration Officer of the district. Only after that tourists can roam here comfortably within 24 hours.

Now let's talk about another city of Nagaland *Dimapur*

Dimapur is the largest city of Nagaland. Traveling here is most interesting for foreign tourists. After coming to Nagaland, if he did not come here, then the talk flowed as if a friend came to Indore and did not eat Poha. Europeans address this city on the banks of Dhansiri as *Eat City*.

Now moving forward in this sequence we are towards our second place….

* Arunachal Pradesh * Arunachal Pradesh's Zero Valley in India has also been ranked in * World Heritage Site * * World Heritagi site * Arunachal has a lot of places for foreign tourists to visit, in which * Zero Valley * is prominent here * Special permission * is required to roam.

*Tawang*

Tawang is one of the largest monasteries in India. This 400 year old monastery is one of the favorite places of Tawang foreign tourists. Special permission is also required to visit here. Tawang is situated at an altitude of about 3048 meters. There are many important beautiful monasteries here. Tawang is also very famous as the birth place of Dalai Lama.

Moving forward in this order, we know about other places…

*Bhalukpong* A beautiful small town situated on the foothills of the Himalayas in West Kameng district of Arunachal Pradesh, which is famous for its natural beauty and serene environment, it is the most wonderful place for angling and rafting.

After Arunachal, now let's move towards *Mizoram*. To go to which places here, *Line Inner Permit* is required?

*Aizawl*

Aizawl is the capital of Mizoram, India. There are museums, hill stations and other great places here, which people from all over the world come to see. It is a very important place of India due to its location between Myanmar in the east and south and Bangladesh in the west.

IPL से तो सभी वाकिफ हैं, क्या ILP (इनर लाइन परमिट)भी जानते हैं?

*Lunglei*

Lunglei is famous for its natural beauty. This place is an ideal destination for those who want to take a break in their life for peace and relaxation, who want to enjoy the natural simplicity of nature. Settled in part come to this city.

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal)

आज की पोस्ट छोटी सी खूबसूरत चिड़िया की जो पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी है, व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर (श्वेतग्रीवा किलकिला)( हैल्सियॉन स्मिरनेंसिस) है। व्हाइट-ब्रेस्टेड किंगफिशर ( हेल्सीओन स्मिरनेंसिस ), जिसे अक्सर व्हाइट-थ्रोटेड किंगफिशर के रूप में जाना जाता है, श्वेतग्रीवा किलकिला यह बहुतायता से पेड़ों का रहिवासी पक्षी है, जो अपने कुटुंब के अन्य पक्षियों की तरह नदी अथवा ताल तल्लैयों के किनारों के पास नहीं भी रहा तो उसे ज्यादा फरक नहीं पड़ता, सिर्फ उसे खाने के लिए बहुत सा अन्न, जैसे कीड़े मकोड़े, केकड़े और छोटे चूहे मिल जाएं।

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

यह ज्यादातर खेत-खलियान, जंगल, बाग़-बगीचे तथा मीठा पानी और तटीय आर्द्रभूमि के पास दिखता है। यह जंतु जगत के कोर्डेटा (Chordata) संघ का जीव है, जो अल्सिडीनिड़े (Alcedinidae) कुटुंब से है। इसका वैज्ञानिक नाम है हाल्सियोन स्मिरनेन्सिस (Halcyon Smyrnensis) है। हाल्सियोन यह नाम यूनानी पुराण में किलकिले जैसे पक्षी का था।

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

वयस्क की पीठ, पंख और पूंछ चमकीली नीली होती है। इसका सिर, कंधे, बाजू और निचला पेट शाहबलूत रंग का है, और गला और स्तन सफेद हैं। बड़ी चोंच और टांगें चमकदार लाल हैं। सफेद गले वाले किंगफिशर की उड़ान तेज़ और सीधी होती है, छोटे गोलाकार पंख फड़फड़ाते हैं। उड़ान में, नीले और काले पंखों पर बड़े सफेद धब्बे दिखाई देते हैं। लिंग समान होते हैं।  

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

श्वेतग्रीवा किलकिला के गले और छाती का भाग सफ़ेद रहता है, इसीलिए इसे श्वेतग्रीवा कहते हैं। इसका सर भूरे रंग का होता है तथा पंख फ़िरोजी रंग के होते हैं। इसके अंडे देने का समय मार्च से जून तक रहता है। एक बार में वे 4-7 अंडे देते हैं। अंडे सेने में 20-22 दिन लगते हैं, जबकि चूजे 19 दिनों में निकल जाते हैं। इनका घोंसला एक सुरंग जैसा होता है। श्वेतग्रीवा किलकिला बहुत ही शोर मचाता है और समागम के समय भी यह ज्यादा बोलता है तथा तब इसकी आवाज़ मधुर हो जाती है।

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

पश्चिम बंगाल के इस राज्य पक्षी का पहले उसके पंखों के लिए शिकार किया जाता था। श्वेतग्रीवा किलकिला बड़े पैमाने पर भारत के बहुत से हिस्सों में दिखता है। 

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State Bird of West Bengal


Today's post is about a beautiful little bird which is the state bird of West Bengal, White-throated Kingfisher (Shvetagriva kilkila)( Halcyon smirnensis). The white-breasted kingfisher (Halcion smirnensis), often known as the white-throated kingfisher, is an abundant arboreal bird that, like other birds in its family, does not live near river or pond banks, as long as it has plenty of food to eat, such as insects, crabs, and small mice.

