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पीपल (Pipal ), बरगद (Bargad), नीम (Neem)

 पीपल, बरगद,पकड़ी और नीम

क्या कभी आपने सोचा हैं की इस देश में पीपल (Pipal ), बरगद (Bargad), नीम (Neem) आदि पेड़ों को क्यो लगवाना बंद किया आइये जाने आज का ज्ञान .

पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद,पकड़ी और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है, जबकि पीपल (Sacred fig) कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% अवशोषण करता है, बरगद (Banyan) 80% और नीम (Neem) 75 % , फिर भी हमलोगों ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है। आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है। अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही। हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाया जाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा। वैसे एक और बात, पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। 

पीपल (Pipal ), बरगद (Bargad), नीम (Neem)

अब करने योग्य कार्य

इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगायें तथा यूकेलिप्टस पर बैन लगाया जाय। वैसे बैन लगाना तो सरकार का काम है, पर आप हम ये तो कर ही सकते हैं कि इन विदेशी वृक्षों को बढ़ावा देने की जगह पीपल, बरगद और नीम को बढ़ावा दें। हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचाएँ. बहुत कुछ न सही पर कुछ तो कर ही सकते हैं। जिन लोगों के पास भी सुविधा है, जमीन है वे इस विषय पर अवश्य सोचें। सबके छोटे छोटे प्रयास से ही एक बड़ा योगदान होगा पर्यावरण को बचाने में।  

पीपल (Pipal ), बरगद (Bargad), नीम (Neem)

पर्यावरण के लिए और स्वास्थ्य के लिए 

अपने व अपने बच्चों के जन्मदिन पर पीपल ,नीम, बरगद का पौधा जरूर लगायें। राजीव दीक्षित अपने भारत के लिए इसी तरह के कार्य चाहते थे आइए उनके कार्यों में हिस्सेदार बने। हमारी बहुत बड़ी समस्या है कि जो चीजें मुफ्त है हम उसकी कदर नहीं करते जैसे हवा, पानी। और जब यह पानी बोतल में और ऑक्सीजन सिलिंडर में बंद होके मिलता तब हमें इसकी कीमत पता चलती। कोरोना के दूसरे लहर में ऑक्सीजन की कमी से आम जनता के साथ - साथ सरकारी संस्था का भी इस ओर ध्यान गया। जब ऑक्सीजन की कमी हुई और सांसे टूटने लगी तो लोगों को प्राणवायु देने वाले पौधों की सुध आई। गांव में लगी नीम दवा बन गई, पत्तियों का काढ़ा पी कर लोगों ने मौसमी बीमारियों से निजात पाई, पत्तियों को सुलगा कर मच्छरों और अन्य कीट - पतंगों से निजात मिली।

पीपल (Pipal ), बरगद (Bargad), नीम (Neem)

कोई जरूरी नहीं है कि वृक्षारोपण दिवस और पर्यावरण दिवस के अवसर पर ही पेड़ पौधे लगाए जाएं। यह तो किसी भी बहाने से लगाया जा सकता है। चाहे वह अवसर जन्मदिन, सालगिरह, किसी विशेष उपलब्धि, त्यौहार या अन्य अवसरों पर। ऐसे अवसरों पर वृक्षारोपण कर इन को यादगार बनाएं। मानव जीवन के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी वन क्षेत्र बढ़ाना बेहद जरूरी है। सभी को इसके महत्व को समझना चाहिए और पेड़ पौधों संरक्षण और वृक्षारोपण करना चाहिए। पेड़ पौधों की संख्या कम होने से तरह-तरह की बीमारियां तो होती ही है साथ ही भूजल स्तर भी नीचे गिरता है, जिसे बचाना भी आवश्यक है।

उम्मीद है आपको यह छोटा सा आर्टिकल पसंद आया होगा। इसको अधिक से अधिक लोगों तक पहुचायें और इसपर अमल करें। जब भी जहाँ भी अवसर हो वृक्ष लगायें। 

नीम के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

25 comments:

