हिन्दी वर्णमाला की कविता
आप भी अद्भुत, अद्वितीय, अविस्मरणीय कह उठेंगे...
यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है।
अ चानक
आ कर मुझसे
इ ठलाता हुआ पंछी बोला
ई श्वर ने मानव को तो
उ त्तम ज्ञान-दान से तौला
ऊ पर हो तुम सब जीवों में
ऋ ष्य तुल्य अनमोल
ए क अकेली जात अनोखी
ऐ सी क्या मजबूरी तुमको
ओ ट रहे होंठों की शोख़ी
औ र सताकर कमज़ोरों को
अं ग तुम्हारा खिल जाता है
अ: तुम्हें क्या मिल जाता है.?
क हा मैंने- कि कहो
ख ग आज सम्पूर्ण
ग र्व से कि- हर अभाव में भी
घ र तुम्हारा बड़े मजे से
च ल रहा है
छो टी सी- टहनी के सिरे की
ज गह में, बिना किसी
झ गड़े के, ना ही किसी
ट कराव के पूरा कुनबा पल रहा है
ठौ र यहीं है उसमें
डा ली-डाली, पत्ते-पत्ते
ढ लता सूरज
त रावट देता है
थ कावट सारी, पूरे
दि वस की-तारों की लड़ियों से
ध न-धान्य की लिखावट लेता है
ना दान-नियति से अनजान अरे
प्र गतिशील मानव
फ़ ल के चक्कर में
ब न बैठे हो असमर्थ
भ ला याद कहाँ तुम्हें
म नुष्यता का अर्थ.?
य ह जो थी, प्रभु की
र चना अनुपम...
ला लच-लोभ के
व शीभूत होकर
श र्म-धर्म सब तजकर
ष ड्यंत्रों के खेतों में
स दा पाप-बीजों को बोकर
हो कर स्वयं से दूर
क्ष णभंगुर सुख में अटक चुके हो
त्रा स को आमंत्रित करते हुए
ज्ञा न-पथ से भटक चुके हो।
है न मजेदार
bful pic ..nice poem..keep it up...
ReplyDeleteबहुत सुंदर 🙏🙏
ReplyDelete👌👌👍
ReplyDeleteकितनी सुंदर और सटीक बातें
ReplyDeleteइन हिंदी वर्णमाला में छिपा हुआ
है । इसको लिखने वाले भी कितने
कमाल के हैं। उन्होंने ये बता दिया कि
जीवन के प्रारम्भ से अंत की कथा इन्ही
वर्णमाला में छिपा हुआ है 🙏🏻नमन है🙏🏻
ऐसे अद्भुत लिखने वाले को 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सीखा न सकी उम्र भर जो किताबें मुझे
वो इस हिंदी वर्णमाला ने सीखा दिया🙏🏻🙏🏻
ऐसी ऐसी अदभुत लेखनी लाने के लिए
आप का बहुत बहुत आभार🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Nice poem
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteअच्छी कविता
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteअत्यंत ही बेहद खूबसूरत कविता रूपा जी 😊🙏🏻
ReplyDeleteलाजवाब 👏🏻👏🏻
ReplyDeleteWow👌👌
ReplyDeleteNice pic & nice poem
ReplyDeleteGajab ki kavita👌👌
ReplyDeleteअब वर्णमाला पढ़ने की उम्र गई
ReplyDeleteNice poem, beautiful pic👌👌
ReplyDeleteसचमुच मजेदार
ReplyDeleteबहुत मजेदार, शुभ रविवार
ReplyDeleteGood one.
ReplyDeleteBahut khub...lajwaab👌👌👌
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