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गुजरात || Gujarat ||

गुजरात एक नज़र में

आज हम बात करने जा रहे हैं, गुजरात की। बैसे गुजरात को हर इंसान बहुत बेहतर जानता है। हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद दामोदर दास मोदी एवं गृहमंत्री श्री अमित शाह जी गुजरात से ही हैं। 

गुजरात एक नज़र में

गुजरात का इतिहास एक नज़र में

यूं तो गुजरात का इतिहास सदियों पहले पाषाण युग के समय से है, जिसमें चोल, कोलिक और कांस्य युग के बस्तियों जैसे सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हुआ। गुजरात प्रदेश के पश्चिम में विशाल सागर तट है, इस तट पर आकर जो लोग बसे उनके आदिपुरुष अफ्रीका के पूर्वी किनारे से आए होंगे, ऐसा अनुमान किया जाता है। गुजरात धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यह 12 जोतिर्लिंग में से एक जोतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के रूप में स्थापित है। भगवान द्वारकाधीश का मंदिर भी गुजरात में द्वारकापुरी में बना हुआ है। जब हिमालय का सृजन हुआ, उस दौरान भारत के पश्चिमी भाग से अफ्रीका का भू-खंड अलग हो गया। इस भौगोलिक नवसृजन की प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाए तो इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता कि आदिमानव समूह, जो अफ्रीका में बसता था, और वही वर्तमान सौराष्ट्र कहे जाने वाले भू-भाग में भी बसा हुआ था। नक्शे को ध्यान से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि ये दोनों भू-खंड एक दूसरे से अलग हुए हैं और उनके बीच का भाग अरब सागर बना है। 

गुजरात एक नज़र में

गुजरात के प्राचीन मंदिर एक नज़र में

सोमनाथ मंदिर: भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक और 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे महत्वपूर्ण सोमनाथ मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावत के प्राचीन शहर के पास है जो आस्था का प्रतीक है। इसी क्रम में द्वारकाधीश मंदिर भारत के चार धामों में से एक, हिंदू तीर्थयात्रियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। द्वारका भगवान विष्णु के अवतार द्वारा शासित शहर था। भगवान कृष्ण को समर्पित कुछ सबसे शानदार हिंदू मंदिरों में एक द्वारकाधीश भी है।द्वारका का धार्मिक केंद्र अहमदाबाद से 441 किमी दूर है।

उसके बाद गुजरात का अंबाजी मंदिर भी प्रसिद्ध है जो कि गुजरात में एक प्रमुख पवित्र स्थान है और मंदिर देवी अम्बा और भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है। अंबाजी मंदिर सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। यह खूबसूरत मंदिर अहमदाबाद से 179 km दूर है ।

अक्षरधाम मंदिर भारत और दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है जो गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित है। भगवान स्वामीनारायण मंदिर के अंदर पूजे जाने वाले प्राथमिक देवता हैं।

गुजरात के प्राचीन मंदिर एक नज़र में

व्यवसाय की दृष्टिकोण से गुजरात एक नज़र

गुजरात एक मात्र राज्य है, जो 100 जिला मुख्यालय में 5G सेवाएं देता है। गुजरात राज्य का एक शहर सूरत कपड़ा व्यवसाय में सबसे आगे बना हुआ है। सबसे अच्छे सस्ते कपड़ों का जब भी जिक्र आता है। हर भरतीय के जेहन में सब्प्रथम सूरत ही उतरता है। भारतवर्ष का औद्योगिक राज्य माना जाने वाला गुजरात देश के कुल औद्योगिक उत्पादन के 19.8 प्रतिशत उत्पादन का हिस्सेदार है। गाँधीनगर इस राज्य की राजधानी है, जबकि अहमदाबाद यहाँ कि व्यावसायिक राजधानी मानी जाती है। इतना ही नहीं, विश्व का सबसे बड़ा जहाज बनाने का कारखाना भी गुजरात के आलंग जिले में स्थित है। साथ ही रिलायंस समूह का मूल भी इस राज्य से जुड़ा हुआ है। साथ ही अमूल का नाम भी इसी राज्य से जुड़ा है, जिसने यहाँ पर दुग्धोत्पादन को नई दिशा दी।

वीर बजरंगबली पंचमुखी कब और क्यों हुए

वीर बजरंगबली पंचमुखी कब और क्यों हुए

वैसे तो हनुमान जी स्वयं भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हैं और सदैव उनके नाम का स्मरण करते रहते हैं, किंतु रामायण की एक कथानुसार जगत के प्रतिपालनहार श्री पर एक समय जब संकट आया तब अपने प्रभु को संकट में देख कर संकटनीवारण श्री हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार धारण कर संकट को टाला था। 

वीर बजरंगबली पंचमुखी कब और क्यों हुए

श्री राम, रावण युद्ध के दौरान (मेघनाथ) इंद्रजीत के मारे जाने के पश्चात रावण चिंताग्रस्त हो गया था। रावण को कुछ दुःखी देखकर रावण की मां कैकसी ने उसके पाताल में बसे दो भाइयों अहिरावण और महिरावण की याद दिलाई जो तंत्र-मंत्र के महा पंडित, जादू टोने के धनी और मां कामाक्षी के परम भक्त थे। माँ केकसी के याद दिलाने पर रावण ने अपने दोनों भाइयों को बुलाया एवं अपनी मायावी शक्तियों छल बल से वध करने का आदेश दिया। उसके पश्चात दोनों भाई श्री राम प्रभु की कुटिया में पहुँचे, जहाँ प्रभु अपने अनुज श्री लक्ष्मण जी के साथ विश्राम कर रहे थे, वहाँ से वो दैत्य प्रभु श्री राम व लक्ष्मण को बिना आहट के शिला समेत उठा लिया और अपने निवास पाताल लोक ले गए। 

