मौसम का मिज़ाज़
"सब कुछ नहीं मिलता जिंदगी में...
कुछ चीज मुस्कुरा कर छोड़ देनी चाहिए....❣️"
मौसम का मिज़ाज़
ठंडी हवाएं मन गुनगुनाता है
कहता है यह ढूंढे चलो नए रास्ते
मौसम का अजीब सा फलसबा है
ओस में डुबा सारा ज़माना है
कहां से आये है मेहमा नये
पंछियों का आज कल यह नया ठिकाना है
आग की आच पर तप रहे बदन,
चादर ओढ़े घूम रहे लोग
चाय की प्यले के साथ दिन भर गुज़रता है
पानी की बोतल वैसी भरी नज़र आती हैं
फिर बदलेगा ये मौसम का मिजाज
सूरज की किरणों से
तपेगी धरती
ऐसी ही चलती रहेगी ज़िन्दगी
👌👌
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