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

It is mostly seen near fields, forests, gardens and sweet water and coastal wetlands. It is an organism of the Chordata union of the animal world, which belongs to the Alcedinidae family. Its scientific name is Halcyon Smyrnensis. Halcyon was the name of a keel-like bird in Greek mythology.

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

The back, wings and tail of the adult are bright blue. Its head, shoulders, sides and lower belly are chestnut, and the throat and breast are white. The large beak and legs are bright red. The white-throated kingfisher's flight is fast and straight, flapping short rounded wings. In flight, large white spots are visible on the blue and black wings. Sexes are similar.

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

The neck and chest part of Svetagriva Kilkila remains white, that is why it is called Svetagriva. Its head is brown and the wings are of turquoise colour. Its egg-laying time lasts from March to June. They lay 4-7 eggs at a time. The eggs take 20–22 days to hatch, while the chicks hatch in 19 days. Their nest is like a tunnel. Svetagriva Kilkila makes a lot of noise and it speaks more during intercourse and then its voice becomes melodious.

पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी (State Bird of West Bangal) || श्वेतग्रीवा किलकिला ( White-throaterd kingfishe) || Halcyon smyrnensis ||

This state bird of West Bengal was earlier hunted for its feathers. The Svetagriva fort is widely seen in many parts of India.

भारत के सभी राज्यों के राजकीय पक्षियों की सूची |(List of State Birds of India)

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) अध्याय ग्यारह के अनुच्छेद 47 - 50

श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय ग्यारह विश्वरूपदर्शनयोग ||

अथैकादशोऽध्यायःविश्वरूपदर्शनयोग

अध्याय ग्यारह के अनुच्छेद 47 - 50

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)

 भगवान द्वारा अपने विश्वरूप के दर्शन की महिमा का कथन तथा चतुर्भुज और सौम्य रूप का दिखाया जाना

श्रीभगवानुवाच

मया प्रसन्नेन तवार्जुनेदंरूपं परं दर्शितमात्मयोगात्‌ ।
तेजोमयं विश्वमनन्तमाद्यंयन्मे त्वदन्येन न दृष्टपूर्वम्‌ || 11.47 || 

भावार्थ : 

श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! अनुग्रहपूर्वक मैंने अपनी योगशक्ति के प्रभाव से यह मेरे परम तेजोमय, सबका आदि और सीमारहित विराट् रूप तुझको दिखाया है, जिसे तेरे अतिरिक्त दूसरे किसी ने पहले नहीं देखा था ॥47॥

न वेदयज्ञाध्ययनैर्न दानैर्न च क्रियाभिर्न तपोभिरुग्रैः।
एवं रूपः शक्य अहं नृलोके द्रष्टुं त्वदन्येन कुरुप्रवीर || 11.48 || 

भावार्थ : 

हे अर्जुन! मनुष्य लोक में इस प्रकार विश्व रूप वाला मैं न वेद और यज्ञों के अध्ययन से, न दान से, न क्रियाओं से और न उग्र तपों से ही तेरे अतिरिक्त दूसरे द्वारा देखा जा सकता हूँ  ॥ 48॥

मा ते व्यथा मा च विमूढभावोदृष्ट्वा रूपं घोरमीदृङ्‍ममेदम्‌।
व्यतेपभीः प्रीतमनाः पुनस्त्वंतदेव मे रूपमिदं प्रपश्य || 11.49 || 

भावार्थ : 

मेरे इस प्रकार के इस विकराल रूप को देखकर तुझको व्याकुलता नहीं होनी चाहिए और मूढ़भाव भी नहीं होना चाहिए। तू भयरहित और प्रीतियुक्त मनवाला होकर उसी मेरे इस शंख-चक्र-गदा-पद्मयुक्त चतुर्भुज रूप को फिर देख॥49॥

संजय उवाच

इत्यर्जुनं वासुदेवस्तथोक्त्वा स्वकं रूपं दर्शयामास भूयः ।
आश्वासयामास च भीतमेनंभूत्वा पुनः सौम्यवपुर्महात्मा || 11.50 || 

भावार्थ : 

संजय बोले- वासुदेव भगवान ने अर्जुन के प्रति इस प्रकार कहकर फिर वैसे ही अपने चतुर्भुज रूप को दिखाया और फिर महात्मा श्रीकृष्ण ने सौम्यमूर्ति होकर इस भयभीत अर्जुन को धीरज दिया॥50॥

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

आज आपको लिए चलते हैं मध्य प्रदेश के सतना शहर में। सतना शहर अपने ऐतिहासिक सांस्कृतिक और यहां की पवित्र नदी तमसा नदी (टोंस नदी) के लिए जाना जाता है। सतना शहर का इतिहास बहुत ही पुराना है। यह पौराणिक और धार्मिक संस्‍मरणों की अद्भुत पहचान है। महाभारत काल से ही इसका इतिहास रहा है। सतना शहर के आसपास हिंदू धार्मिक कई सारे स्थल है, जो अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक गाथाओं का वर्णन करते हैं। यह शहर पूर्ण रूप से बुंदेलखंड के अंदर आता है। इसके अलावा सतना मध्य प्रदेश का सातवाँ सबसे बड़ा और आठवां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जो अपनी सीमेंट फैक्ट्री और सीमेंट उत्पादन के लिए पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है। सतना में डोलोमाइट और चूना पत्‍थर की बहुतायत है। सतना धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल के साथ ही प्राकृतिक पर्यावरण और प्राकृतिक झील झरनों के लिए प्रसिद्ध है।