जब बजरंगबली ने उन दोनों राक्षसों को अपने प्रभु को ले जाते हुए देखा, तो उनका पीछा किया। तब पता चला कि वो राम लक्ष्मण को कामाक्षी देवी को बलि चढाने ले गए हैं, हनुमान रसातल गए जहां उनकी भेंट अपने बेटे मकरध्वज से हुई, जिसके शरीर का ऊपरी हिस्सा वानर का और निचला हिस्सा मछली का था। बजरंगबली ने उससे कामाक्षी मंदिर का मार्ग पूछा, तो उसने हनुमान जी का साथ देते हुए कामाक्षी मंदिर जाने का मार्ग बतलाया। 

वीर बजरंगबली पंचमुखी कब और क्यों हुए

मंदिर पहुंचने पर मां कामाक्षी ने हनुमान जी को सफलता का आशीर्वाद देते हुए मंदिर में अलग-अलग दिशाओं और स्थानों पर जल रहे पांच दीप दिखाकर कहा, यह दीप अहिरावण ने मेरी प्रसन्नता के लिए जलाये हैं। जिस दिन ये एक साथ बुझा दिए जा सकेंगे, उसका अंत सुनिश्चित हो सकेगा। यह युद्ध बजरंगबली और मकरध्वज के लिए आसान न था। मायावी अहिरावण और महिरावण बड़ी मुश्किल से मरते, तो फिर पाँच पाँच के रूप में जीवित हो जाते। यह देखकर हनुमान जी कुछ चिंतित हुए। तभी उन्हें कामाक्षी देवी के वचन याद आए, हनुमान जी ने तत्काल पंचमुखी रूप धारण कर लिया। उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की ओर हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख। तत्पश्चात हनुमान जी ने अपने पांचों मुख द्वारा एक साथ पांचों दीपक बुझा दिए, इस प्रकार शीघ्र ही दोनों राक्षस मारे गए।

बजरंगबली के पंचमुखी अवतार के नाम एवं उनके पांचों मुख का महत्व

पंचमुखी हनुमान जी के पांचों मुख पांच अलग-अलग दिशाओं में हैं एवं इनके अलग-अलग महत्व हैं।

वीर बजरंगबली पंचमुखी कब और क्यों हुए

  • प्रथम वानर मुख: यह मुख पूर्व दिशा में है तथा दुश्मनों पर विजय प्रदान करता है।
  • द्वितीय गरुड़ मुख: यह मुख पश्चिम दिशा में है तथा जीवन की रुकावटों और परेशानियों नाशक है।
  • तृतीया वराह मुख: यह मुख उत्तर दिशा में है तथा लंबी उम्र, प्रसिद्धि और शक्ति दायक है।
  • चतुर्थ नृसिंह मुख: यह दक्षिण दिशा में है, यह डर, तनाव व मुश्किलें दूर करता है।
  • पंचम अश्व मुख: यह मुख आकाश की दिशा में है एवं मनोकामनाएं पूरी करता है।

गुरु तेग़ बहादुर || Guru Tegh Bahadur ||

गुरु तेग़ बहादुर (Guru Tegh Bahadur)

कौन थे गुरु तेगबहादुर? क्यों इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया इनका नाम?

श्री गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे। इनका जन्म अमृतसर में 1 अप्रैल 1621 में हुआ था। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है। सारे विश्व मे सिख समुदाय के साथ साथ अन्य धर्मों के लोग भी गुरु तेगबहादुर जी से अत्यधिक प्रभावित हैं।

गुरु तेग़ बहादुर (Guru Tegh Bahadur)

सन 1675 में जब मुग़ल शासक औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम स्वीकार करने को कहा एवं अपने प्रयत्नों से बाध्य करना चाहा, तब श्री गुरु तेगबहादुरजी जी ने कहा था शीश कटा सकता हुँ अपना पर अपने केश (बाल ) नहीं। उनके इस कथन को सुनकर मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुस्से में सबके सामने उनका शीश कटवा दिया था। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब एवं गुरुद्वारा रकाव गंज साहिब आज भी उन स्थानों की याद दिला देते हैं, जहाँ गुरु तेगबहादुरजी का शीश काटा गया एवं उनका अंतिम संस्कार किया गया था। गुरु जी का बलिदान हमें बताता है कि उन्होंने अपने धर्म पालन के लिए अपने प्राणों का मोह तक न किया। धर्म के प्रति उनकी आस्था कितनी कियोशक्तिप्रबल थी। 

गुरु तेग़ बहादुर (Guru Tegh Bahadur)

गुरु तेग़ बहादुर जी ने समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था। इसलिए धर्म के सत्य शाश्वत मूल्यों के लिए उनका बलि चढ़ जाना वस्तुतः सांस्कृतिक विरासत और इच्छित जीवन विधान के पक्ष में एक परम साहसिक अभियान था।

मुगल शासक औरंगजेब की धर्म विरोधी धर्म के प्रति वैचारिक स्वतंत्रता को खत्म करने वाली गतिविधियों इक्षाओ के खिलाफ गुरु तेगबहादुर जी का बलिदान ऐतिहासिक घटना थी। गुरु जी का जीवन सदैव अपने धर्म के नियम सिद्धांत पर अडीग रहते हुए धर्म पालन का अद्भुत प्रमाण देता है।

गुरुजी मानवीय धर्म एवं वैचारिक स्वतन्त्रता के लिए अपनी महान शहादत देने वाले एक क्रान्तिकारी युग पुरुष थे। गुरु तेगबहादुर जी का शीश औरंगजेब ने 24 नवम्बर 1675 को दिल्ली के चाँदनी चौक में फतवा पढ़वाकर जलालदिन जल्लाद के हाथों तलवार से कटवाया था। इसलिए इस दिन को गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है और उनकी शहादत को याद किया जाता है। 

उन्होंने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कई स्थानों का भ्रमण किया था। इन्ही यात्राओं के बीच 1666 में गुरु साहेब को पटना में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जो आगे चल कर दसवें गुरुगोविंद सिंह हुए।

गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की गाथा

औरंगजेब के शासन काल में उसके दरबार में एक विद्वान पंडित आकर गीता के श्लोक पढ़ता और उसका अर्थ सुनाता था, पर वह गीता में से कुछ श्लोक छोड़ दिया करता था। एक दिन पंडित बीमार हो गया और औरंगजेब को गीता सुनाने के लिए उसने अपने बेटे को भेज दिया, किंतु उसे किन श्लोकों  छोड़ना है ये बताना भूल गया जिनका अर्थ वहां नहीं करना था।

