लकड़बग्घा(Hyena) से जुड़े रोचक तथ्य
लकड़बग्घा (Hyena) एक मांसाहारी जानवर है, जो कुत्ते के आकार के जैसा दिखता है, लेकिन यह कुत्ते के किसी भी प्रजाति या पुर्वजों से नहीं मिलता जुलता है। लकड़बग्घा (Hyena) का आकार कुत्तों के जैसा होता है,पर ये कुत्ते की अपेक्षा अधिक खतरनाक होते हैं। तो आइए जानते हैं आज लकड़बग्घा (Hyena) के बारे में-
- लकड़बग्घे को हमारे धरती का सफाई कर्मी ही बोला जाता है क्योंकि यह धरती पर मौजूद जितनी भी जानवरों का सड़ा एवं गला हुआ मांस है वह सभी खा कर खत्म कर देते हैं, यहां तक कि वे हड्डियां भी नहीं छोड़ते।
- विश्वभर में लकड़बग्घों की चार ज्ञात जातियां अस्तित्व में हैं - I. धारीदार लकड़बग्घा II. भूरा लकड़बग्घा III. धब्बेदार लकड़बग्घा IV. कीटभक्षी लकड़बग्घा
- लकड़बग्घा इस धरती पर लगभग 24 मिलियन साल से हैं।यानि ये प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। मुख्य रूप से अफ्रीका और एशिया के सवाना जंगलों पाए जाते हैं।
- लकड़बग्घे की आयु लगभग 10 से 12 वर्ष की होती है।
- मादा चित्तीदार लकड़बग्घा नर लकड़बग्घा से 10 गुना अधिक भारी होती है। इस वजह से यह अधिक ताकतवर और आक्रामक होती है।
- चित्तीदार लकड़बग्घा अपना भोजन जानवर का शिकार करके प्राप्त करता है, लेकिन धारीदार और बुरा लकड़बग्घा मरे हुए जानवरों को खाकर अपना पेट भरते हैं। अतः हम इन्हें ऐसा भी कह सकते हैं कि यह सफाई का कार्य करते हैं।
- कीट भक्षी लकड़बग्घा कीड़ा मकोड़ा खाकर अपना पेट भरता है। यह मुख्य रूप से दीमक को खाता है। एक रात में यह 30,000 से अधिक दिमाग खा सकता है।
- लकड़बग्घा उन जानवरों में से नहीं है जो पेट भर जाए तो अपना भोजन छोड़ देते हैं। वह जानवरों की हड्डियां तक भी खा जाता है ताकि उसका भोजन बर्बाद ना हो। यदि भोजन बच जाए तो वह उसे एक सुरक्षित स्थान पर छुपा देता है।
- लकड़बग्घा में भी कई प्रजातियां होती हैं। वह अपने प्रजाति अनुसार छोटे- बड़े रहते हैं, लेकिन उनको समूह में रहना पसंद है इसलिए लकड़बग्घे हमेशा अपने प्रजाति के साथ समूह बनाकर रखते हैं। इनके समूह को 'clan' कहा जाता है।
- लकड़बग्घा मुख्य रूप से निशाचर जानवर हैं, लेकिन कभी-कभी सुबह के समय भी अपनी मांद से निकल जाता है।
- एक चित्तीदार लकड़बग्घा एक बार में अपने शरीर के वजन का एक तिहाई आहार ग्रहण कर सकता है।
- चित्तीदार लकड़बग्घा को 'लाफिंग हाइनास' भी कहा जाता है ऐसा उसके द्वारा निकाली जाने वाली एक विशिष्ट ध्वनि के कारण है जो मनुष्य की हंसी के समान होती है।
- धारीदार लकड़बग्घा किसी प्रकार की आवाज नहीं निकालता है। वे शारीरिक हरकतों के द्वारा संवाद करते हैं।
- लकड़बग्घा और शेर एक-दूसरे द्वारा मारे गए शिकार चुराने के लिए भी जाने जाते हैं. शिकार के बाद लकड़बग्घा द्वारा अपन साथियों को बुलाने के लिए दी जाने वाली आवाज़ को शेर पहचानता है और वहाँ पहुँचकर उससे लड़कर उसका शिकार छीन लेता है।
- मादा लकड़बग्घा एक बार में 2 से 4 शावकों को जन्म देती है, जिन्हें (cub)कहा जाता है।
- जन्म के बाद लकड़बग्घा के शावकों की आंखें 5 से 9 दिन तक बंद रहती हैं, उसके बाद खुलती हैं।
- एक समूह के मादाएं एक दूसरे के शावकों की देखभाल करने की जिम्मेदारी साझा करती हैं। समूह के अन्य सदस्य शावकों के लिए मांद में भोजन लाते हैं।
- 2 सप्ताह का होने तक शावक मांद में ही रहते हैं, उसके बाद वे मांद से बाहर जाने लायक हो जाते हैं।
- शावक 6 माह तक पूर्णतः मां के दूध पर निर्भर रहते हैं।
- कायर और डरपोक के रूप में जाना जाने वाला लकड़बग्घा खतरनाक भी हो सकता है और अन्य जानवरों व मनुष्यों पर हमला कर सकता है।
Interesting facts about Hyena
- The hyena is called the cleaner of our earth because it eats all the rotten and decomposed flesh of all the animals present on the earth, they do not even leave the bones.