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

मध्य प्रदेश के सतना शहर का प्रमुख आकर्षण 

  • मैहर धाम, माँ शारदा देवी मंदिर  
  • चित्रकूट धाम
  • पन्नीखोह जलप्रपात
  • गृद्धकूटा पर्वत
  • धारकुंडी आश्रम
  • रामवन मंदिर
  • नागौद किला
  • पारस मनिया पर्वत और झरना
  • राजा बाबा जलप्रपात
  • बीरसिंघपुर
  • भरहुत
  • भटेश्वर नाथ मंदिर
  • आल्हा उदल अखाडा
  • वैष्णो देवी मंदिर
  • माधवगढ़ किला  
  • मैत्री पार्क
  • पुष्कर्णी पार्क
  • आर्ट इचोल
  • भगवान परशुराम सरोवर           
  • बाणसागर बांध   
  • मां कालिका मंदिर
  • पन्नीखोह जलप्रपात 

मैहर धाम माँ शारदा देवी मंदिर

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां शारदा देवी मंदिर है। यह धाम यहां के सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थलों में से एक है जो विंध्याचल पर्वत के त्रिकूट पर्वत की तलहटी में स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 1059 खड़ी सीढ़ी बनी हुई है। 

चित्रकूट धाम

भगवान राम के वनवास काल का हिस्सा रहा चित्रकूट की पावन धरती में थोड़ी थोड़ी दूर पर उस समय के अभिशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो उस समय के साक्षी हैं। मंदाकनी नदी के किनारे स्थित चित्रकूट जहाँ भारत के कोने -कोने से श्रद्धालु श्रद्धा भक्ति भाव से सालों भर आते रहते हैं। 

गृद्धकूटा पर्वत

यह पर्वत शहर से 65 किलोमीटर की दूरी  पर स्थित है। हरे भरे पहाड़ों की घाटियां प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर नैसर्गिग वातावरण में पहुंचकर इस पर्वत में मौजूद  4 गुफायें देख सकते हैं, जिनमें रॉक पेंटिंग तथा मुराल पेंटिंग देखे जा सकते है। यहां हर साल जनवरी के महीने में बसंत पंचमी के दिन विशाल मेला लगता है जिसमें लाखों सैलानी शामिल होते हैं।

धारकुंडी आश्रम

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

यह घने जंगल के बीच में स्थित एक मनोरम स्थल है। यहां पर एक कुंड है, जिसमें पहाड़ों से पानी आता है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य हरियाली भरा है। बरसात के समय आप यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। पानी ठंडा और साफ है। यहां पर एक मंदिर और आश्रम है।

रामवन मंदिर

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

यह मन्दिर सतना की एक धार्मिक जगह है। जहां पर हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा है, इस प्रतिमा की खास बात यह है कि इस प्रतिमा की ऊंचाई हर साल बढ़ती है। इसी खासियत के कारण दूर-दूर से लोग इस प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां पर और भी खूबसूरत मूर्तियां हैं। यहां पर शिव भगवान जी की उनके परिवार के साथ मूर्ति है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां पर एक तालाब है, जिसमें बोटिंग की सुविधा है। तालाब के किनारे पर भगवान शिव का मंदिर भी स्थित है।

पारस मनिया पर्वत और झरना

यहाँ की प्राकृतिक वातावरण की खूबसूरती मन मोह लेने वाले हरे भरे वन और घाटी का मनोरम दृश्य बहुत ही आकर्षक है, जहाँ जगह – जगह पर झरनें नदियाँ देखने को मिलते हैं।यह स्थान सतना शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है। जंगली गलियारों के बीच मौजूद परसमनिया पर्वत के चोटी के ऊपर से शानदार दृश्य दिखाई पड़ता है।

राजा बाबा जलप्रपात

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सतना में खूबसूरत झरनें, नदियाँ और जंगल का एक साथ समन्वय देखने को मिलता है। राजा बाबा जलप्रपात, जहाँ प्राकृतिक नैसर्गक वातावरण का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। विंध्य के चोटी पर बसा परसमनिया पर्वत के पास स्थित सतना का राजा बाबा जलप्रपात है, जिसकी दूरी सतना शहर से लगभग 40 किलोमीटर है।

बीरसिंघपुर

बिरसिंहपुर सतना शहर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है स्थान भगवान शिव जी को समर्पित है यह एक मंदिर है

भरहुत

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यह एक बौद्ध साइट है। भरहुत सतना शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर पत्थरों पर नक्काशी की गई है। यहां पर प्राचीन बौद्ध स्तूप स्थित हैं। यहां पर सम्राट अशोक का शिलालेख भी बना हुआ है। यह जगह खूबसूरत है और एक पहाड़ी पर स्थित है।

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

भटेश्वर नाथ मंदिर

बटेश्वर नाथ मंदिर सतना मुख्य शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर है, जो बटेश्वर नाथ जी को समर्पित है। यह सतना नदी के बीचो बीच में स्थापित है। प्रत्येक रविवार को विशाल भंडारे के आयोजन होता है यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है

आल्हा उदल अखाडा

आल्हा उदल अखाड़ा सतना यह अखाड़ा मैहर माता के प्रचार में है। यह वही अखाड़ा है जहां पर माता शारदा ने आल्हा उदल को अमर होने का वरदान दिया था। 

वैष्णो देवी मंदिर

इस मंदिर का निर्माण सतना की जेल में बंद कैदियों ने करवाया था और यह मंदिर सतना मुख्य जेल के पास में ही स्थित है। यह मंदिर सतना रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