गुरु तेग़ बहादुर (Guru Tegh Bahadur)

दरबार में पहुंचकर पंडित के बेटे ने जाकर औरंगजेब को पूरी गीता का अर्थ सुना दिया, जिससे औरंगजेब को यह स्पष्ट हो गया कि हर धर्म अपने आपमें एक महान धर्म है और औरंगजेब खुद के धर्म के अलावा किसी और धर्म की प्रशंसा नहीं सुन सकता था। उसके सलाहकारों ने उसे सलाह दी कि वह सबको इस्लाम धारण करवा दे। औरंगजेब ने सबको इस्लाम धर्म अपनाने का आदेश दिया और कुछ लोगों को यह कार्य सौंप दिया।

उसने सबसे कह दिया कि इस्लाम धर्म कबूल करो या मौत को गले लगाओ। ऐसे में अन्य धर्म के लोगों का जीना मुश्किल हो गया। इस जुल्म के शिकार कश्मीरी पंडित गुरु तेगबहादुर के पास आए और उन्हें बताया कि किस तरह ‍इस्लाम धर्म स्वीकारने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और न करने वालों को तरह-तरह की यातनाएं दी जा रही हैं। हमारी बहू-बेटियों की इज्जत को खतरा है। जहां से हम पानी भरते हैं वहां हड्डियां फेंकी जाती है। हमें बुरी तरह मारा जा रहा है। 

जिस समय यह लोग समस्या सुना रहे थे उसी समय गुरु तेगबहादुर के नौ वर्षीय सुपुत्र बाला प्रीतम (गुरु गोविंदसिंह) वहां आए और पिताजी से पूछा- पिताजी यह लोग इतने उदास क्यों हैं? आप इतनी गंभीरता से क्या सोच रहे हैं? गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों की सारी समस्या बताई तो बाला प्रीतम ने कहा- इसका निदान कैसे होगा? गुरु साहिब ने कहा- इसके लिए बलिदान देना होगा। बाला प्रीतम ने कहा कि आपसे महान पुरुष मेरी नजर में कोई नहीं है, भले ही बलिदान देना पड़े पर आप इनके धर्म को बचाइए।

ऐसा कहने पर  प्रीतम को समझाया गया कि अगर आपके पिता जी बलिदान दे देंगे तो आप यतीम हो जाएंगे और आपकी मां विधवा हो जाएगी। बालक ने कहा कि अगर मेरे अकेले के यतीम होने से लाखों लोग यतीम होने से बच सकते हैं और अकेले मेरी मां के विधवा होने से लाखों मां विधवा होने से बच सकती हैं, तो मुझे यह स्वीकार है। फिर गुरु तेगबहादुर ने उन पंडितों से कहा कि जाकर औरंगजेब से कह ‍दो ‍अगर गुरु तेगबहादुर ने इस्लाम धारण कर लिया तो हम भी कर लेंगे और अगर तुम उनसे इस्लाम धारण नहीं करा पाए तो हम भी इस्लाम धारण नहीं करेंगे और तुम हम पर जबरदस्ती नहीं कर पाओगे। औरंगजेब ने इस बात को स्वीकार कर लिया।

गुरु तेगबहादुर दिल्ली में औरंगजेब के दरबार में स्वयं चलकर गए। वहां औरंगजेब ने उन्हें तरह-तरह के लालच दिए। लेकिन बात नहीं बनी तो उन पर बहुत सारे जुल्म किए। उन्हें कैद कर लिया गया। औरंगजेब की सभा में गुरु तेग बहादुर और उनके शिष्यों को पेश किया गया और उनके ही सामने उनके शिष्यों के सिर कलम कर दिये गए, लेकिन उनकी आंखों में डर का नामो निशान तक नहीं था। वहीं उनके भाई मति दास के शरीर के दो टुकड़े कर डाले। भाई दयाल सिंह और तीसरे भाई सति दास को भी दर्दनाक अंत दिया गया, फिर भी गुरु तेग़ बहादुर को उनके इरादों से डिगा न सके।

गुरु तेग़ बहादुर (Guru Tegh Bahadur)

गुरु तेगबहादुर जी ने औरंगजेब से कहा कि अगर तुम जबरदस्ती करके लोगों को इस्लाम धारण करने के लिए मजबूर कर रहे हो, तो तुम खुद भी सच्चे मुसलमान नहीं हो, क्योंकि तुम्हारा धर्म भी यह शिक्षा नहीं देता कि किसी पर जुल्म किया जाए। औरंगजेब को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया और उसने दिल्ली के चांदनी चौक पर गुरु साहिब के शीश को काटने का हुक्म दे दिया।

गुरु तेगबहादुर जी अपने धर्म पालन के लिए सदैव सबकी जेहन में जिंदा हैं और रहेंगे। गुरु तेग़ बहादुर जी ने अपनी शहादत से पहले ही 8 जुलाई, 1675 को गुरु गोविंद सिंह को सिखों का 10वां गुरु घोषित कर दिया था। 

चलो यारों फिर जी भर मुस्कुराते हैं बेवजह ही सही दिल खोल के मौज उड़ाते हैं

 चलो यारों फिर जी भर मुस्कुराते हैं, बेवजह ही सही दिल खोल के मौज उड़ाते हैं 

Rupa Oos ki Boond

"उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,
पर बेवजह खुश रहने का मजा कुछ और है…

ये भगदौड़ की जिंदगी में कितना

व्यस्त हो गए हैं 

एक ही शहर में रहते हुए भी 

मिले महीनों हो गए हैं  

अब मिलने की वजह न हो तो बेबजह मिलते नहीं  

देखो एक हो कर भी अजनबी हो गए हैं...

