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नवरात्रि || Navratri ||

नवरात्रि

सर्वप्रथम माता रानी के चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🙏

आज की पोस्ट धर्म और आस्था से जुड़ी है। कुछ लोग हो सकता है इन बातों से सहमत हों तो वहीँ कुछ लोगों को यह नागवारा भी हो सकता है। 

Navdurga

"नवरात्रि का उत्सव केवल मनोरंजन न बनकर रह जाये"

आज से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। बचपन से ही हमलोग माँ दुर्गा की नवरात्र में विशेष पूजा अर्चना अपने घरों में देखते चले आ रहे हैं। पहले त्योहारों में इतनी भव्यता नहीं हुआ करती थी। धीरे - धीरे त्योहारों की मूल अवधारणा खोती जा रही है और दिखावा बढ़ता जा रहा है। जाने हम किस दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं? 

जो त्यौहार हमारे अंतर्मन से प्रस्फुटित होते थे, वो कैलेंडर की तारीख मात्र हैं। कैलेंडर की तारीखों से हम एक भव्य आयोजन करते हैं और उसे आस्था का नाम दे देते हैं। अगर हम ईमानदारी से अपनी जीवनचर्या का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि हमारे त्यौहार हमें हमारी धार्मिकता ने नहीं बल्कि कैलेंडर ने दिए हैं। अगर बाहर का कैलेंडर ना बताए कि कोई त्यौहार आ पहुँचा है, तो यह हमारे संज्ञान में नहीं होता। हमारे भीतर धर्म की धारा इतनी मज़बूत नहीं कि उससे स्वतः ही कोई उत्सव फूट पड़े। 

हम धर्म की मूल संकल्पना से दूर होते जा रहे। राम को हम जानते नहीं पर दिवाली मना लेते हैं। गीता का हमें ज्ञान नहीं पर जन्माष्टमी की बधाइयाँ व्हाट्सअप पर धड़ाधड़ फॉरवर्ड कर लेते हैं। भगवान्न बुद्ध की पूजा कर लेते हैं, पर उनके द्वारा दिखाया मार्ग पता नहीं है। ना हम व्रत का अर्थ समझते हैं, न हम त्योहारों का मर्म जानते हैं, लेकिन कुट्टू का आटा और फलाहारी थाली बना लेते हैं। असंख्य रस्मों रिवाज़ों का पालन करते रहते हैं और यह पता भी नहीं होता कि उनका मर्म क्या है और हम कर क्या रहे हैं?

धर्म की धारा ही दूषित और कमज़ोर हो रही है। जब हमें अपने त्योहारों, रीति रिवाजों का ही मर्म नहीं पता तो फिर अपने इस जीवन के मर्म को जानने की बात तो बहुत दूर है। जीवन मानों एक रेस हो चला है और हम उस रेस में आँखें बंद किये दौड़े जा रहे हैं। 

आज से नवरात्रि प्रारंभ है। साड़ियों की, डांडियों की, पकवानों की और पांडालों की धूम है। लेकिन ये धूम बहुत ही झूठी और बाहरी है। ये धूम हमारी आत्मा को आनंदित नहीं करती। बस थोड़ी देर के लिए मनोरंजन हो जाता है। उत्सव एक आंतरिक घटना है, जबकि मनोरंजन बहुत ही बाहरी। उत्सव तो वो है जो यदि एक बार जीवन मे उतर आए तो फिर उसकी खुमारी जीवन भर नहीं उतररी और उसके पश्चात हम बाहरी आडम्बरोँ और दिखावे में नहीं होते। 

दुर्गा के नौ रूपोँ में हम किसकी पूजा करते हैं और वह किस तरह हमारी जिंदगी से जुड़े हैं और हमें लाभ पहुंचाते हैं। एक मत के अनुसार ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं। यह नौ  औषधियां ऐसी हैं, जिनमें मां दुर्गा के नौ रूप विराजमान है। इन 9 औषधियों को दुर्गा कवच कहा जाता है क्योंकि मानना है कि यह औषधियां रोगों को हरने वाली और उनसे बचा कर रखने के लिए एक कवच के रूप में कार्य करती हैं। आज यहां नवरात्र के 9 दिनों से संबंधित इन दिव्य गुणों वाली 9 औषधियों के बारे में अवश्य जानें। 

प्रथम शैलपुत्री (हरड़) :- 

मां दुर्गा के नौ रूपों में प्रथम शैलपुत्री के रूप में जाना जाता है। इसी प्रकार औषधियों में प्रथम औषधि हरण को चिकित्सा शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त है। यह सात प्रकार की होती है। इसको हरीतकी के नाम से भी जानते हैं। कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है, जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है। यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है। 

औषधियों में विराजमान नवदुर्गा click here

औषधियों में विराजमान नवदुर्गा

🚩जय माता दी🚩

21 comments:

  1. बात तो सही है, आजकल हमारे समाज में दिखावा इस कदर हावी हो रहा है कि लोग बस दिखावे में ही जी रहे हैं, खुश दिखना खुश रहने से ज्यादा जरूरी है।

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  2. Jai mata di

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  3. जय मां दुर्गे 🙏🏻 शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. जय माता दी

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  5. 🙏🏻जय माँ आदि शक्ति🙏🏻
    बिल्कुल सही बात कही हैं आपने
    मूल बिंदु से भटक गये हैं हमलोग
    धर्म के नाम पर खुद को तथा इस
    समाज को दूषित कर रहे हैं । तन,मन
    और वातावरण को दूषित कर रहे है
    ध्वनि प्रदूषण ,वायु प्रदूषण और प्रकाश
    प्रदूषण से सबको दूषित कर रहे हैं ।
    आपके लेख में लिखित 9 औषधियों में
    9 देवी का वास है । हमलोगों को इन औषधियों
    का सेवन कर खुद को तथा समाज को कंचन
    बनाना चाहिये।
    🙏🏻माँ आदि शक्ति आपकी हरेक मनोकामना
    पूर्ण करें🙏🏻माँ आदि शक्ति सबको सदबुद्धि दें🙏🏻