माधवगढ़ किला  

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

यह किला सतना नदी के किनारे पर बना हुआ है। यह किला खंडहर अवस्था में है। इस किले के अंदर जाना मना है। माधवगढ़ किले के अंदर लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। लोग बाहर से ही इस किले को देख सकते हैं। इस किले का जो प्रवेश द्वार है, वह बहुत ही बड़ा है और लकड़ी का बना हुआ है। किले के बाहर बहुत सारी छतरियां बनी हुई हैं और इन छतरियां के नीचे मंदिरों में भगवान शिव के शिवलिंग बने हुए हैं। यहां पर बहुत बड़ा मैदान है। यह किला अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

मैत्री पार्क

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

सतना में स्थित बद्री पुरम में एक अच्छा बगीचा है, जो कि सतना जिले के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यहां एक तालाब है और इस तालाब में शंकर जी का मंदिर भी बना हुआ है। यह पार्क बहुत ही मनोरम है। बच्चों के लिए यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं। यहां पर फव्वारा भी लगा हुआ है। इस पार्क में हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा है। इस पार्क में जानवरों की बहुत सारी मूर्तियां बानी हुई हैं। 

पुष्कर्णी पार्क

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

पुष्कर्णी पार्क सतना शहर के मध्य में स्थित एक खूबसूरत पार्क है। यह पार्क रेलवे स्टेशन के पास ही में है। यहां पर सुबह के समय एंट्री फ्री रहती है। आस पास के लोग यहां पर मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। यहां पर बहुत सारे झूले हैं, जो बच्चों के लिए बहुत अच्छे हैं। शाम के समय यहां पर फव्वारा चालू होता है, जो बहुत ही खूबसूरत लगता है। पार्क में तरह-तरह के फूल लगे हुए हैं और चारों तरफ यहां पर हरियाली है। 

आर्ट इचोल

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

आर्ट इचोल एक दर्शनीय जगह है। यहां पर कई तरह के कलात्मक वस्तुएं हैं , जिनका निर्माण स्क्रैप से किया गया है। इस जगह पर लकडी, मिट्टी, धातु और पत्थर से बनी कलात्मक वस्तुएं खुले आसमान के नीचे देखने को मिलती है। यह जगह पूरी तरह से इन अद्भुत वस्तुओं से भरी हुई हैं।

भगवान परशुराम सरोवर       

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

यहां पर परशुराम जी की एक विशाल प्रतिमा है। साथ ही यहां पर एक सरोवर भी बना हुआ है। यह सरोवर सतना सिमरिया रोड पर स्थित है। 

बाणसागर बांध

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

बाणसागर बांध सतना शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। यहां पर बरसात के समय बहुत ही मनोरम नजारा देखने के लिए मिलता है, क्योंकि बरसात के समय बांध के ओवरफ्लो होने के कारण बांध के गेट खोल दिए जाते हैं, जिससे बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने के लिए मिलता है।

मां कालिका मंदिर

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

सतना के भटनवारा में स्थित माता कालिका के मंदिर में देवी दर्शन के लिए नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां विराजी माता रानी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति के लिए तो विख्यात हैं ही  साथ ही अपने चमत्कारों और अपनी भाव-भंगिमाओं के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

पन्नीखोह जलप्रपात 

मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में

प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत ही शानदार पन्नीखोह जलप्रपात त्रिकूट पर्वत में मौजूद मैहर मंदिर के समीप एक प्राकृतिक झरना है, जो पहाड़ के ऊपर से गिरती हुयी झिलमिल जलधारा है। जंगली गलियारों से होते हुए यहां पहुंचते हैं। यह एक बेहतरीन जलप्रपात है जो प्रकृति के वादियों के सौंदर्य का मनोरम दृश्य है। 

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में सतना का चयन किया गया है।"

द्रोपदी के एक ही पति थे - युधिष्ठिर

द्रोपदी के एक ही पति थे - युधिष्ठिर

द्रोपदी के एक ही पति थे - युधिष्ठिर

जर्मन के संस्कृत जानकार मैक्स मूलर को जब विलियम हंटर की कमेटी के कहने पर वैदिक धर्म के आर्य ग्रंथों को बिगाड़ने का जिम्मा सौंपा गया तो उसमे मनु स्मृति, रामायण, वेद के साथ साथ महाभारत के चरित्रों को बिगाड़ कर दिखाने का भी काम किया गया। किसी भी प्रकार से प्रेरणादायी पात्र - चरित्रों में विक्षेप करके उसमे झूठ का तड़का लगाकर महानायकों को चरित्रहीन, दुश्चरित्र, अधर्मी सिद्ध करना था, जिससे भारतीय जनमानस के हृदय में अपने ग्रंथो और महान पवित्र चरित्रों के प्रति घृणा और क्रोध का भाव जाग जाय और प्राचीन आर्य संस्कृति सभ्यता को निम्न दृष्टि से देखने लगें और फिर वैदिक धर्म से आस्था और विश्वास समाप्त हो जाय। लेकिन आर्य नागरिको के अथक प्रयास का ही परिणाम है कि मूल महाभारत के अध्ययन बाद सबके सामने द्रोपदी के पाँच पति के दुष्प्रचार का सप्रमाण खण्डन किया जा रहा है। द्रोपदी के पवित्र चरित्र को बिगाड़ने वाले विधर्मी, पापी वो तथाकथित ब्राह्मण, पुजारी, पुरोहित भी हैं जिन्होंने महाभारत ग्रंथ का अध्ययन किये बिना अंग्रेजो के हर दुष्प्रचार और षड्यंत्रकारी चाल, धोखे को स्वीकार कर लिया और धर्म को चोट पहुंचाई।