चलो ना आज वेबजह मुलाकात कर लेते हैं  

एक तरफ रख के मोबाइल अपना 

एक दूसरे से आमने सामने बात कर लेते हैं 

आओ न कितने साल गुज़रे हमें  

अपनी बचपन की गलियों में गये

आज के दिन उन गलियो में फिर एक साथ एक शाम कर लेते हैं 

याद है तुम्हें बाली उम्र की शरारतें 

चलो आओ न आज फिर 

बही शरारतें कर लेते हैं 

कोई बजह बची नहीं बेहिसाब मुस्कुराने की 

इस बजह को ही अपने लवों पर मुस्कान बना खिलखिलाते हैं ,

याद तो होगा न तुमको घर पहुंची शिकायतों के भंडार के बाद 

माँ का नहीं मारूँगी बोल के बुलाना और जी भर के मार लगाना 

उसी पल दादी का आके हमको बचाना

बड़े दिन हुए बुजुर्गों की उस छांव माँ के उस डाट को 

मिल के आओ हम फिर उसी छांव में कुछ पल बिताते हैं 

यकीन कल फिर वही सोमवार 

फिर वही भगदौड़ फिर वही जीवन की उलझनें 

आज मौका है रविवार का 

आओ इस मौके को हम भुना कर खूबसूरत त्यौहार कर देते हैं  

चले आओ मिलने बेबजह ही, आज मुस्कुराने की बजह ले के 

मिल के हम उन यादों में खुद को खोदेते हैं  

कुछ पल अपनी जिंदगी के अपने लिए जीने को सबसे चुराते हैं  

अब आ भी जाओ, मिल के जी भर बेवजह ही मुस्कुराते हैं...

Rupa Oos ki Boond

"मुस्कान इस प्रकृति का सबसे खूबसूरत तोहफा है,
यह, थके के लिए विश्राम और उदासी में सुरमई प्रकाश है...

गीदड़ गीदड़ ही रहता है : पंचतंत्र || Gidar Gidar hi rahta hai: Panchtantra ||

गीदड़ गीदड़ ही रहता है

यस्मिन् कुले त्वमुत्पन्नो गजस्तत्र न हन्यते ।

गीदड़ का बच्चा शेरनी का दूध पीकर भी गीदड़ ही रहता है।

https://rupaaooskiekboond.blogspot.com/2022/11/gidar-gidar-hi-rahta-hai-panchtantra.html

एक जंगल में शेर-शेरनी का युगल रहता था। शेरनी के दो बच्चे हुए। शेर प्रतिदिन हिरनों को मारकर शेरनी के लिए लाता था। दोनों मिलकर पेट भरते थे। एक दिन जंगल में बहुत घूमने बाद भी शाम होने तक शेर के हाथ कोई शिकार न आया। वह खाली हाथ वापस आ गया था। तो उसे रास्ते में गीदड़ का बच्चा मिला। बच्चे को देखकर उसके मन में दया आ गई; जीवित ही अपने मुख में सुरक्षापूर्वक लेकर वह घर आ गया और शेरनी के सामने उसे रखते हुए बोला- प्रिय ! आज भोजन तो कुछ मिला नहीं। रास्ते में गीदड़ का बच्चा खेल रहा था, उसे जीवित ही ले आया हूँ।

तुझे भूख लगी है तो इसे खाकर पेट भर ले कल दूसरा शिकार लाऊंगा। शेरनी बोली- प्रिय! जिसे तुमने बालक जानकर नहीं मारा, उसे मारकर मैं कैसे पेट भर सकती हूँ। में भी इसे बालक मानकर ही पाल लूँगी। समझ लूँगी कि यह मेरा तीसरा बच्चा है। गीदड़ का बच्चा भी शेरनी का दूध पीकर खूब पुष्ट हो गया, और शेर के अन्य दो बच्चों के साथ खेलने लगा। शेर-शेरनी तीनों को प्रेम से एक समान रखते थे।

कुछ दिन बात उस वन में एक मस्त हाथी आ गया। उसे देखकर शेर के दोनों बच्चे हाथी पर गुर्राते हुए उसकी ओर लपके। गीदड़ के बच्चे ने दोनों को ऐसा करने से मना करते हुए कहा- यह हमारा कुल-शत्रु है। इसके सामने नहीं जाना चाहिए। शत्रु से दूर रहना ही ठीक है। यह कहकर वह घर की ओर भागा। शेर के बच्चे भी निरुत्साहित होकर पीछे लौट आए।

घर पहुँचकर शेर के दोनों बच्चों ने माँ-बाप से गीदड़ के बच्चे के भागने की शिकायत करते हुए उसकी कायरता का उपहास किया। गीदड़ का बच्चा इस उपहास से बहुत क्रोधित हो गया। लाल-लाल आँखें करके और होंठों को फड़फड़ाते हुए वह दोनों को जली-कटी सुनाने लगा। तब, शेरनी ने उसे एकान्त में बुलाकर कहा कि इतना प्रलाप करना ठीक नहीं, वे तो तेरे छोटे भाई हैं, उनकी बात टाल देना ही अच्छा है।

गीदड़ का बच्चा शेरनी के समझाने-बुझाने पर और भी भड़क उठा और बोला- मैं बहादुरी में, विद्या में या कौशल में उनसे किस बात में कम हूँ, जो वे मेरी हँसी उड़ाते हैं, मैं उन्हें इसका मज़ा चखाऊँगा, उन्हें मार डालूँगा।

यह सुनकर शेरनी ने हँसते-हँसते कहा- तू बहादुर भी है, विद्वान भी सुन्दर भी है, लेकिन जिस कुल में तेरा जन्म हुआ है उसमें हाथी नहीं है, मारे जाते। समय आ गया है कि अब तुझसे सच बात कह ही देनी चाहिए। तू वास्तव में गीदड़ का बच्चा है। मैंने तुझे अपना दूध पिलाकर पाला है। अब इससे पहले कि तेरे भाई इस सचाई को जानें, तू यहाँ से भागकर अपने स्वजातियों से मिल जा, अन्यथा वे तुझे जीता नहीं छोड़ेंगे।

यह सुनकर वह डर से काँपता हुआ अपने गीदड़-दल में आ मिला। इसी तरह राजा ने कुम्भकार से कहा कि तू भी, इससे पहले कि अन्य राजपुत्र तेरे कुम्हार होने का भेद जानें और तुझे मार डालें तू यहाँ से भागकर कुम्हारों से मिला जा ।

कहानी सुनाने के बाद बन्दर ने मगरमच्छ से कहा-पूर्ती तूने स्त्री के कहने पर मेरे साथ विश्वासघात किया। स्त्रियों का विश्वास नहीं करना चाहिए। उसके लिए जिसने सब कुछ का परित्याग कर दिया था उसे वह छोड़ गई थी।

मगर ने पूछा- कैसे?

