मंगल महादेव मंदिर, दिल्ली
महादेव बिरला कानन मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो शिवाजी मार्ग रंगापूरी, नई दिल्ली में स्थित है। मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं के विशालकाय मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह लगभग 200 एकड़ जमीन में बना हुआ है जहां असीम शांति की अनुभूति होती है। जब दिल्ली से गुड़गांव NH8 से जाते हैं तो रास्ते में ही इस मंदिर को देखा जा सकता है तथा मंदिर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति को राष्ट्रीय राजमार्ग NH8 से देखा जा सकता है।
मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई लगभग 100 फीट से ऊपर है। इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी बैल, सीताराम, राधा कृष्ण और भगवान गणेश की मूर्ति भी है।यह सभी मुर्तियां काफी विशाल और कांस्य की बनी हुई हैं, जिसके कारण मंदिर बहुत सुंदर और अद्भुत लगता है।
मंगल महादेव मंदिर का निर्माण श्री सरल बसंत बिड़ला द्वारा कराया गया है और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा 10 मार्च 1994 को इस मंदिर को लोकार्पित किया गया था। मंदिर में जन सुविधाएं, पीने के पानी के लिये कूलर, टॉयलेट्स, बेंच आदि की अच्छी व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा मंगल मंजूषा के नाम से प्रसाद व सोविनियर का रिटेल काउंटर भी उपलब्ध कराया गया है। यहाँ एक सत्संग हॉल भी मौजूद है।
मंदिर परिसर में सफाई का काफी ध्यान रखा जाता है। मंदिर के दोनों तरफ बगीचे बने हुए हैं जिनके बीच से मंदिर परिसर में जाने का रास्ता है। मंदिर के आध्यात्मिक वातावरण से भक्तों के मन और हृदय को शांति प्राप्त होती है।
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Mangal Mahadev Temple, Delhi
Mahadev Birla Kanan Temple is a Hindu temple located at Shivaji Marg, Rangapuri, New Delhi. Mangal Mahadev Birla Kanan Temple is famous for the giant statues of Lord Shiva and other deities. It is built in about 200 acres of land where there is a feeling of infinite peace. When going from Delhi to Gurgaon via NH8, this temple can be seen on the way and the huge idol of Lord Shiva in the temple can be seen from National Highway NH8.
Mangal Mahadev Birla Kanan Temple has a huge idol of Lord Shiva, whose height is above about 100 feet. Apart from Lord Shiva, this temple also has idols of Mata Parvati, Kartikeya, Nandi Bull, Sitaram, Radha Krishna and Lord Ganesha. All these idols are quite huge and made of bronze, due to which the temple looks very beautiful and wonderful.
Mangal Mahadev Temple has been constructed by Shri Saral Basant Birla and former Prime Minister Late Shri. This temple was dedicated by Atal Bihari Bajpayee on 10 March 1994. Good arrangements have been made in the temple for public facilities, coolers for drinking water, toilets, benches etc. Apart from this, a retail counter of Prasad and Souvenir has also been made available in the name of Mangal Manjusha. A satsang hall is also present here.
A lot of care is taken of cleanliness in the temple premises. There are gardens on both sides of the temple, through which there is a path to the temple premises. The spiritual atmosphere of the temple brings peace to the mind and heart of the devotees.
औषधियों में विराजमान नवदुर्गा click here
3. चंद्रघंटा (चंदुसूर) : -
मां दुर्गा का तृतीय रूप चंद्रघंटा का है। इसको चंदुसूर से जोड़ा गया है। यह एक ऎसा पौधा है, जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है। इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं। इस पौधे में कई औषधीय गुण है। यह शक्ति को बढ़ाने वाली एवं ह्रदय रोग को ठीक करने वाली चंद्रिका औषधि है। अतः इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को मां चंद्रघंटा की पूजा और प्रसाद के रूप में चंदुसूर ग्रहण करना चाहिए।
इस नवरात्रि आपसब को समृद्धि एवं आरोग्य की शुभकामनाओं सहित
नवरात्रि के पावन दिनों में मंगल महादेव मंदिर के बारे में अनुपम जानकारी साझा करने के लिए साधुवाद।
ReplyDeleteनमः शिवाय।
जय माता दी 🙏🚩
ReplyDeleteOm namah Shivay.
ReplyDeleteलगातार 20 साल तक सुबह शाम दर्शन किए हैं🙏🏻
ReplyDeleteजय जय श्री मंगल महादेव
क्या बात है...
DeleteOm namah shivay
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteहर हर महादेव जय शिव शंकर रूपा जी 🙏🏻☘️
ReplyDeleteहर हर महादेव
ReplyDeleteom namah shivay..
ReplyDeleteक्या बढ़िया पोस्ट है।
ReplyDeleteमंगल महादेव मंदिर की जानकारी नहीं थी, अच्छी जानकारी
ReplyDeleteॐ नमः शिवाय
ReplyDelete‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘
गीता अध्याय १८ श्लोक ६६ कहता है कि
“तम्, एव, शरणम्, गच्छ, सर्वभावेन, भारत,
तत्प्रसादात्, पराम्, शान्तिम्, स्थानम्, प्राप्स्यसि, शाश्वतम्।।
उस परमात्मा के कृपा से ही शांति तथा सत्यलोक
को पाया जा सकता है ।
माता पिता के दर्शनीय स्थल का आपने इस लेख के माध्यम से हमलोगों को दर्शन करा दिये इसके
लिये आपका बहुत बहुत आभार🙏🙏
Nice post.
ReplyDeleteMangal Mahadev ki jai...
ReplyDeleteजय देव, मंगल महादेव सदैव प्रसन्न रहे।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteJai ho Mangal Mahadev Shiv Shankar ki
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