विवाह_का_विवाद क्यों पैदा हुआ था:--

(१) अर्जुन ने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। यदि उससे विवाह हो जाता तो कोई परेशानी न होती। वह तो स्वयंवर की घोषणा के अनुरुप ही होता।

(२) परन्तु इस विवाह के लिए कुन्ती कतई तैयार नहीं थी।

(३) अर्जुन ने भी इस विवाह से इन्कार कर दिया था। "बड़े भाई से पहले छोटे का विवाह हो जाए यह तो पाप है। अधर्म है।" (भवान् निवेशय प्रथमं)

मा मा नरेन्द्र त्वमधर्मभाजंकृथा न धर्मोsयमशिष्टः (१९०-८)

(४) कुन्ती मां थी। यदि अर्जुन का विवाह भी हो जाता,भीम का तो पहले ही हिडम्बा से (हिडम्बा की ही चाहना के कारण) हो गया था। तो सारे देश में यह बात स्वतः प्रसिद्ध हो जाती कि निश्चय ही युधिष्ठिर में ऐसा कोई दोष है जिसके कारण उसका विवाह नहीं हो सकता।

(५) आप स्वयं निर्णय करें कुन्ती की इस सोच में क्या भूल है? वह माता है, अपने बच्चों का हित उससे अधिक कौन सोच सकता है? इसलिए माता कुन्ती चाहती थी और सारे पाण्डव भी यही चाहते थे कि विवाह युधिष्ठिर से हो जाए।

🔸प्रश्न:-क्या कोई ऐसा प्रमाण है जिसमें द्रौपदी ने अपने को केवल एक की पत्नी कहा हो या अपने को युधिष्ठिर की पत्नी बताया हो ?

🔸उत्तर:- द्रौपदी को कीचक ने परेशान कर दिया तो दुःखी द्रौपदी भीम के पास आई। उदास थी। भीम ने पूछा सब कुशल तो है? द्रौपदी बोली जिस स्त्री का पति राजा युधिष्ठिर हो वह बिना शोक के रहे, यह कैसे सम्भव है?

आशोच्यत्वं कुतस्यस्य यस्य भर्ता युधिष्ठिरः ।

जानन् सर्वाणि दुःखानि कि मां त्वं परिपृच्छसि ।।-(विराट १८/१)

_द्रौपदी स्वयं को केवल युधिष्ठिर की पत्नि बता रही है।_

🔸 वह भीम से कहती है- जिसके बहुत से भाई, श्वसुर और पुत्र हों,जो इन सबसे घिरी हो तथा सब प्रकार अभ्युदयशील हो, ऐसी स्थिति में मेरे सिवा और दूसरी कौन सी स्त्री दुःख भोगने के लिए विवश हुई होगी-

भ्रातृभिः श्वसुरैः पुत्रैर्बहुभिः परिवारिता ।

एवं सुमुदिता नारी का त्वन्या दुःखिता भवेत् ।।-(२०-१३)

द्रौपदी स्वयं कहती है उसके बहुत से भाई हैं, बहुत से श्वसुर हैं, बहुत से पुत्र भी हैं,फिर भी वह दुःखी है। यदि बहुत से पति होते तो सबसे पहले यही कहती कि जिसके पाँच-पाँच पति हैं, वह मैं दुःखी हूँ,पर होते तब ना।

🔸और जब भीम ने द्रौपदी को,कीचक के किये का फल देने की प्रतिज्ञा कर ली और कीचक को मार-मारकर माँस का लोथड़ा बना दिया तब अन्तिम श्वास लेते कीचक को उसने कहा था, *"जो सैरन्ध्री के लिए कण्टक था,जिसने मेरे भाई की पत्नी का अपहरण करने की चेष्टा की थी, उस दुष्ट कीचक को मारकर आज मैं अनृण हो जाऊंगा और मुझे बड़ी शान्ति मिलेगी।"

अद्याहमनृणो भूत्वा भ्रातुर्भार्यापहारिणम् ।

शांति लब्धास्मि परमां हत्वा सैरन्ध्रीकण्टकम् ।।-(विराट २२-७९)

इस पर भी कोई भीम को द्रौपदी का पति कहता हो तो क्या करें? मारने वाले की लाठी तो पकड़ी जा सकती है, बोलने वाले की जीभ को कोई कैसे पकड़ सकता है?

🔸द्रौपदी को दांव पर लगाकर हार जाने पर जब दुर्योधन ने उसे सभा में लाने को दूत भेजा तो द्रौपदी ने आने से इंकार कर दिया। उसने कहा जब राजा युधिष्ठिर पहले स्वयं अपने को दांव पर लगाकर हार चुका था तो वह हारा हुआ मुझे कैसे दांव पर लगा सकता है? महात्मा विदुर ने भी यह सवाल भरी सभा में उठाया। द्रौपदी ने भी सभा में ललकार कर यही प्रश्न पूछा था -क्या राजा युधिष्ठिर पहले स्वयं को हारकर मुझे दांव पर लगा सकता था? सभा में सन्नाटा छा गया।* किसी के पास कोई उत्तर नहीं था। तब केवल भीष्म ने उत्तर देने या लीपा-पोती करने का प्रयत्न किया था और कहा था, *"जो मालिक नहीं वह पराया धन दांव पर नहीं लगा सकता परन्तु स्त्री को सदा अपने स्वामी के ही अधीन देखा जा सकता है।"-