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    1. हमारे पूर्वज बहुत बुद्धिजीवी थे। हमारी सारी पूजा पद्धति वैज्ञानिक है। पूर्वजों द्वारा बनाए गए सभी नियम प्रकृति और मनुष्य के भले के लिए है, अगर उसका सही से अनुपालन हो।
      पोस्ट पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद।
      🙏 जय माता दी 🙏

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  6. शारदीय नवरात्रि की बधाई।
    जय देवी माँ

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  7. शक्ति स्वरूपा जय दुर्गा माता
    नवरात्रि का दिन शुभ आता
    नवदुर्गा महोत्सव के रुप में
    पूरा ये भारत वर्ष है मनाता
    पावन बड़ा तेरा दिन है माता
    सबके मन को बहुत है भाता
    तेरी अदृश्य शक्ति के समक्ष
    सारा जग तो शीश झुकाता
    मेरा कल्याण हो जग-माता
    तु ही तो सबकी है जन्मदाता
    पूजा करूं माँ करूं मैं आरती
    लगाऊं तेरे नाम का जगराता
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  8. 👣महिषासुर मर्दिनी है शक्तिशाली
    🙏जय माँ भवानी-जय माता काली
    🚩जय अंबे माता जय हो शेरावाली
    🙌हे शैलपुत्री-कात्यायनी-स्कंदमाता
    👸जय दुर्गा माता-जय पहाड़ा वाली
    👣जय त्रिपूरसुंदरी हे माँ जोता वाली
    🙏संतान हम तो तेरी ही माता रानी
    🚩करना माता हम सबकी रखवाली
    🚩🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🚩

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  9. दो शब्दों की ये मेहरबानी
    एक माता और दूजा रानी
    दोनों हाथ-दोनों शब्दों से
    बनी है सबकी माता-रानी
    इस जग में जीवन अपना
    माता-रानी की मेहरबानी
    नौ रूपों में पूजी जाती है
    हमारी माता दुर्गा-भवानी
    घटस्थापना करके हमको
    माता की ध्वजा फहरानी
    #जय_माता_रानी
    #करना_मेहरबानी👣⛳
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  10. 🙏हे नव दुर्गा-नव रूपा
    🚩आप ही हो सबकी माता
    🙏आप ही हो जन्मदात्री
    🚩आप ही हो भाग्य विधाता
    🙏आप से ही हर सुख आता
    🚩आप से ही सब कुछ पाता
    🙏आपके शुभाशीष बिना
    🚩दुनिया में कोई ना आता
    🙏आपसे मेरा जन्मों का नाता
    🚩आज आपको मैं शीश नवाता
    🙏जय नवदुर्गा माता🙏
    🚩🙏जय माता दी🙏🚩
    🙏🚩जगत-जननी माता रानी
    के पावन
    -पर्व नवरात्रि पर आप
    सबको हार्दिक शुभकामनाएँ
    एवं आप सभी के सुखी जीवन
    के लिए शुभ मंगलकामनाएँ🚩🙏
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  11. सुख में-दुख में जुबां पर आता
    बस मेरी माता तेरा एक नाम
    तू ही जन्मदायिनी,सुख-समृद्धि
    प्रदायिनी-करूँ बारम्बार प्रणाम
    तेरे नाम से ही मेरा हर दिन बिते
    तुझसे ही है हर सुबह और शाम
    तेरे माध्यम से इस जग में आना
    तेरी गोद में मिलता चिर-विश्राम
    सबसे प्यारा माता तेरा ही नाम
    माँ तेरे चरणों में ही है चारों धाम
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  12. पाश्चात्य सभ्यता-संस्कृति के
    हो गए हैं कितने अधीन हम
    इन गलत हथकंडो-विचारों
    से तो होंगे कब स्वाधीन हम
    अर्धरात्रि कालरात्रि के समय
    नया साल क्यों हम मनाते हैं
    नव संवत्सर आगमन दिवस
    हर वर्ष तो हम भूल जाते हैं
    चैत्र प्रतिपदा-चैत्र नवरात्रि
    सनातन संस्कृति प्रतीक है
    युगों-युगों से हमारी पहचान
    ऊँ श्री और शुभ स्वास्तिक है
    ज्ञान-विज्ञान आधारित हमारे
    अद्भुत-अनेकानेक प्रमाण है
    श्री ब्रह्मा-विष्णु-महेश प्रदत
    हमें ऐसे अनगिनत वरदान है
    सभी धर्मों का समावेश यहां
    इसलिए मेरा भारत महान है
    सोने की चिड़िया ये विश्वगुरु
    इस भारतवर्ष पर अभिमान है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  13. ये तो बिलकुल सही बात है कि हमारे धर्म और त्यौहारों में आडंबर और दिखावा बहुत ज्यादा हो गया है लेकिन अभी भी पूर्ण श्रद्धा से पूजा आदि करने वालों की संख्या बहुत अधिक है।
    आप सबको शारदीय नवरात्रि 2022 की हार्दिक शुभकामनाएँ I माँ दुर्गा आपका कल्याण करें I आपके जीवन में खुशहाली समृद्धि का ममतामयी आशीर्वाद प्रदान करें ।

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  14. Maa Durga ke charno me koti koti naman..🙏🙏

    Dikhawe se bachne ki jarurat hai..bhakti to dil se hoti hai...

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