एसिडिटी और खट्टी डकारों की छुट्टी के लिए छह भारतीय मसाले
अदरक, जीरा, दालचीनी, इलायची, अजवायन और हींग - ये छः आम भारतीय मसाले हैं- जो अपच, एसिडिटी, कब्ज, खट्टे डकार और पेट फूलने जैसी मुश्किलों से राहत दे सकते हैं।
मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन किसे पसंद नहीं होगा? लेकिन इससे जुड़ी तकलीफों से भी आप वाकिफ होंगे। आपको पता होगा कि मसालेदार भोजन खाने से अक्सर अपच और खट्टे डकारों का खतरा बढ़ जाता है। आज के समय में तो मसालेदार के साथ साथ जंक फूड, फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ से और भी ज्यादा समस्या हो रही है। ऐसे में जानते हैं अपनी रसोई में मौजूद मसालों के बारे में जो, विभिन्न पाचन समस्याओं जैसे अपच, एसिडिटी, पेट फूलना और कब्ज के इलाज में बहुत प्रभावी होते हैं।
एसिडिटी और खट्टी डकारों से राहत पाने के लिए इस तरह करें इन 6 भारतीय मसालों का सेवन
1. जीरा पाउडर
इसका उपयोग भोजन में स्वाद बढ़ने के लिए किया जाता है। जीरा फाइबर से भरपूर होने के कारण अपच भी ठीक करता है।
इसके सेवन के लिए एक चम्मच जीरा भून कर ठंडा कर लें और बारीक पीस लें। पेस्ट बनाने के लिए इसमें शहद या पानी मिलाएं और इसे खाली पेट खाएं। इससे आपको खाना हज़म करने में मदद मिलेगी।
2. अजवायन
अपच के कारण होने वाली गैस और एसिडिटी के इलाज के लिए आम और सबसे लोकप्रिय घरेलू उपचारों में से एक है अजवायन। पेट दर्द , पेट में ऐंठन, पेट फूलना अपच के सामान्य लक्षण हैं। इसलिए, यदि आपके भोजन के बीच लंबा अंतराल है, आप भोजन नहीं कर पाएं है या किसी समारोह या पार्टी में ज्यादा खा लिया है, तो यह प्राकृतिक उपचार सबसे अच्छा विकल्प है।
इसमें थाइमोल (thymol) नामक एक आवश्यक तेल होता है, जो गैस्ट्रिक रस को छोड़ता है जिससे एसिडिटी से राहत मिलती है। एक कप पानी में एक चम्मच अजवायन डालें, इसे तब तक उबालें जब तक पानी की मात्रा आधी न हो जाए। इसके बाद इसे छान लें और एसिडिटी होने पर पिएं।
3. अदरक
एसिडिटी के कारण यदि आपका पेट फूलने लगा है और आपको बहुत तकलीफ हो रही है, तो तुरंत अदरक का प्रयोग करे। अदरक के कार्मिनटिव (carminative) गुण आंतों की गैस को छोड़ते हैं, जिससे पेट फूलने से राहत मिलती है।
अदरक के छोटे से टुकड़े से रस निकालें, इसे एक चम्मच में छान लें और पी लें। यह आपकी पेट की परेशानियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
4. इलायची
यह एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में जाना जाता है। इसमें आवश्यक तेल होते हैं, जो लार ग्रंथियों (salivary glands) को उत्तेजित करते हैं और एसिडिटी के हमले के कारण होने वाली जलन को कम करने के साथ-साथ आपकी भूख में सुधार करते हैं।
कैसे करें इलाइची का सेवन
जब भी आपको एसिडिटी की तकलीफ महसूस हो तो दो इलायची की फली लें, उन्हें दरदरा पीस लें और पानी में उबाल लें। तुरंत राहत पाने के लिए जूस को ठंडा करके पीएं।
5. दालचीनी
दालचीनी एक प्राकृतिक पाचन सहायक के रूप में कार्य कर सकती है। एक भारतीय मसाला जो आमतौर पर बिरयानी और करी में स्वाद जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, अपच के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है।
चाय में दालचीनी डालकर पीने से एसिडिटी नहीं होती।
यह अल्सर ठीक करने के लिए भी कारगर है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इसमें एक सक्रिय तत्व होता है जो पाचन की प्रक्रिया में मदद करता है और एसिडिटी से राहत मिलती है। यदि आप खाने के बाद एसिडिटी की समस्या का अनुभव करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से लड़ने के लिए दालचीनी का सेवन करना ही समझदारी है।