- There are four known species of hyena in the world - I. Striped hyena II. Brown hyena III. Spotted hyena IV. insectivorous hyena
- The hyenas have been on this earth for about 24 million years. That is, they have been coming since ancient times. Mainly found in the savanna forests of Africa and Asia.
- The lifespan of a hyena is about 10 to 12 years.
- The female spotted hyena is 10 times heavier than the male hyena. Because of this it is more powerful and aggressive.
- The spotted hyena gets its food by hunting the animal, but the striped and bad hyenas feed on dead animals. Therefore, we can also call them in such a way that they do the work of cleaning.
- The insect-eating hyena fills its stomach by eating insects. It mainly feeds on termites. In one night it can eat more than 30,000 brains.
- The hyena is not one of those animals that give up its food when its stomach is full. He even eats animal bones so that his food is not wasted. If food remains, he hides it in a safe place.
- There are also many species in the hyena. They live small and big according to their species, but they like to live in groups, so hyenas always keep groups with their species. Their group is called 'clan'.
- The hyenas are primarily nocturnal animals, but occasionally emerge from their den in the early morning.
- A spotted hyena can eat up to a third of its body weight at a time.
- The spotted hyena is also called 'laughing hyena' because of the characteristic sound it makes, which is similar to human laughter.
- The striped hyena does not make any sound. They communicate through physical movements.
- The hyena and the lion are also known to steal the prey killed by each other. After hunting, the lion recognizes the sound given by the hyena to call its companions and reaches there and fights it and snatches its prey.
- The female hyena gives birth to 2 to 4 cubs at a time, which are called cubs.
- After birth, the eyes of the rulers of the hyena remain closed for 5 to 9 days, after that they open.
- Females in a group share the responsibility of caring for each other's cubs. Other members of the group bring food to the den for the cubs.
- The cubs remain in the den until they are 2 weeks old, after which they are able to leave the den.
- Cubs are completely dependent on mother's milk for 6 months.
- Known as cowardly and timid, the hyena can also be dangerous and attack other animals and humans.
औषधियों में विराजमान नवदुर्गा
5. स्कंदमाता (अलसी) :-
मां दुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता का है। देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है। अलसी कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। इसके प्रतिदिन सेवन से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। इसमें ओमेगा-3 और फाइबर बहुत अधिक मात्रा में होता है।
इस नवरात्रि आपसब को समृद्धि एवं आरोग्य की शुभकामनाओं सहित
अद्धभुत रोचक जानकारी 👌👌
ReplyDeleteएकदम सटीक और रोचक जानकारी
ReplyDeleteएकदम सटीक और रोचक जानकारी
ReplyDeleteBahut majedaar...
ReplyDeleteJai Mata Di..🙏🙏
यहां बहुत हैं
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery Nice Information रूपा जी 😊🙏🏻
ReplyDeleteकुत्ते जैसे दिखने वाला कायर-डरपोक
ReplyDeleteलेकिन कुत्ते से भी ज्यादा है खतरनाक
समूह में रहना पसंद है लकड़बग्घों को
सब जानवरों पे जमाते है अपनी धाक
सड़ा-गला मांस सब खा जाते इसलिए
जंगल के सफाईकर्मी भी कहलाते हैं
शिकार कर लेते जब किसी जीव का
तो अपनों को आवाज देकर बुलाते हैं
लाखों वर्षों से इस धरती पर रहते हैं
एशिया-अफ्रीका के जंगलों में मिलते
रात में शिकार करने के शौकीन है ये
पर कभी ये सुबह-सुबह भी निकलते
10-12 साल तक ही जिंदा रहते हैं ये
बस 2 से 4 शावकों को जन्म देते हैं
अपने बच्चों के साथ साथ लकड़बग्घे
दूसरे को बच्चों को भी संभाल लेते हैं
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
nice information
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteलकड़बग्गा के बारे में हमे ज्यादा नही पता था। आज जानकारी मिली
ReplyDeleteबहुत कम ऐसे जानवर हैं जो शेर का शिकार भी कर सकते हैं और लकड़बग्घा उनमें से एक है। आज विस्तृत और रोचक तथ्य जानने को मिला।
ReplyDelete🙏जय माँ स्कंदमाता🙏
ReplyDeleteअलसी में विराजमान माता अनेक बीमारियों
को दूर कर इन्शान के काया को कंचन करती
है । इस दिन हमलोग ये प्रण करें कि अलसी का उपयोय कर खुद को तथा समाज को स्वस्थ और
स्वच्छ बनायेंगें।
लकड़बघ्घा के बारे में 20 रोचक बातें भी हमे
प्रकृति की इस सुंदर रचना के बारे में बताती है
जो सड़े गले जीव को खा कर साफ सफाई का
कार्य करती है साथ ही साथ कुछ जीवित जीव
और दीमक को खा कर प्राकृतिक सन्तुलन
बनाने का कार्य करती है ।
ऐसे रोचक बातें बताने के लिए आपको
हृदय से आभार🙏
Nice information
ReplyDeleteGood information 👍
ReplyDeleteBeautiful news.
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