बन्दर ने इसकी पुष्टि में लंगड़े और ब्राह्मणी की यह प्रेम-कथा सुनाई:

स्त्री का विश्वास

To be continued ...

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Good morning Quotes

When we rise in the morning and think about someone's happiness we send them wishes with a caring mindset.

There is no reason to look back When you have so much To Look Forward to.

👍🏻 Gud Morning ☕️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Life has no limitations except the ones you self impose.

👍🏻Good Morning ✌🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Weak people revenge. Strong people forgive. Intelligent people ignore.

👍🏻 Good Morning ✌🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Happiness does not depend on what you have or who you are. It solely relies on what you think.

👍🏻Good Morning ☕

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Kind words words can be short and easy to speak, but their echoes are truly endless.

🦋 Good Morning 🦋

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Beauty begins the moment you decide to be yourself.

✌🏻Gud Morning ☕️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

The ability to not Overreact or Take things Personally keeps Your Mind Clear & Your Heart at Peace

👍🏻Good Morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Expect little from people. Expect a lot from yourself. That’s the secret of a happy life.

👍🏻 Good Morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Prayer Is the spiritual

oxygen we all need

👍🏻Good Morning 🌺

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Being Simple is Being Powerful.

🙏🏻Gud Morning ☕️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

It's not the load that Breaks you down.

It's the way you Carry it.

🙏🏻GOOD MORNING 🌻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

We make a living by what we get.

But we make a life by what we give.

 👍🏻GOOD MORNING ☀️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Prayer is the spiritual oxygen which we all need.

✌🏻Good morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Comparison is the only reason of superior and inferior feelings

✌🏻Good morning 👌🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Smile and be happy be grateful for all the good things in your life.

👍🏻Gud Morning ☕️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

"Kind words words can be short and easy to speak, but their echoes are truly endless."

🌿Good Morning  🦋

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

No candle loses its light while lightning another candle
Never stop sharing, caring and Helping others, because it makes our life more meaningful. 

☝🏻Good morning 👏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Never let outside noise kill your peace. Negativity doesn’t deserve your energy.

✌🏻 Good Morning ☀️

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Education is what remains after one has forgotten what one has learned in school.

☘️ Good Morning  🫐

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Moments become memories and people become lessons. That's life 

💠  Good Morning  💠

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Standards: High. Focus: Sharp. Self - doubt: Off. Confidence: On. Intentions: Set. Gratitude: On.

👍🏻Good Morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

As long as we have MEMORIES, yesterday REMAINS and as long as we have HOPE, tomorrow AWAITS.

👍🏻Good Morning 😊

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

No matter what it feels like, always remember that the Universe is for you not against you

Good Morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Never fear the shadows,
It signals the presence of light close by..

👍🏻Good morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

Sometimes the things that break your heart end up fixing your vision.

☝🏻Good morning 🙏🏻

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

20 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

25 Beautiful & Positive Inspirational Good morning Quotes, Wishes and Messages

श्रीमद्भगवद्गीता || Shrimad Bhagwat Geeta || अध्याय चार अनुच्छेद 19 - 23 ||

 श्रीमद्भगवद्गीता ||अध्याय चार ~ ज्ञानकर्मसंन्यासयोग||

अथ चतुर्थोऽध्यायः ~ ज्ञानकर्मसंन्यासयोग

अध्याय चार के अनुच्छेद 19 - 23

अध्याय चार के अनुच्छेद  19-23 में "कर्म में अकर्मता-भाव, नैराश्य-सुख, यज्ञ की व्याख्या" है। 

श्रीमद्भगवद्गीता || Shrimad Bhagwat Geeta || अध्याय चार अनुच्छेद 19 - 23 ||

यस्य सर्वे समारम्भाः कामसंकल्पवर्जिताः ।
ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पंडितं बुधाः ॥

भावार्थ : 

जिसके सम्पूर्ण शास्त्रसम्मत कर्म बिना कामना और संकल्प के होते हैं तथा जिसके समस्त कर्म ज्ञानरूप अग्नि द्वारा भस्म हो गए हैं, उस महापुरुष को ज्ञानीजन भी पंडित कहते हैं॥19॥

त्यक्त्वा कर्मफलासङ्गं नित्यतृप्तो निराश्रयः ।
कर्मण्यभिप्रवृत्तोऽपि नैव किंचित्करोति सः ॥
भावार्थ :
 
जो पुरुष समस्त कर्मों में और उनके फल में आसक्ति का सर्वथा त्याग करके संसार के आश्रय से रहित हो गया है और परमात्मा में नित्य तृप्त है, वह कर्मों में भलीभाँति बर्तता हुआ भी वास्तव में कुछ भी नहीं करता॥20॥

निराशीर्यतचित्तात्मा त्यक्तसर्वपरिग्रहः ।
शारीरं केवलं कर्म कुर्वन्नाप्नोति किल्बिषम्‌ ॥

भावार्थ : 

जिसका अंतःकरण और इन्द्रियों सहित शरीर जीता हुआ है और जिसने समस्त भोगों की सामग्री का परित्याग कर दिया है, ऐसा आशारहित पुरुष केवल शरीर-संबंधी कर्म करता हुआ भी पापों को नहीं प्राप्त होता॥21॥

यदृच्छालाभसंतुष्टो द्वंद्वातीतो विमत्सरः ।
समः सिद्धावसिद्धौ च कृत्वापि न निबध्यते ॥

भावार्थ : 