अस्वाभ्यशक्तः पणितुं परस्व ।स्त्रियाश्च भर्तुरवशतां समीक्ष्य ।-(२०७-४३)

"ठीक है युधिष्ठिर पहले हारा है पर है तो द्रौपदी का पति और पति सदा पति रहता है, पत्नी का स्वामी रहता है।"

यानि द्रौपदी को युधिष्ठिर द्वारा हारे जाने का दबी जुबान में भीष्म समर्थन कर रहे हैं। यदि द्रौपदी पाँच की पत्नी होती तो वह ,बजाय चुप हो जाने के पूछती,जब मैं पाँच की पत्नी थी तो किसी एक को मुझे हारने का क्या अधिकार था? द्रौपदी न पूछती तो विदुर प्रश्न उठाते कि "पाँच की पत्नि को एक पति दाँव पर कैसे लगा सकता है? यह न्यायविरुद्ध है।"

स्पष्ट है द्रौपदी ने या विदुर ने यह प्रश्न उठाया ही नहीं। यदि द्रौपदी पाँचों की पत्नी होती तो यह प्रश्न निश्चय ही उठाती।_

इसीलिए भीष्म ने कहा कि द्रौपदी को युधिष्ठिर ने हारा है। युधिष्ठिर इसका पति है। चाहे पहले स्वयं अपने को ही हारा हो, पर है तो इसका स्वामी ही। और नियम बता दिया - जो जिसका स्वामी है वही उसे किसी को दे सकता है,जिसका स्वामी नहीं उसे नहीं दे सकता।

🔸 द्रौपदी कहती है- "कौरवो ! मैं धर्मराज युधिष्ठिर की धर्मपत्नि हूं।तथा उनके ही समान वर्ण वाली हू।आप बतावें मैं दासी हूँ या अदासी?आप जैसा कहेंगे,मैं वैसा करुंगी।"-

तमिमांधर्मराजस्य भार्यां सदृशवर्णनाम् ।

ब्रूत दासीमदासीम् वा तत् करिष्यामि कौरवैः ।।-(६९-११-९०७)

द्रौपदी अपने को युधिष्ठिर की पत्नी बता रही है।

🔸पाण्डव वनवास में थे दुर्योधन की बहन का पति सिंधुराज जयद्रथ उस वन में आ गया। उसने द्रौपदी को देखकर पूछा -तुम कुशल तो हो?द्रौपदी बोली सकुशल हूं।मेरे पति कुरु कुल-रत्न कुन्तीकुमार राजा युधिष्ठिर भी सकुशल हैं।मैं और उनके चारों भाई तथा अन्य जिन लोगों के विषय में आप पूछना चाह रहे हैं, वे सब भी कुशल से हैं। राजकुमार ! यह पग धोने का जल है। इसे ग्रहण करो।यह आसन है, यहाँ विराजिए।-

कौरव्यः कुशली राजा कुन्तीपुत्रो युधिष्ठिरः

अहं च भ्राताश्चास्य यांश्चा न्यान् परिपृच्छसि ।-(१२-२६७-१६९४)

द्रौपदी भीम,अर्जुन,नकुल,सहदेव को अपना पति नहीं बताती,उन्हें पति का भाई बताती है।

और आगे चलकर तो यह एकदम स्पष्ट ही कर देती है। जब युधिष्ठिर की तरफ इशारा करके वह जयद्रथ को बताती है---

एतं कुरुश्रेष्ठतमम् वदन्ति युधिष्ठिरं धर्मसुतं पतिं मे ।-(२७०-७-१७०१)

"कुरू कुल के इन श्रेष्ठतम पुरुष को ही ,धर्मनन्दन युधिष्ठिर कहते हैं। ये मेरे पति हैं।"

क्या अब भी सन्देह की गुंजाइश है कि द्रौपदी का पति कौन था?

🔸कृष्ण संधि कराने गए थे। दुर्योधन को धिक्कारते हुए कहने लगे"-- दुर्योधन! तेरे सिवाय और ऐसा अधम कौन है जो बड़े भाई की पत्नी को सभा में लाकर उसके साथ वैसा अनुचित बर्ताव करे जैसा तूने किया। -

कश्चान्यो भ्रातृभार्यां वै विप्रकर्तुं तथार्हति ।

आनीय च सभां व्यक्तं यथोक्ता द्रौपदीम् त्वया ।।-(२८-८-२३८२)

कृष्ण भी द्रौपदी को दुर्योधन के बड़े भाई की पत्नी मानते हैं।

जावित्री || Mace || Javitri ||

 जावित्री

भारतीय रसोई घर में जावित्री का अपना एक अलग स्थान है। भारतीय व्यंजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मसाले का प्रयोग किया जाता है, जो ना सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं अपितु स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। उन्हीं में से "जावित्री" भी एक मसाला है। लगभग हर रसोई घर में यह मसाला पाया जाता है। आज इस मसाले के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे।

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

जावित्री क्या है?

