बेल / bael / श्रीफल / Wood Apple
बेल (Wood Apple) से तो आप सभी अवगत होंगे। बेल (श्रीफल) का प्रयोग कई तरह के कामों में किया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव पार्वती की पूजा आराधना के लिए भी बेल (Bael) के पत्तों का उपयोग किया जाता है। बहुत से लोग बेल (Bael) का शरबत पीना पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ लोग सीधा उसका गुदा खाना पसंद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार बेल (Bael) के अनगिनत फायदे हैं, जिसके कारण औषधि के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
बेल क्या है?
बेल बहुत ही पुराना वृक्ष है। भारतीय ग्रंथों में इसे दिव्य वृक्ष कहा गया है। इसके पत्तों को तोड़कर रखने पर यह 6 महीने तक ज्यों का त्यों बने रहते हैं। इसके वृक्ष की छाया ठंडक देती है और स्वस्थ बनाती है। बेल का पेड़ मध्यमाकार और कांटों से युक्त होता है। इसके तने की छाल मुलायम हल्के भूरे एवं पीले रंग की होती है। इसका पत्ता हरे रंग का होता है और पत्तों के आगे का भाग नुकीला और सुगंधित होता है। इसके फूल हरे और सफेद रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, अंडाकार, भूरे या पीले रंग के होते हैं। फल के छिलके कठोर और चिकने होते हैं। इसके बीज 10 -15 के समूह में छोटे सफेद एवं चिकने होते हैं। बेल के पेड़ में फूल और फल काल फरवरी से जुलाई तक होता है। किसको कई नाम से जानते हैं। कहीं पर इसे 'श्रीफल' कहा जाता है तो कहीं 'बेल' संस्कृत में इसे 'बिल्व' कहा जाता है।
जानते हैं बेल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
बेल का हर हिस्सा ही सेहत के लिए गुणकारी है। बाहर से फल जितना कठोर होता है, अंदर से उतना ही मुलायम और गूदेदार होता है। इसके गूदे में मौजूद बीज भी कई बीमारियों के इलाज में फायदा पहुंचाते हैं।
# पेट संबंधित समस्या
जिन लोगों को बार - बार शौच जाने की समस्या होती है और उन्हें हमेशा महसूस होता है कि उनका पेट ठीक से साफ नहीं हो रहा, तो ऐसे लोगों के लिए बेल का सेवन बहुत फायदेमंद है। बेल के सेवन से पेट ठीक से साफ होता है और बार-बार शौच जाने की समस्या से आराम मिलता है। बेल में लैक्सेटिव क्षमताएं होती हैं, जो आंतों को भी ठीक तरह से साफ रखती हैं। बेल का फल खाने से या शरबत नियमित रूप से पीने से पेट का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
# पाचन संबंधी समस्या
बेल का उपयोग हमारी पाचन क्रिया को सुदृढ़ करता है। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश लोग पेट की समस्या से पीड़ित हैं और पाचन तंत्र के ठीक से काम ना करने की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बेल पाचन को ठीक कर बाकी सभी समस्याओं से आराम दिलाता है। साथ ही शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिनों की पूर्ति करती है।
# डायरिया और पेचिश
डायरिया और पेचिश के इलाज में बेल का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। खाना ठीक से ना पचने के कारण डायरिया की समस्या उत्पन्न होती है।
# खून साफ करने में
बेल के नियमित सेवन से खून शुद्ध होता है और खून में संक्रमण की वजह से होने वाली कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
# मधुमेह में
10 से 20 ग्राम बेल के ताजे पत्तों को पीस लें। उसमें 5-7 काली मिर्च मिलाकर पानी के साथ सुबह खाली पेट सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है।
# पीलिया और एनीमिया में
10 से 30 मिलीलीटर बेल के पत्ते के रस में आधा ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें। सुबह-शाम सेवन करने से पीलिया और एनीमिया रोग में लाभ होता है।
# उल्टी में
बेल के गूदे को जल में मसलकर छान लें। इसमें मिश्री, इलायची, लौंग, काली मिर्च और थोड़ा सा कपूर मिलाकर शरबत बना लें। इसे पीने से प्यास, जलन, उल्टी, कब्ज और पाचन विकार ठीक होते हैं। जिन्हें कब्ज की शिकायत है, वह इसे भोजन के साथ लें।
# लू से बचाव
बेल का शरबत शरीर को ठंडक पहुंचाता है और शरीर को लू से बचाता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। धूप में निकलने से पहले एक गिलास बेल का शरबत गर्मी तथा उससे होने वाली समस्याओं से बचाता है।
# कमजोरी दूर करने में
* बेलगिरी के चूर्ण को मिश्री मिले हुए दूध के साथ सेवन करने से खून की कमी तथा शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