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  2. मेरे घर नीम का बहुत बड़ा लगा है और
    छेवला/पलास का भी पेड लगा है
    दो अशोक के पेड लगे है
    एक अमरूद का पेड लगा है
    नीम के पेड की उपयोगिता बहुत है
    पलास के फूल फ़रवरी मै खिलते है और एक ज़माने मै पलास के फूलो के रंग से होरी खेली जाती थी
    आज पलास फे फूल लेवे सैकड़ों लोग आते है
    गनगौर की पूजा के लिये और पलास की लकड़ी से लड़की की शादी मै मै खान मै लगाई जाती है
    पलास की लकड़ी का हवन होता है
    पेड बचाना सत्य सनातन है

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  3. आज का आर्टिकल वाकई ज्वलंत मुद्दे पर है। जिन वृक्षों की यहां चर्चा की गई है बरगद, पीपल और नीम की इनको शायद इसलिए धर्म से जोड़ा गया ताकि इनकी कटाई न हो ज्यादा से ज्यादा लगाया जाए और पर्यावरण को और मानव जाति के साथ साथ जीव जंतु और पशु पक्षियों का भला हो।

    स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ये वृक्ष बेहद फायदेमंद हैं। सबको इसके लिए जागरूक होना चाहिए।

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  4. सड़क चौड़ीकरण, औद्योगिकरण और विकास के नाम पर हम न जाने कितने सालों के पुराने वृक्ष को एक पल में काट देते हैं, यह भी चुनौती है जिसका उपाय होना चाहिए...
    लोगों में जागृति लाने के लिए आज का यह लेख बहुत ही
    उम्दा है ‌‌‌‌।

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  5. अच्छी जानकारी

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  6. आज का लेख बेजोड़ है। हम सब की आंखें खोलने वाला। पेड़ अवश्य लगाना चाहिए लेकिन पेड़ का चयन भीबहुत सोच समझकर करना चाहिए। पीपल,बरगद,नीम,पाकड़ आदि बहुत ही लाभदायक हैं।

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  7. वास्तविक पर्यावरण की सच्चाई अपने लेख में किया है, इस जानकारी के लिए धन्यवाद।

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  8. हमें पीपल,बरगद,पाकड़ तथा नीम के पेड़ों को अधिकाधिक लगाना चाहिए।इससे ऑक्सीजन प्राप्त होते हैं तथा जल को अवशोषित करने की क्षमता भी प्राप्त होती है।

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  9. एक महत्वपूर्ण विषय पर बहुत अच्छा ब्लॉग लेकिन समस्या ये है कि इन पेड़ों का कोई व्यवसायिक लाभ नहीं है और हम पूर्णरूपेण व्यवसायिक हो चुके हैं। अभी भी वक्त है संभल जाए तो अच्छा होगा।

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  10. Very good information. . Hamare ghar k samne neem ka bahut bda ped ha .. per koi iska kisi bhi tarah ka upyog nhi karta. .bawjud iske shudh hwa to milta hi ha..him logo ko aise hi jagruk karte raho..

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  11. हमलोगों के जीवन के लिए पीपल,बरगद,नीम
    और पकड़ी के पौधे का कितना महत्व है ।
    ये पौधे हमारे स्वस्थ्य और परमार्थ दोनी के
    लिए उपयोगी है फिर भी सरकार का ध्यान
    उधर नही है । बहुत ही अफशोस की बात है
    की सरकार भी स्वास्थ्य और धरती माँ को संकट में डालने वाली पौधे की तरफ ध्यान दे रही है।
    यहां तो संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी
    की बात याद आ रही है कि : -
    विनाश काले विपरीत बुद्धि
    ईश्वर ही जाने आगे क्या होने वाला है
    🙏सदबुद्धि दो प्रभु🙏

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  12. Very Nice Information रूपा जी आप हमेशा कुछ नया ही लेकर आती हो 😊 Ayurveda Doctor

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  13. प्राकृतिक संजीवनी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं 👍🏻

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