कैसे करें दालचीनी का सेवन
इसके उपयोग के लिए दिन में दो बार एक कप ताजा दालचीनी की चाय पिएं। इसे बनाने के लिए एक कप पानी में चाय पत्ती और ताज़े पुदीना के साथ दालचीनी का टुकड़ा डालकर बनाएं।
6. हींग
एसिडिटी और खट्टे डकारों के इलाज के लिए हींग का उपयोग किया जा सकता है। अपच से बचने का सबसे आसान उपाय है कि आप हींग को अपने आहार में शामिल कर लें। यह न केवल खाने में एक अनूठा स्वाद जोड़ती है, बल्कि गैस, अपच और एसिडिटी के इलाज में भी मदद करतर है।
चुटकी भर हींग आपको पेट दर्द से निजात दिला सकती है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory), कार्मिनेटिव (carminative) और पाचक गुण होते हैं जो इसे एक प्रभावी घरेलू उपचार बनाते हैं। यह गैस्ट्रिक जूस के उत्पादन में सहायता करता है जो पाचन बढ़ावा देता है।
कैसे करें हींग का सेवन
इसके उपयोग के लिए एक चुटकी हींग में सोंठ का पाउडर और काला नमक मिलाएं। पेट फूलना और अपच को कम करने के लिए इसे भोजन के बाद एक गिलास पानी के साथ लें। आप एक गिलास छाछ में एक चुटकी हींग भी मिला सकते हैं और इसे खाने के बाद पीने के रूप में ले सकते हैं।
जीरा/ Jeera/ Cumin
अदरक / Ginger
हींग । Hing । Heeng । Asafoetida
दालचीनी का महत्व । Benefits of Daalchini
छोटी इलायची / Green Cardamom / Elaichi
अजवाइन/ Ajwain/ Carom Seeds
डकार का परम्परागत छुटकारा
ReplyDeleteMem veri exclusive information has been imparte by you.
ReplyDeleteइस तरह की समस्या लगभग सभी को है आप के समय मे इस समस्या से उम्र का कोई लेना देना नहीं है। हिन्दुस्तान आयुर्वेद का जनक है औंर पेट से जुङी लगभग सभी समस्याओं का इलाज हमें आयुर्वेद में मिल जाता है लेकिन अपने लापरवाह रवैया के कारण हम अपनी सेहत का खयाल नहीं रख पाते हैंजो आगे चल कर गम्भीर समस्या का रुप ले लेता है।।
ReplyDelete👍👍
ReplyDeleteIts healthy
ReplyDeleteयह समस्या तो अक्सर हो ही जाती हैं, और ये घरेलू मसाले के उपयोग से निजात मिल जता है.. सौंफ खाने से पेट की जलन शांत होती है।
ReplyDeleteNice information 👍👍👌👌
Heeng,adrakh,dalchini,ajwain,jeera tatha ilaichia aadi acidity ke liye ramvan hain.
ReplyDeletevery useful. .
ReplyDeleteअच्छी और उपयोगी जानकारी
ReplyDelete👍👍
ReplyDeleteThanku so much. It is very useful
ReplyDeleteReally very good and informative article
ReplyDeleteआजकल के उल्टे दिनचर्या देर से सोना देर से जगना, ना खाने का सही समय न सोने का, उसके बाद देर सवेर उठकर मैगी नूडल्स चाउमीन बना के खाना या बाहर से ऑर्डर करना। ये सब समस्या तो बढ़नी ही है। उसके बाद कोई हींग जीरा पर नहीं जाता, उसके बाद ईनो पी लो, कोई टैबलेट खा लो। इसका डिटेल बहुत लंबा हो जायेगा। आपके द्वारा एक सराहनीय प्रयास हो रहा, जो आप इन सब चीज़ों के लिए लोगों को जागरूक कर रहीं और जानकारी दे रही।
ReplyDeleteएक अच्छा प्रयास👍🏻👍🏻
Nice one
ReplyDeleteNice one
ReplyDeleteA very interesting and useful article in everyday life. Spices are probably the quintessence of any kitchen. Thank you for reminding us how they work on our body.
ReplyDeleteAchhi jaankari
ReplyDeleteVery useful information..
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery useful 👍👍
ReplyDeleteUseful post
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteUseful
ReplyDeleteVery useful Post
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