* बेल के गूदे को सुखा लें तथा इसका महीन चूर्ण बना लें। इसे थोड़ी मात्रा में सुबह और शाम प्रतिदिन सेवन करने से कमजोरी दूर होती है।
# आग से जलने पर
कीड़ों के काटने पर या फिर आग से जलने पर बेल के ताजे पत्तों के रस को बार-बार लगाने से जलन में लाभ होता है।
# पेट दर्द में
10 ग्राम बेल के पत्ते तथा 7 नग काली मिर्च पीसकर उसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर शरबत बना लें। इसे दिन में 3 बार पीने पर पेट दर्द में आराम होता है।
# शरीर की बदबू दूर करने में
बेल के पत्ते के रस को शरीर में लगाकर स्नान करने से शरीर की बदबू दूर होती है।
# बाल झड़ने की समस्या
आयरन और जिंक की कमी से बालों के झड़ने की समस्या उत्पन्न होती है। बेल में दोनों पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से बालों के झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है।
बेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
बेल में विटामिन और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है बेल में मौजूद टेनिन और पेक्टिन मुख्य रूप से डायरिया और पेचिश के इलाज में मुख्य भूमिका निभाते हैं। यह पाचन संबंधी सभी बीमारियों में फायदेमंद होता है। इसके अलावा बेल के फल में विटामिन सी कैल्शियम फाइबर प्रोटीन और आयरन भी अधिक मात्रा में पाया जाता है बेल के नियमित सेवन से शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
बेल के सेवन का तरीका
आमतौर पर बेल का रस या बेल का शरबत प्रचलन में है, परंतु इस फल को तोड़कर सीधे भी खा सकते हैं। इस का बाहरी हिस्सा काफी कठोर होता है। उसे तोड़कर अंदर के लिसलिसे गुदे में से बीज को निकाल कर खाया जाता है। कई लोग इसके गूदे को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर सेवन करते हैं, जिसे बेलगिरी चूर्ण कहा जाता है। इसके अलावा बेल की पत्तियों का रस भी बहुत गुणकारी है और कई बीमारियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। घर पर बेल का मुरब्बा भी बनाकर उपयोग किया जा सकता है यह स्वाद में मीठा और लाभकारी होता है।
बेल के नुकसान
बेल फल के फायदे बहुत ज्यादा है और सीधे तौर पर इससे कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर बेल के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
* बेल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए अधिक फास्फोरस नुकसान पहुंचा सकता है। किडनी के मरीज डॉक्टर की सलाह से ही बेल का सेवन करें।
* अगर कोई डायबिटीज के मरीज हैं और बेल के शरबत का सेवन कर रहे हैं तो शरबत में मौजूद शुगर नुकसानदायक हो सकती है। बेल खुद भी एक मीठा फल है और इसका शरबत बनाने से इसमें चीनी मिलाया जाता है। अतः अगर शुगर कंट्रोल है तो बिना चीनी मिलाएं शरबत का सेवन कर सकते हैं।
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Wood Apple
You will all be aware of Wood Apple. Wood Apple is used in many kinds of works. In Hinduism, Bael leaves are also used for worshiping Lord Shiva Parvati. Many people like to drink Bael's syrup, while some people prefer to eat its anus straight away. According to Ayurveda, Bael has countless benefits, due to which it is used as a medicine.
What is Wood Apple?
Bell is a very old tree. In Indian texts, it has been called the divine tree. On breaking its leaves, they remain intact for 6 months. The shade of its tree cools and makes it healthy. The vine tree is intermediate and has thorns. The bark of its stem is soft, light brown and yellow. Its leaf is green and the front part of the leaves is spicy and fragrant. Its flowers are green and white in color. Its fruits are spherical, oval, brown or yellow in color. Fruit peels are hard and smooth. Its seeds are small white and smooth in a group of 10-15. The flowering and fruit period in the vine tree is from February to July. Who knows by many names. At some places it is called 'Shreephal' while elsewhere 'Bell' is called 'Bilva' in Sanskrit.
Know the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Wood Apple.
Every part of the vine is beneficial for health. The harder the fruit is from the outside, the more soft and pulp from the inside. The seeds present in its pulp also benefit in the treatment of many diseases.