जो बिना इच्छा के अपने-आप प्राप्त हुए पदार्थ में सदा संतुष्ट रहता है, जिसमें ईर्ष्या का सर्वथा अभाव हो गया हो, जो हर्ष-शोक आदि द्वंद्वों से सर्वथा अतीत हो गया है- ऐसा सिद्धि और असिद्धि में सम रहने वाला कर्मयोगी कर्म करता हुआ भी उनसे नहीं बँधता॥22॥

गतसङ्‍गस्य मुक्तस्य ज्ञानावस्थितचेतसः ।
यज्ञायाचरतः कर्म समग्रं प्रविलीयते ॥

भावार्थ : 

जिसकी आसक्ति सर्वथा नष्ट हो गई है, जो देहाभिमान और ममता से रहित हो गया है, जिसका चित्त निरन्तर परमात्मा के ज्ञान में स्थित रहता है- ऐसा केवल यज्ञसम्पादन के लिए कर्म करने वाले मनुष्य के सम्पूर्ण कर्म भलीभाँति विलीन हो जाते हैं॥23॥

भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||

भालू (Bear)

भालू (Bear) एक सर्वाहारी जानवर है, जो आठ प्रजातियों में बंटा है, जिसमें से अधिकतर प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं। भालू बड़ा, भारी वन्यजीव है, जिसके दांत नुकीले तथा शरीर पर घने बाल होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम अरसिडाए (Ursidae) है। यह एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के महाद्वीपों में पाया जाता है। देखने में, सभी भालुओं के आम लक्षणों में बड़ा शरीर, मोटी टाँगे व बाज़ू, लम्बा बुक्क (नाक), पूरे बदन पर घने बाल और पाँव में सख़्त नाख़ून शामिल हैं। ध्रुवीय भालू (पोलर बेयर) अधिकतर मांस-मछली ही खाता है और बड़ा पांडा (जायंट पांडा) सिर्फ़ बांस के पत्ते-टहनियाँ खाता है, लेकिन भालुओं की अन्य छह जातियाँ सर्वाहारी होती हैं और मांस और वनस्पति दोनों खाती हैं।

भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||

आइये आज हम आपको भालू (Bear) से जुड़े रोचक तथ्य बताते है |

  1. भालू (Bear) अधिकतर माँस और मछली खाते हैं, लेकिन कुछ भालू पौधे और कीड़े भी खाते हैं।
  2. भालू के दांतों में पाए जाने वाले छोटे-छोटे छल्लों को माइक्रोस्कोप की मदद से देखने पर उनकी आयु का पता लगाया जा सकता है|
  3. भालू के खालों की दो परते होती हैं, एक छोटी परत जो भालू को गर्म रखने में सहायक है, और दूसरी परत पानी से बचाती है|
  4. जंगली भालू की अधिकतम उम्र 30 वर्ष होती है, वही इसके उलट बंदी भालू 47 वर्ष की उम्र तक जीते हैं |
  5. ध्रुवीय भालू अपना ज्यादा समय समूद्र में बिताते हैं,और वे अन्य भालू के अपेक्षा बहुत अच्छे तैराक होते हैं।
  6. मछली और सील समुद्री भालू के पसंदीदा भोजन हैं।
  7. ध्रुवीय भालू भालू की प्रजाति में सबसे बड़े होते हैं।
  8. ध्रुवीय भालू कई दिनों तक बिना खाए भी जिंदा रह सकते हैं। एक शोध के मुताबिक 220 दिनों तक ध्रुवीय भालू बिना खाए रह सकते हैं।
  9. एक नर ध्रुवीय भालू का वजन लगभग 680 किलोग्राम से भी अधिक होता है।
  10. एक ध्रुवीय मादा भालू का वजन नर भालू के वजन का लगभग आधा होता है।
  11. ध्रूवीय भालू मांसाहारी होते हैं, वहीं अन्य भालू सर्वभक्षी होते हैं, जो मांस और पौधे दोनों खाते हैं।
  12. ध्रूवीय भालू के पंजे काफी बड़े होते हैं| इनकी जीभ भी काफी बड़ी होती है| एक अनुमान के मुताबिक 9 इंच की होती है उनकी जीभ|भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||
  13. ध्रुवीय भालू के पैरों पर कठोर फर होते हैं, जो उसे बर्फ में फिसलने से बचाते हैं।
  14. ग्लोबल वार्मिंग के कारण ध्रुवीय भालू की प्रजाति को बहुत खतरा होता जा रहा है।
  15. भालू 64 किलोमीटर की गति से भाग सकते हैं।
  16. एक साधारण भालू की दिल की गति 40 प्रति मिनट होती है, लेकिन एक शीतकालीन नींद में सो रहे भालू की दिल की गति 8 प्रति मिनट है|
  17. काले भालू असल में पूरी तरह से काले नहीं होते हैं, वह इन्द्रधनुष जैसे दिखाई पड़ते हैं और इनकी चमड़ी काली से लाल-भूरी और फिर सफ़ेद हो जाती है|
  18. कुछ भालू में अपने पीछे की टांगों के बल चलने की कला होती है| काफी बार दूर से अचानक देखने पर यह भालू इंसान के जैसे प्रतीत होते हैं|
  19. दुनिया का सबसे साधारण भालू भूरा भालू होता है|
  20. भालू की टांग कमान जैसी होती है|टांगो की बनावट उनकी पकड़ और संतुलन को और ज्यादा बेहतर बनाती है|
  21. दक्षिण अमेरिकी भालुओं का सबसे पसंदीदा खाना दीमक होती है| इन भालुओ के अगले दांत नहीं होते, इसी कारण यह छतों में लगी हुई दीमक और कीड़ो को चूसते हैं।
  22. अमेरिका के तकरीबन 98 फीसदी ग्रीजिली भालू अलास्का में पाए जाते है|
  23. एक ध्रूवीय भालू बिना आराम किए 160 किलोमीटर तक लगातार तैर सकते हैं।
  24. Bear एक अंग्रेजी का शब्द है जिसका अर्थ है चमकता भूरा।
  25. एक पांडा भालू एक दिन में लगभग 21 किलो तक बांस खा सकता है |
  26. एक पांडा भालू की 99 प्रतिशत भोजन की खुराक बांस है |
  27. सर्दियों के महीनों में भालू ज्यादा सोते हैं |
  28. मानव की तुलना में भालू दो गुना तेजी से दौड़ सकता है |
  29. भालूओं की सुंघने की क्षमता काफी तेज होती है,जिससे ये अपने शिकार का पता 1.5 किलोमीटर दूर से ही लगा लेते हैं |भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||
  30. ज्यादातर भालू उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका ,एशिया यूरोप में पाये जाते हैं |
  31. भालू  तैरने के अलावा, तेज दौड़ना और पेड़ पर चढ़ना भी अच्छे से जानते है |
  32. नर भालू एकांत में रहना पसंद करते हैं, वो केवल प्रजनन के दौरान ही मादा भालू के साथ रहते है |
  33. एशिया महाद्वीप में काले भालू अधिक पाये जाते है, इन काले भालुओं के कान और प्रजाति के भालूओ की तुलना में बड़े होते है |
  34. भूरे रंग का भालू फिनलैंड का राष्ट्रीय पशु है और ये सबसे साधारण भालू है |
  35. सूर्य भालू के पंजे और भलुओं की तुलना में सबसे बड़े होते हैं |

