अजवाइन/ Ajwain/ Carom Seeds
मसालों से जुड़े पोस्ट को आगे बढ़ाते हुए आज चर्चा करते हैं, अजवाइन(Ajwain) की। सभी लोग अजवाइन(Carom Seeds) के उपयोग के बारे में जरूर जानते होंगे। यह लगभग सभी भारतीय रसोईघर में उपयोग में लाई जाती है। आमतौर पर लोग अजवाइन(Carom Seeds) को केवल खाना पकाते समय मसाले के रूप में ही उपयोग करते हैं। हम आज यहां इसके कुछ औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे।
अजवाइन क्या है?
यह एक बीज है, जो मसाला एवं औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है। कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में अजवाइन बहुत फायदेमंद होती है। हमारे देश में वर्षों से आजवाइन का प्रयोग मसाले के साथ-साथ औषधि के रूप में किया जाता रहा है। मसाला, चूर्ण, काढ़ा और रस के रूप में अजवाइन का उपयोग किया जाता है।
इसका पौधा हरे रंग का, पत्तियां पंख के समान और बीज छोटे अंडाकार होते हैं। यह जीरा और सौंफ के परिवार से संबंधित है। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रेकिस्पर्मम अम्मी ( Trachyspermum ammi) है। यह स्वाद में कड़वी और तीखी होती है।
जानते हैं आज वाइन के फायदे नुकसान उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
सदियों से दादी नानी के घरेलू नुस्खों में एसिडिटी, पेट में जलन आदि समस्याओं के लिए अजवाइन का प्रयोग किया जाता रहा है। चलिए यहां कुछ औषधीय गुणों की चर्चा करते हैं।
सीने की जलन में
अधिक तीखा भोजन करने के बाद सीने में जलन की समस्या हो जाती है। ऐसे में 1 ग्राम अजवाइन को बादाम की 1 गिरी के साथ खूब चबा - चबाकर या पीसकर सेवन करने से फायदा होता है।
पेट से संबंधित रोग
पेट से संबंधित किसी भी परेशानी में 1 भाग अजवाइन 1 /2 भाग काली मिर्च और सेंधा नमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ 1 से 2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से पेट संबंधित रोग ठीक होते हैं।
पाचन तंत्र के विकार
1.50 लीटर जल को उबाल लें। जब यह 1.25 लीटर रह जाए, तब गैस बंद कर दें और इसमें आधा किलो ग्राम पिसी हुई अजवाइन डालकर ढक दें। जब यह ठंडा हो जाए तो छानकर बोतल में भरकर रख लें। इसे 50 - 50 मिलीलीटर दिन में तीन बार सेवन करने से पेट के पाचन तंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं।
बेहतर हाजमा के लिए
पाचन क्रिया सुचारू रूप से ना हो रही हो, तो 25 मिलीलीटर अजवाइन के काढ़े को दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है। यदि किसी भी व्यक्ति को गेहूं का आटा, मिठाई आदि ना पचता हो तो उसमें अजवाइन के चूर्ण को मिलाकर खाने से फायदा होता है।और अगर दूध ना पचता हो तो दूध पीने के बाद थोड़ी अजवाइन खा लेनी चाहिए।
उल्टी दस्त की समस्या
उल्टी और दस्त होने पर 3 ग्राम अजवाइन और 500 मिलीग्राम नमक को ताजे पानी के साथ सेवन करें। इससे दस्त में तुरंत लाभ होता है। अगर एक बार में आराम ना हो तो अजवाइन के इस पानी को 15-15 मिनट के अंतर पर 2-3 बार लें।
पेट का दर्द पेट फूलना आदि पेट संबंधित विकारों में
