गर जुनून हो सिर पे तेरे
गर जुनून हो सिर पे तेरे, और अंतर मन में हो विश्वास,
फिर ठोकर और ठुकराने का , क्या होगा तुम्हें एहसास?
मकसद में सच्चाई हो तो सीना ठोक के यही कहो,
झुकना होगा, दुनिया, तुमको, विश्वास पे अपने अडे रहो,
दुनिया बदली है जिसने भी, पहले उसको इनकार मिला,
अपमानों का हार मिला और तानों का उपहार मिला,
अविश्वास में अब विश्वास भरो, और लहरों के विपरीत बहो।
हाथों में विजय मशाल लिये विश्वास पे अपने खड़े रहो।
अपने सपने तुम स्वयं चुनो और बुन लो विश्वास कि डोरी से,
तुम विजय के नायक हो, तुमको क्या करना है लोरी से?
तुम सर्व सिद्ध इस जीवन के उन्मुक्त गगन में उडे चलो।
आरम्भ आज से नव युग का विश्वास पे अपने खडे रहो।
कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है,
तब तक हम अपनी समस्याओं एंव
कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते...❤"
औषधियों में विराजमान नवदुर्गा
7. कालरात्रि (नागदौन) : -
इस नवरात्रि आपसब को समृद्धि एवं आरोग्य की शुभकामनाओं सहित
बहुत ही उत्कृष्ट रचना 👌👌
ReplyDeleteशानदार वर्णन दमदार लेखनी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया👌👌
ReplyDeleteवीर रस से परिपूर्ण कविता👌👌
👌👌👏
ReplyDeleteBeautiful....👌👌
ReplyDeleteक्या बात क्या बात
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteVery nice...
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteजी बहुत ही सुंदर कविता🙏🙏
ReplyDeleteकोई भी कार्य छोटा नही होता ।
छोटे छोटे प्रयास से आगे बढ़
सकते है ।
यह भी बात बिल्कुल सत्य है कि
जबतक हम अपनी समस्याओं
की जड़ दूसरे को मानेगें तबतक
आगे नही बढ़ सकते, इसका अर्थ
यह है कि हम खुद ही एक समस्या है।
ऐसे ज्ञानवर्धक कविताओं को लाने के लिए
आपका आभार🙏🙏
वाह वाह रूपा जी क्या क्या 👌🏻 मस्त डिजाइन है 👗 ड्रेस का, क्या 👌🏻 मस्त 🎨 कलर है इस ड्रेस का, क्या और क्या कहु की क्या मस्त 👌🏻 1000 मिलियन डॉलर वाली 😊 स्माइल है आपकी
ReplyDeleteऔर क्या 👌🏻 मस्त झुमके है आपके
और हां रह गया क्या 👌🏻 मस्त डिजाइन है बैकग्राउंड में लगे हुए पर्दे का
अपने सपने तुम स्वयं चुनो और बुन लो विश्वास की डोरी से,
ReplyDeleteतुम विजय गर्जना के नायक, तुम को क्या करना लोरी से.
तुम स्वयं सिद्ध इस जीवन के, उन्मुक्त गगन में उड़ो चलो,
आरंभ आज से नवयुग का, विश्वास में अपने खड़े रहो, अड़े रहो, अड़े रहो, अड़े रहो...
Hum to Kayal hain apke aur apki Sunday ki kavitaon ke ,,bus Hamari chhoti si friendship ke band... Jis din se hui hai ..
ReplyDeleteWith respect and attitudes for each other
Thanks and regards Rupa Singh ..🙏🌹
( I am permanently shifting from Bangalore to Delhi at my own flat, with my Son's family 👪 on Oct 4 as he intends to set up his own EdTech start up and try his Confidence & God's blessings .🙏🌹
See you at Delhi ...🙏🌹 )
V nice
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteVery nice nice pic 👍
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteसब कुछ लाजवाब, कविता भी आप भी और बैकग्राउंड भी 🌹🌹
ReplyDeleteसुंदर और प्रेरणादायक कविता, प्रयास छोटा हो या बड़ा निरंतर होना चाहिए
ReplyDeleteशुभ रविवार
Bahut khub..
ReplyDeleteVery nice 👌🏻👌🏻
ReplyDeleteजिंदगी में जिम्मेदारियों से चाहे
ReplyDeleteकितनी भी आ जाए थकान
पर चेहरे पर हमेशा हो आपके
आशाओं से भरी हुई मुस्कान
तू हार कर कभी घबराना नहीं
तूने किया है कई काम महान
कुछ ना कुछ कर गुजरने को
ईश्वर ने तुम्हें बनाया है इंसान
तुझसे हरेक हौसला कायम है
तुझमें ही है उम्मीदों की उड़ान
ये धरती माँ भी तेरी अपनी है
तेरा अपना है सारा आसमान
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
परी जमीं परव
ReplyDeleteAmazing👍
ReplyDeleteshaandaar
ReplyDeleteAwesome 🥰
ReplyDeleteBahut sunder
ReplyDelete