जायफल एक जड़ी बूटी है, जिसका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। जायफल का वृक्ष हमेशा हरा-भरा रहता है और सुगंधित होता है। वृक्ष के तने श्यामल रंग के होते हैं, जिसमें बाहर छिद्र होता है। अंदर लाल रंग के द्रव्य होते हैं। इसके पत्ते लंबे और भालाकार होते हैं। इसके फूल छोटे-छोटे सुगंधित और पीले सफेद रंग के होते हैं। यह गोलाकार, अंडाकार तथा लाल और पीला रंग का होता है। फल पकने पर दो भागों में फट जाता है, जिसमें से जायफल निकलता है। जायफल को चारों ओर से घेरे हुए लाल रंग का कड़ा मांसल कवच होता है, जिसे जावित्री कहते हैं। इसी जावित्री के अंदर जायफल होता है।

हालांकि, कई बार लोग जायफल और जावित्री दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जायफल इस पेड़ का बीज होता है और इसे ढकने वाली रेशेदार परत को जावित्री कहा जाता है। जायफल की तरह ही जावित्री के फायदे भी अनेक हैं। 

जानते हैं जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

किचन में मौजूद कई मसाले ऐसे हैं, जिन्हें स्वाद सेहत और सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।  कुछ मसाले तो ऐसे हैं, जिनके बिना कुछ डिश अधूरी हैं। जावित्री एक ऐसा मसाला है जो लगभग हर किचन में आपको आसानी से मिल जाएगी। जावित्री कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

पाचन तंत्र के लिए 

व्यस्त दिनचर्या के कारण ज्यादा बाहरी खाना या ठीक वक्त पर न खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं। पाचन में जैसे जायफल मदद करता है, वैसे ही जावित्री भी पेट और पाचन के लिए लाभकारी हो सकती है। एक रिसर्च के अनुसार, जायफल और जावित्री दोनों को पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। 

सर्दी-जुकाम में 

मौसम बदलने से सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या सामान्य है। ऐसे में जावित्री एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकती है। इसे कई वर्षों से उपयोग भी किया जा रहा है। इसके एंटी-एलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी-जुकाम जैसी एलर्जिक समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। कई बार सुना होगा कि सर्दी जुकाम में छोटे बच्चों को पत्थर पर घिस कर जावित्री या जायफल चटाया जाता है।

भूख बढ़ाने में मददगार

कई बार बाहर का खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे – एसिडिटी व पेट में संक्रमण हो जाता है, जिस कारण भूख कम हो जाती है। ऐसे में जावित्री के उपयोग से पाचन शक्ति में सुधार हो सकता है और जिससे भूख भी बढ़ सकती है। 

अर्थराइटिस में जावित्री के फायदे

उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह दर्द भी होने लगता है। बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना सामान्य है। ऐसे में इससे बचाव के लिए जावित्री का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन की वजह से जोड़ों में होने वाली समस्या, जिसे रुमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) कहते हैं, उससे बचा सकती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है।

वजन घटाने में 

रोज़ाना नियमित रूप से व्यायाम और सही डाइट के साथ खाने में जावित्री का इस्तेमाल भी ज़रूर करें। इससे आपको शरीर से चर्बी कम करने में मदद मिलेगी।

त्वचा के लिए

स्किन को स्वस्थ रखने के लिए जावित्री का सेवन कर सकते हैं। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती है। प्राकृतिक रूप से त्वचा में निखार लाने के लिए जावित्री का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है।

नींद के लिए फायदेमंद

जावित्री अनिद्रा की समस्या को भी दूर कर सकती है। इसमें कुछ ऐसे यौगिक हैं, जो अच्छी नींद को बढ़ावा देते हैं।

लिवर के लिए

लिवर की समस्या अक्सर तेल और मसालों की वजह से बढ़ती है। जिन्हें ठीक करने के लिए जावित्री का उपयोग करना चाहिए। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

दांतो के लिए 

जावित्री का इस्तेमाल दांतों के स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो दांतो में कैविटी की समस्या से भी निजात दिलाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये एंटी-कैंसर की तरह काम करता है, जो मुंह के कैंसर से बचाव करता है।

जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value

जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value

जावित्री के नुकसान

जैसा कि हम सभी जानते हैं किसी भी चीज की अधिकता बुरी होती है।

जावित्री की 5 ग्राम या उससे अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर हिचकी, बहुत अधिक प्यास लगना, पेट दर्द, व्याकुलता तथा लिवर से जुड़ी समस्या हो सकती है।

जावित्री में मिरिस्टिसिन नामक केमिकल होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन मतिभ्रम (Hallucinations) जैसी मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है।

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जावित्री या इसके सप्लीमेंट्स का डॉक्टर से परामर्श लिए बिना सेवन नहीं करना चाहिए। 

English Translate

Mace

Mace has its own special place in the Indian kitchen. Various spices are used to enhance the taste of Indian cuisine, which not only enhance the taste of food but are also beneficial for health. Among them "Javitri" is also a spice. This spice is found in almost every kitchen. Today we will discuss the medicinal properties of this spice.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

What is mace?

Nutmeg is an herb, which is used as a spice. The nutmeg tree always remains green and is fragrant. The trunk of the tree is dark in colour, with holes on the outside. There are red colored substances inside. Its leaves are long and lanceolate. Its flowers are small, fragrant and yellowish white in colour. It is circular, oval and red and yellow in color. When the fruit ripens, it splits into two, from which nutmeg comes out. Surrounding the nutmeg from all sides is a hard fleshy armor of red colour, which is called Javitri. There is nutmeg inside this mace.


However, many times people consider both nutmeg and mace to be the same, but it is not so. Nutmeg is the seed of this tree and the fibrous layer covering it is called Javitri. Like nutmeg, the benefits of mace are also many.

