Cricket News: Latest Cricket News, Live Scores, Results, Upcoming match Schedules | Times of India

Sportstar - IPL

रामचरितमानस (सम्पूर्ण रामायण )|| Ramcharitmanas

श्रीमद्भगवद्गीता के सम्पूर्ण अध्याय के अर्थ सहित व्याख्या के बाद अब चलते हैं रामचरितमानस के दोहों की अर्थ सहित व्याख्या की ओर।  

रामचरितमानस || Ramcharitmanas

श्री रामचरितमानस भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। जिसकी रचना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास जी ने की थी। इस किताब में कुल 7 तरह के कांड देखने मिलते है।

  1. बाल कांड
  2. अयोध्या कांड
  3. अरण्य कांड
  4. किष्किंधा कांड
  5. सुंदर कांड
  6. युद्ध कांड
  7. उत्तर कांड

संत तुलसीदासजी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण काव्य ग्रंथ है। रामचरितमानस में एक व्यक्ति के आचार, विचार और भावनाओं का दर्पण है। जो उसके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के मूल्यों को व्यक्त करता है।

ग्रंथ में प्रेम, करुणा, श्रद्धा, त्याग और सेवा की कही बाते समझायी है, जो एक आदर्श मानवता का प्रतीक है। तुलसीदास जी ने शब्दों की शक्ति का उपयोग करके भगवान श्रीराम के विशेष चरित्र और व्यक्तित्व को समझाया है।

श्री रामचरितमानस की रचना कब हुई थी

पुरानी जानकारी अनुसार लोगो की सरलता के लिए कवी गोस्वामी तुलसीदास ने रामायण को रामचरितमानस का रूप दिया। इस काव्य ग्रंथ की शुरुआत उन्होंने वर्ष 1631 में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के दिन की थी। जो की उस वक़्त राम नवमी का शुभ अवसर वाला दिन था।

कहा जाता है की इस रचना के दौरान तुलसीदासजी की उम्र मात्र 42 वर्ष थी। ये तुलसीदास की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। जिनमे उन्हें अधिकांश लोगो द्वारा आज तक अच्छी बातें ही सुनने मिली है।

तुलसीदासजी का जीवन देखे तो उनका जन्म 1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के राजापुर में हुआ था। उस समय वे संस्कृत के बड़े पंडित एंव काव्यकार थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतम समय वाराणसी स्थान पर ही बिताया।

श्री रामचरितमानस की महत्वपूर्ण घटनाएं

रामचरितमानस की समग्र घटनाओं को मुख्य 7 कांड में विभाजित कर सरलता से समझा जा सकता है।

बालकांड – यह प्रथम कांड है जिसमे श्री राम और उनके भाइ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बचपन का वर्णन है। साथ ही भगवान राम-सीता का विवाह भी इसमें देखने मिलता है।

अयोध्याकांड – इस कांड की शुरुआत कैकेयी के वरदान से होती है। जिसके द्वारा श्री राम 14 वर्ष के लिए वनवास जाने विवश होते हैं। इस सफर में माँ सीता और भाई लक्ष्मण भी जुड़ जाते हैं।

अरण्यकांड – वनवास के दौरान घटी अधिकतर सभी घटनाओ का वर्णन इस कांड में है। जिसमे श्री राम के जीवन पर आने वाली समस्या का भी चित्रण है।

किष्किंधाकांड – इसमें लंकेश्वर रावण द्वारा माँ सीता का हरण, जटायु और कबंध का वध, सुग्रीव मिलाप और हनुमान का लंका गमन दिखाया गया है।

सुंदरकांड – इस कांड की शुरुआत हनुमान के लंका प्रस्थान से होती है। फिर उनका लंका में प्रवेश, लंका में आक्रमण और सीता प्राप्ति का प्रयास दीखता है।

लंकाकांड – इस कांड में भगवान राम और रावण के बीच युद्ध, कुंभकर्ण और मेघनाद का वध, रावण का अंत और राम-सीता का मिलन वर्णित है।

उत्तरकांड – इस कांड के अंतर्गत श्री राम की अयोध्या वापसी, भरत से मिलन और पद का त्याग, सीता का अग्नि परीक्षा देना और अंत में सभी का परमधाम जाना दिखाया गया है।

रामायण और रामचरितमानस में अंतर

रामायण संस्कृत भाषा में लिखा गया एक प्राचीन महाकाव्य है, जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था। यह मुख्य संस्कृत में होने के कारण हर कोई इसे आसानी से समझ नहीं पाता।

लोगो की इसी समस्या का समाधान करते हुए 16वी शताब्दी में कवी तुलसीदास ने रामायण को हिंदी में लिखा। यह भी एक महाकाव्य ही था, जिसे “रामचरितमानस” नाम दिया गया।

10 comments:

  1. पवन कुमारJanuary 4, 2024 at 6:49 PM

    कलयुगी जीव के कल्याण के लिए रामचरितमानस सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

    ReplyDelete
  2. जय श्री राम

    ReplyDelete
  3. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🙏जय जय श्री राम 🚩🚩🚩
    👌👌👌बहुत सुन्दर जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩

    ReplyDelete
  4. राम चरित मानस का संक्षिप्त वर्णन बड़ी सरलता से किया गया है।जय सिया राम।

    ReplyDelete