Bear

Bear is an omnivorous animal, which is divided into eight species, most of which are on the verge of extinction. The bear is a large, heavy animal with sharp teeth and thick body hair. Its scientific name is Ursidae. It is found in the continents of Asia, Europe, North America and South America. Visually, characteristics common to all bears include a large body, thick legs and arms, a long snout (nose), thick hair all over the body, and hard toenails. The polar bear eats mostly meat and fish and the giant panda only eats bamboo leaves and twigs, but the other six species of bears are omnivorous and eat both meat and vegetation.
भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||

Come, today we tell you interesting facts related to Bear.

  1. Bears mostly eat meat and fish, but some bears also eat plants and insects.
  2. The age of bears can be determined by looking at the tiny rings found in their teeth with the help of a microscope.
  3. Bear skins have two layers, a smaller layer that helps keep the bear warm, and a second layer that protects against water.
  4. Wild bears have a maximum lifespan of 30 years, in contrast, captive bears live up to 47 years of age.
  5. Polar bears spend much of their time in the sea, and they are better swimmers than other bears.
  6. Fish and seals are the favorite food of sea bears.
  7. Polar bears are the largest of the bear species.भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||
  8. Polar bears can live without food for several days. According to a research, polar bears can live without eating for 220 days.
  9. A male polar bear weighs more than 680 kg.
  10. A female polar bear weighs about half the weight of a male.
  11. While polar bears are carnivores, other bears are omnivores, eating both meat and plants.
  12. The paws of the polar bear are very large. Their tongue is also very big. According to an estimate, his tongue is of 9 inches.
  13. The polar bear has hard fur on its feet, which protects it from slipping on the ice.
  14. The species of polar bear is becoming very threatened due to global warming.
  15. Bears can run at a speed of 64 kilometers, which is enough to catch any running horse.
  16. A normal bear has a heart rate of 40 per minute, but a hibernating bear has a heart rate of 8 per minute.
  17. Black bears are not actually completely black, they look like a rainbow and their skin changes from black to reddish-brown and then white.
  18. Some bears have the art of walking on their back legs. Many times these bears seem like human beings when suddenly seen from a distance.भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||
  19. The most common bear in the world is the brown bear.
  20. Bears have bow-shaped legs. The shape of their legs helps them to have better grip and balance.
  21. Termites are the favorite food of South American bears. These bears do not have front teeth, that is why they suck termites and insects from the roofs.
  22. About 98 percent of America's grizzly bears are found in Alaska.
  23. A polar bear can swim continuously for 160 kilometers without rest.
  24. Bear is an English word meaning shining brown.
  25. A panda bear can eat up to 21 kg of bamboo in a day.
  26. 99 percent of a panda bear's diet is bamboo.
  27. Bears sleep more during the winter months.
  28. A bear can run twice as fast as a human.
  29. Bears have a very sharp sense of smell, due to which they can detect their prey from a distance of 1.5 kilometers.भालू के बारे में 35 रोचक तथ्य || 35 Interesting facts about Bear ||
  30. Most bears are found in North America, South America, Asia Europe.
  31. Apart from swimming, bears are also good at running fast and climbing trees.
  32. Male bears prefer to live in solitude, they live with female bears only during breeding.
  33. Black bears are found more in the continent of Asia, the ears of these black bears are larger than those of other species.
  34. The brown bear is the national animal of Finland and it is the most common bear.
  35. Surya Bear's claws are the largest compared to other bears.

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

ज्ञान सरस्वती मन्दिर तेलंगाना बासर

सरस्वती माँ का यह मन्दिर गोदावरी नदी के किनारे, बासर, तेलंगाना, भारत में स्थित है।

बासर तेलंगाना राज्य के निर्मल जिले में एक कम आबादी वाला शहर है। यहाँ स्थित माँ सस्वती के मंदिर की महिमा विश्व विख्यात है। 

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

महाभारत के कथन के अनुसार ज्ञात होता है कि कुरुक्षेत्र युद्ध समाप्त होने पर महर्षि व्यास और उनके शिष्यों ने ऋषि विश्वामित्र के साथ शांत वातावरण में बसने का फैसला किया। तब वह शांतिपूर्ण निवास की तलाश में दंडक वन की ओर चले आये। इस क्षेत्र की शांति से प्रसन्न होकर इस स्थान पर बसने का मन बना लिया। चूँकि महर्षि व्यास ने भगवान की लीन आराधना में काफी समय बिताया था, इसलिए उस समय इस स्थान को वसारा कहा जाता था और इस क्षेत्र में मराठी भाषा के प्रभाव के कारण बासर में नाम तब्दील हो गया है। 

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

मंदिर के गर्भ गृह गोपुरम परिक्रमा मार्ग आदि इसके निर्माण योजना का हिस्सा है मंदिर में केंद्रीय प्रतिमा सरस्वती मां की है साथ ही लक्ष्मी जी भी विराजित हैं सरस्वती मां की प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में है जो 4 फुट ऊंची है। मंदिर में एक स्तंभ भी हैं जिसमें से संगीत के सातों स्वर सुने जा सकते हैं यहां की विशिष्ट धार्मिक रीति अक्षर आराधना कहलाती है।

