जब हो गए उदास हँसी के नहीं हुए
"संवेदना की आंच से पत्थर पिघल गया,
यूँ देखते ही देखते मौसम बदल गया..❣️"
गमगीन हो गए तो खुशी के नहीं हुए
वो आसमान है जो ज़मीं के नहीं हुए
इक तुम हमारे बाद ज़माने के हो गए
इक हम तुम्हारे बाद किसी के नहीं हुए
जब तक हँसे उदासियाँ देखी नहीं गई
जब हो गए उदास हँसी के नहीं हुए
इक घर बना लिया गया सहरा के आस पास
दरिया को छोड़कर तो नदी के नहीं हुए
अब जाने कैसे लोग है हम लोग आज के
भवरे तो हो गए थे कली के नहीं हुए
ऐ हुश्ने यार तू हमें अपना कहा न कर
हम हो गए थे जिसके उसी के नहीं हुए
"साँसों का क्या है..
चलती हैं तो चलती है
कोई धड़कनों से पूछे, उलझनें कितनी है..❣️"
चलती हैं तो चलती है
कोई धड़कनों से पूछे, उलझनें कितनी है..❣️"
बहुत ही सुंदर दिन की शुरुवात
ReplyDeleteVery Nice 👌🏻🌹
ReplyDeleteHpy sunday 🌹
ReplyDeleteॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
ReplyDeleteप्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥
श्री कृष्ण शरणम ममः 🙏
🌹जय माँ अम्बे दुर्गा भवानी 🙏
🕉️🙏शुभप्रभात वंदन 🙏☕️☕️
🕉️जय श्री राधे कृष्ण 🕉️🙏
🙏आपका दिन मंगलमय हो 🙏
👌👌👌निशब्द... राधे राधे जी 🙏
🙏ये जीवन है... हमेशा खुश रहिये, मुस्कुराते रहिये, अपना ख्याल रखिये 🙏
वाह !! एक से बढ़कर एक अश्यार, उदासी और इश्क़ का चोली दामन का साथ है शायद
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery nice
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