# Stomach problem
For people who have problems of frequent defecation and always feel that their stomach is not getting cleaned properly, then eating vine is very beneficial for such people. Consumption of vine clears the stomach properly and relieves the problem of frequent defecation. Bell has laxative capabilities, which also keep the intestines clean properly. Eating vine fruit or drinking syrup regularly keeps stomach health healthy.
# Digestive problems
The use of vine strengthens our digestive system. In today's run-of-the-mill life, most people suffer from stomach problems and have to face many problems due to the digestive system not functioning properly. Bell fixes digestion and provides relief from all other problems. It also supplies essential nutrients and vitamins in the body.
# Diarrhea and dysentery
In the treatment of diarrhea and dysentery, consuming vine is considered to be the most beneficial. Diarrhea problem arises due to poor digestion of food.
# In cleaning blood
Regular intake of vine cleanses the blood and protects against many diseases caused due to infection in the blood.
# In diabetes
Grind 10 to 20 grams of fresh vine leaves. Taking 5-7 black peppers mixed with water on an empty stomach in the morning is beneficial in diabetes.
# In jaundice and anemia
Mix half gram black pepper powder in 10 to 30 ml juice of vine leaves. Taking it in the morning and evening provides relief in jaundice and anemia.
# In vomiting
Mash the pulp of water and sieve it. Mix sugar candy, cardamom, cloves, black pepper and a little camphor to make syrup. Drinking this cures thirst, burning, vomiting, constipation and digestive disorders. Those who have constipation, take it with food.
# Prevention from sunstroke
Bel syrup makes the body cool and protects the body from heatstroke. Its intake also increases immunity of the body. A glass vine syrup prevents heat and its problems before it gets out in the sun.
# In removing weakness
* Consumption of belgiri powder with sugar mixed milk reduces blood loss and physical weakness.
Dry the pulp of the vine and make fine powder of it. Taking it in small amounts in the morning and evening every day removes weakness.
# On fire
Applying juice of fresh leaves of vine repeatedly on insect bites or burning with fire provides relief in burning sensation.
# In stomach ache
Grind 10 grams of vine leaves and 7 pieces of black pepper and mix 10 grams of sugar candy in it and make syrup. Drinking this 3 times a day relieves stomach pain.
# To remove body odor
Taking the juice of vine leaves in the body and bathing it removes the smell of the body.
# Hair loss problem
Lack of iron and zinc causes hair loss. Both nutrients are found in vine. Regular intake of this can prevent the problem of hair loss.
Nutrients found in Wood Apple
Bell contains plenty of vitamins and nutrients. The tannins and pectin present in vine play a major role in the treatment of diarrhea and dysentery. It is beneficial in all digestive diseases. Apart from this, vitamin C calcium fiber protein and iron are also found in high quantity in the fruit of vine, regular intake of vine provides the necessary nutrients for the body as well as increases the immunity of the body.
Method of eating the Wood Apple
Usually, vine juice or vine syrup is in vogue, but can be eaten directly by breaking this fruit. The outer part of it is quite rigid. It is broken and eaten by removing the seeds from the inside of the corrugated rectum. Many people dry its pulp and make its powder and eat it, which is called belgiri powder. Apart from this, the juice of the leaves of the vine is also multi
Great info
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️शुभ दोपहर🕉️
🙏जय श्री कृष्णा 🚩🚩🚩
🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
👍👍👍स्वास्थ्यवर्धक, उपयोगी व लाभदायक जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteबहोत खूब 👏👏👏👌
ReplyDeleteरूपा जी, नमस्कार
ReplyDeleteमैं आशीष गर्ग हम भी आपके जैसे ही Blog लिखते है, हमारी 4-5 वेवसाईट है, आपका यह ब्लोग मैं कुछ दिनों से देख रहा था क्योंकि आपके ब्लोग पर पंचतंत्र की कहानियां पोस्ट है, और हम भी अपनी अनमोन वचन वेवसाईट पर डाल रहे थे, तो Duplicate ना हो इस लिये हमें आपकी लिखी हुई कहानियों से अलग लिखना पड रहा था। आपसे कुछ बात करनी है अगर आपको ठीक लगे तो हमको मेल करिये anmolvachan.in@gmail.com इस पर
धन्यवाद!
V useful
ReplyDeletePet ke liye amrit sa hai bel ka ras
ReplyDeleteVery Nice Information 👌🏻
ReplyDeleteVery valuable information.
ReplyDeleteVery nice information..
ReplyDeleteVery nice
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