पेट दर्द में अजवाइन, सेंधा नमक, हरड़ और सोंठ के चूर्ण को बराबर -बराबर मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है। 10 ग्राम अजवायन, 6 ग्राम छोटी हरड़, 3 ग्राम घी में भुनी हुई हींग और 3 ग्राम सेंधा नमक के साथ चूर्ण बना लें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से आराम मिलता है।
मासिक धर्म की रुकावट
10 ग्राम अजवाइन और 50 ग्राम पुराने गुड़ को 400 मिलीलीटर जल में पका लें। इसे सुबह-शाम सेवन करने से गर्भाशय की गंदगी साफ होती है और मासिक धर्म संबंधी विकार भी ठीक होते हैं।
सर्दी - जुकाम में
- अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी - जुकाम में लाभ होता है। अगर कफ वाली खांसी है, तो और कफ अधिक निकलता है तो 125 मिलीग्राम अजवाइन के रस में 2 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से कफ वाली खांसी में लाभ होता है।
- 5 ग्राम अजवाइन को 250 मिली लीटर पानी में पकाएं जब पानी आधा हो जाए तो इसे छानकर नमक मिला लें। इसे रात को सोते समय पीने से खांसी में आराम मिलता है।
खांसी और बुखार में
2 ग्राम अजवाइन तथा 1/2 ग्राम छोटी पीपली का काढ़ा बना लें। इसे 5 से 10 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से खांसी बुखार ठीक होते हैं।
पेट के कीड़े
अजवाइन के 2 ग्राम चूर्ण को काला नमक के साथ सुबह-शाम सेवन करने से गठिया, पेट के कीड़ों के कारण होने वाली पेट की परेशानियां, जैसे: पेट फूलना, पेट दर्द, पाचन तंत्र की कमजोरी, एसिडिटी आदि ठीक होती है।
मधुमेह नियंत्रण के लिए
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए 3 ग्राम अजवायन को 10 मिलीलीटर तिल के तेल के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से लाभ होता है।
चर्म रोगों में
- अजवाइन का गाढ़ा लेप करने से दाद, खुजली, संक्रमण वाले घाव में लाभ होता है।
- अजवाइन को खौलते हुए जल में डालकर छोड़ दें। थोड़ी देर बाद छानकर इसे ठंडा कर लें। इस पानी से घाव को धोने से दाग, फुंसी, गीली खुजली आदि चर्म रोगों में लाभ होता है।
मलेरिया बुखार में
मलेरिया बुखार हो तो रात में 10 ग्राम अजवाइन को 100 मिलीलीटर जल में भिगो दें। सुबह पानी को गुनगुना कर जरा सा सेंधा नमक डालकर कुछ दिन तक सेवन करने से फायदा होता है।
शराब पीने की आदत छुड़ाने में
आधा किलो अजवाइन को 4 लीटर पानी में पकाएं। जब पानी 2 लीटर रह जाए तो छानकर शीशी में भरकर रख लें।जो शराब छोड़ना चाहते हैं, वह लोग इस काढ़े को भोजन से पहले एक कप पिएं। इससे शराब पीने की इच्छा में कमी आती है।
चोट लगने पर
किसी भी प्रकार की चोट में कपड़े का दो तह बनाकर इसमें 50 ग्राम अजवाइन की पोटली बना लें तथा गर्म कर लें। इसे चोट वाले स्थान पर 1 घंटे तक रखें या बांध लें। अजवाइन की इस सिकाई से चोट ठीक होती है।
बवासीर में
अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
कीटों के काटने पर
बिच्छू, ततैया, भंवरी, मधुमक्खी जैसे जहरीले कीटों के काटने पर अजवाइन के पत्तों को पीसकर लगाने से लाभ होता है।
बालों में जुएं होने पर
अगर बालों में जुऐं या लीख की समस्या से परेशान हैं, तो अजवाइन के 10 ग्राम चूर्ण को 5 ग्राम फिटकरी मिलाकर दही या छाछ में मिलाकर बालों में लगाएं इससे जुऐं या लीख मर जाती हैं।