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of mace

There are many spices present in the kitchen, which are used to enhance taste, health and beauty. Some spices are such, without which some dishes are incomplete. Mace is such a spice that you will find it easily in almost every kitchen. Mace is rich in many nutrients and properties, which are beneficial for health.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

for the digestive system

Stomach and digestion related problems are common due to busy routine, eating too much outside food or not eating at the right time. Just like nutmeg helps in digestion, mace can also be beneficial for the stomach and digestion. According to a research, both nutmeg and mace are used to increase digestive power.

in cold

The problem of cold and fever is common due to change of weather. In this case, mace can be a good home remedy. It is also being used for many years. Its anti-allergic, antioxidant and anti-inflammatory properties can prevent allergic problems like cold and flu. You must have heard many times that small children are made to lick mace or nutmeg by rubbing it on a stone in case of cold.

helps to increase appetite

Sometimes eating outside food causes stomach and digestive problems, such as acidity and stomach infection, due to which the appetite decreases. In such a situation, the use of mace can improve digestion and thereby increase appetite.

benefits of mace in arthritis

With age, the bones start becoming weak and pain also starts at different places in the body. This is normal with increasing age. In such a situation, mace can be consumed to prevent it. Actually, mace has anti-inflammatory properties. It can prevent the problem of joints caused by inflammation, which is called rheumatoid arthritis. Rheumatoid arthritis is a type of arthritis.

weight loss

Make sure to use mace in food along with regular exercise and proper diet. This will help you reduce fat from the body.

to skin

You can consume mace to keep the skin healthy. Maclignon present in mace helps to protect the skin from damage caused by the harmful rays of the sun. Mace can be used to lighten the skin naturally. The macelignan present in it protects against the harmful rays of the sun.

good for sleep

Mace can also remove the problem of insomnia. There are certain compounds in it that promote good sleep.

for liver

Liver problems often increase due to oil and spices. To cure those, mace should be used. The anti-inflammatory and antioxidant properties present in it help detox the liver.

for teeth

The use of mace proves helpful for the health of the teeth. It has anti-bacterial properties, which also relieves the problem of cavity in the teeth. Not only this, it acts like an anti-carcinogenic agent, which prevents oral cancer.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

Disadvantages of Mace

As we all know, excess of anything is bad.

Using 5 grams or more of mace can cause hiccups, excessive thirst, stomach pain, agitation and liver problems.

Mace contains a chemical called myristicin, which can cause mental problems like hallucinations if consumed in excess.

Pregnant women and lactating women should not consume mace or its supplements without consulting a doctor.

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25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Good morning Quotes

A new dawn brings a new ray of hope in the lives of us and our loved ones. Morning time gives us an opportunity and inspiration to forget our problems and move forward in life. At this time our energy level and our positive thinking is high, so if you decide to do any work, then the expectation of its completion increases a lot, that is why today we have brought for you some of the best Inspirational Good Morning Quotes.

Rupa Oos ki ek Boond

जो टूट कर भी मुस्करा दे, उसे कोई हरा नहीं सकता।
🙏🏻Good Morning 💐

You can be anything you want in the world, just don't be “Ungrateful" 

👍🏻Good Morning 🌻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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Don't live for your Presence to be noticed, but for your Absence to be felt.

🙏🏻 Good Morning 👌🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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It's important to make someone happy, and it's important to start with yourself.

✌🏻 Good Morning ☀️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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Success is getting what you want happiness is wanting what you get.

✌🏻Gud Morning ☕️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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If we do not feel grateful for what we already have, what makes us think we'd be happy with more?

🟢 Good Morning 🫐

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You cannot undo the moves but you can make the next step better.

🍀🍇 Good Morning 🍇🍀

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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Integrity is choosing your thoughts and actions based on values rather than personal gain.

👍🏻 Good Morning ☀️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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Life Begins .... the moment you realize you don't have to prove shit to anyone.

🎲 Good Morning 🌅

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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No poison can kill positivity.... No medicine can cure negativity

✌🏻GOOD MORNING 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages  

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🔔 *Morning Bell "🔔

People only find faults with goodness ,as no one looks towards muck.

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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If we did not sometimes taste of adversity, prosperity would not be so welcome.

👍🏻Good Morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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Everyone you meet has something valuable to teach you.

👍🏻 Good Morning 🎲

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You Cannot Grow Unless.

You are Willing to Change.

✌🏻GOOD MORNING🌸

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Train your mind to be stronger than your emotions or else you'll lose yourself every time.

✌🏻 Good Morning 🌻

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God gave us the gift of life; it is up to us to give ourselves the gift of living well.

✌🏻Good Morning 🙏🏻

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If we do not feel grateful for what we already have, what makes us think we'd be happy with more?

👍🏻 Good Morning 🌻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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You create your beauty through your behaviors your actions and your attitude.

☝🏻Gud Morning ☕️

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STOP SETTING YOURSELF ON FIRE FOR PEOPLE WHO WILL SIT THERE AND WATCH YOU BURN.

🍀Good Morning 🍀

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Make a point of trying to alter or correct conditions so that they are most favorable to you

🌻🙏🏼Good Morning 🌷💐

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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"One day you will be at the place you always wanted to be. Don't stop believing."_

💠 _Good Morning_ 👌🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

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As long as there is anger, irritation, hatred, jealousy and intolerance in us, we are like a bomb ready to explode any time.

👆Good Morning👆

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Maturity is when you realise your goals are more important than your ego.

👍🏻 Good Morning ☀️

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Beauty begins the moment you decide to be yourself.

✌🏻Gud Morning ☕️

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