यह भी माना जाता है कि यह मंदिर मंजीरा और गोदावरी नदियों के संगम के पास बने तीन मंदिरों में से एक है ।ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो कर्नाटक के एक राजा बिजियालुडु, जिन्होंने छठी शताब्दी में अपनी राजधानी के रूप में नांदेड़ के साथ नंदगिरी प्रांत पर शासन किया था, ने बसारा में सरस्वती माँ के मंदिर का निर्माण किया था। यह 17वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा किए गए विनाश के बाद मंदिर की मूर्तियों को नंदगिरी (नांदेड़) के एक मुखिया द्वारा बहाल किया। 

यहाँ घूमते हुए यहाँ  के स्थानीय लोगो से वर्तालाप करने पर पता चलता है कि इस मंदिर पर बच्चो की औपचारिक स्कूली शिक्षा शुरू करने से पहले "अक्षरा अभ्यासम" समारोह करने के लिए कई तीर्थयात्री ज्ञान सरस्वती मंदिर बसर आते हैं, जहाँ दक्षिण महाराष्ट्र के बच्चे अक्षरों का अभ्यास करते हैं और ज्ञान की देवी को किताबें, कलम, पेंसिल, नोटबुक समर्पित करते हैं। इसके पश्चात मंदिर में पूजा सुबह 4 बजे माँ के अभिषेक के साथ शुरू होती है, जो एक घंटे तक चलती है तथा 5 बजे वे अलंकारना शुरू करते हैं, जिससे नई साड़ियों को देवी-देवताओं को सजाया जाता है। पूरा वातावरण बहुत शांत और पवित्र है। सुबह 6 बजे सूरज की पहली किरण के साथ मंदिर में आरती शुरू होती है, जिसके बाद भक्तों को प्रसाद दिया जाता है।

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

यहाँ महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा आयोजन आयोजित किया जाता है जो 15 दिन पहले (वसंत पंचमी) से शुरू होते हैं और त्योहार के 3 दिन बाद तक जारी रहते हैं, दशहरा के दौरान दस दिनों के लिए देवी नवरात्रुलु मनाया जाता है, क्योंकि इस मंदिर में मुनियों के द्वरा महाकाली मूर्ति स्थापित की गयी है, जो मुख्य मंदिर के पास पहली मंजिल पर स्थित है। भक्त अक्सर पास के पहाड़ पर जाते हैं, जिसमें चट्टान के ऊपर देवी सरस्वती की मूर्ति विराजित है। गर्भगृह में देवी सरस्वती के अलावा लक्ष्मी की छवि विराजमान है। माँ सरस्वती माँ लक्ष्मी और माँ काली की उपस्थिति के कारण बसारा जो अभी (बासर ) के नाम से जाना जाता है, को दिव्य त्रिमूर्ति का निवास माना जाता है।

इस मंदिर के निकट ही बाल्मीकि जी की संगमरमर की समाधि बनी हुई है।

Gyan Saraswati Temple, Telangana Basar

This temple of Goddess Saraswati is situated on the banks of river Godavari, Basar, Telangana, India.

Basar is a sparsely populated town in Nirmal district in the state of Telangana. The glory of Maa Saswati's temple located here is world famous.

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

According to the narrative of the Mahabharata, it is known that after the Kurukshetra war was over, Maharishi Vyasa and his disciples decided to settle down in a peaceful environment with sage Vishwamitra. Then he went to the Dandak forest in search of a peaceful abode. Pleased with the peace of this area, he made up his mind to settle at this place. Since Maharishi Vyas spent a lot of time in absorbed worship of the Lord, the place was called Vasara at that time and the name has been transformed into Basar due to the influence of Marathi language in the region.


The sanctum sanctorum of the temple, Gopuram Parikrama Marg etc. is part of its construction plan. The central statue in the temple is of Saraswati Maa, along with Lakshmi ji is also seated. The idol of Saraswati Maa is in Padmasana posture which is 4 feet high. There is also a pillar in the temple from which all the seven notes of music can be heard. The special religious ritual here is called Akshar Aradhana.


It is also believed that this temple is one of the three temples built near the confluence of Manjira and Godavari rivers. Historically, Bijialudu, a king of Karnataka, who ruled Nandagiri province with Nanded as his capital in the 6th century Had ruled, had built the temple of Saraswati Maa in Basara. It was after the destruction caused by Muslim invaders in the 17th century that the idols of the temple were restored by a chieftain from Nandagiri (Nanded).


While roaming here and talking to the local people here, it is known that many pilgrims come to Gyan Saraswati temple to perform "Akshara Abhyasam" ceremony at this temple before the children start formal schooling, where children from South Maharashtra learn to learn letters. Practice and dedicate books, pens, pencils, notebooks to the Goddess of Knowledge. After this, the worship in the temple starts at 4 am with the abhishekam to the mother, which lasts for an hour and at 5 am they start the alankarna, by which new sarees are decorated to the deities. The whole atmosphere is very calm and holy. The aarti in the temple begins at 6 am with the first ray of the sun, after which prasad is offered to the devotees.

ज्ञान सरस्वती मन्दिर, तेलंगना बासर || Gyan Saraswati Mandir, Telangana Basar ||

Here during Mahashivratri special worship events are organized in the temple which start 15 days before (Vasant Panchami) and continue till 3 days after the festival, Goddess Navaratrilu is celebrated for ten days during Dussehra, because The idol of Mahakali has been installed by sages in this temple, which is situated on the first floor near the main temple. Devotees often visit the nearby mountain, which has an idol of Goddess Saraswati enshrined on top of the rock. Apart from Goddess Saraswati, the image of Lakshmi is enshrined in the sanctum sanctorum. Basara which is now known as Abhi (Basar) is considered to be the abode of the divine trinity because of the presence of Maa Saraswati Maa Lakshmi and Maa Kali.

The marble tomb of Valmiki ji is built near this temple.