अजवाइन का नुकसान
- हमेशा ताजी अजवाइन का ही उपयोग करना चाहिए। पुरानी होने पर इसका तैलीय अंश खत्म हो जाता है और इसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
- काढ़ के स्थान पर रस का प्रयोग करना बेहतर होता है।
- अजवाइन का अत्यधिक सेवन करने से सिर दर्द की शिकायत हो सकती है।
अन्य भाषाओं में अजवाइन का नाम
- English– Ajova seeds, Ajowan, Carum or Carom Seeds, Omum
- Tamil– ओमुम (Omum) या ओमम् (Omam)
- Telugu– वामु (Vamu) या ओमान (Omaan)
- Malayalam-अजवाण (Ajwan)
- Marathi– अजमा (Ajma) या यवान (Yavan)
- Sanskrit– उग्रगन्धा, ब्रह्मदर्भा, दीप्या, यवानिका, दीप्यका, अजमोदिका, यवानी
- Urdu– अजवाइन
- Kannada– वोम (Vom) या ओमु (Omu)
- Gujarati– अजमो (Ajamo)
- Bengali– यमानी (Yamani) या जोवान (Jowan)
- Nepali– ज्वानो (Jvano)
- Arabic– कमूने मुलुकी (Kamune muluki) या अमूसा (Amusa)
- Persian– नानखा (Nankhah) या जीनान् (Jinan)
Very Nice Knowledge 🙏🙏
ReplyDeleteTraditional test
ReplyDeleteब्लॉग पर एक और बढ़िया मसाला। विवरण के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत रोचक जानकारी दी गई है आपके द्वारा,, धन्यवाद
ReplyDeleteVery nice knowledge
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी
ReplyDeleteVery useful information
ReplyDeleteअजवाइन का तो हर घर में उपयोग होता है लेकिन इसके इतने सारे फायदे हैं काम ही लोग जानते होंगे। अच्छी जानकारी
ReplyDeleteहमारी दादी कहा करती थीं कि दोपहर के भोजन का छौंक अजवाइन से लगाना चाहिए। इससे हाजमा दुरुस्त रहता है। एक अच्छा प्रयास सबको इन जानकारियों से अवगत कराने का।
ReplyDeleteAjWain ke anek fayde Hain
ReplyDeleteपेट के सभी प्रकार की तकलीफ़ की एक दवा.. अजवाइन
ReplyDeleteVery nice knowledge 👌👍
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteलाभदायक जानकारी
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteईश्वर प्रदत्त है ये चमत्कार
ReplyDeleteअजवायन में गुण है हजार
उपयोग हैं ये अनेक प्रकार
औषधि है बड़ी असरदार
पेट में गड़बड़ हो जाए या
आने लगे फिर खट्टी डकार
इस्तेमाल करें अजवायन
दूर हो जाती इससे जलन
अगर कोई शराब का आदी
उसे पिलाओ गिलास आधी
हो जाए अगर उल्टी-दस्त
हौसले होने लगे पस्त तो
इसमें भी ये अजवायन तो
असर करती है जबरदस्त
दूर करती है अजवायन तो
कई तरह के रोग-विकार
खुद देखो सबको बताओ
अब ना करो इतना विचार
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
@RupaSin44202771
ReplyDeleteमसालों में मनभावन
होती है ये अजवाइन
दूर करे गैस व जलन
सुधारे आपका पाचन
इसके कई फायदे हैं
कह रहा मैं #नरेश_राजन
#रूपा_औंस_कि_एक_बूंद
के उपयोगी ब्लॉग का
जरूर करें सब पाठन
https://t.co/SYi5oHZC6k
Nice
ReplyDeleteGood info
ReplyDeleteAjwain ek fayde anek...
ReplyDeleteमेरे यहां अजवाइन का बहुत उपयोग होता। अचार बनाते समय भी अजवाइन ज्यादा डाला जाता। आज इसके इतने फायदों की जानकारी हुई👍👌
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