भ्रम की दुनिया में कदम रखना: बिहार मोम संग्रहालय
चलिए आज आप सभी को लिए चलते हैं एक आभासी दुनिया (बीएमडब्लू/BMW) में, चौंकिए नहीं हम BMW गाड़ी की बात नहीं कर बल्कि Bihar Museum of Wax की बात कर रहे, जहाँ दुनिया भर के मशहूर सेलिब्रिटी और नामचीन हस्तियों के साथ हम फोटो या सेल्फी क्लिक कर सकते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि अपने पसंदीदा हस्तियों, ऐतिहासिक हस्तियों या प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों से करीब से मिलना कैसा होगा? हम एक ऐसे जगह की बात कर रहे हैं, जहाँ वास्तविकता कला के साथ सहज रूप से घुलमिल जाती है, जहाँ कलात्मकता और इतिहास एक दूसरे से अलग एक अनूठा अनुभव बनाने के लिए एक साथ आते हैं।
सिटी सेंटर पटना मॉल में बसे बिहार मोम संग्रहालय की आकर्षक दुनिया में आपका स्वागत है। चलते हैं पटना में अपनी तरह के इस पहले मोम संग्रहालय की यात्रा पर। मैं लखनऊ में रहती हूँ और यहाँ इस तरह का कोई संग्रहालय नहीं है और यह पहली बार ही है, जब किसी मोम की दुनिआ में कदम रखा है। यह सिटी सेंटर मॉल पटना में स्थित है।
जीवन को मूर्त रूप देने की कला
कितनी ही प्रतिभा है, लोगों में और इसी प्रतिभा में से एक है मोम को मूर्त रूप देना। तो मोम की मूर्ति बनाने की जटिल कला में तल्लीन हो जाइए, जिसमें तस्वीरों का अध्ययन, सूक्ष्म माप, मूर्तिकला, ढलाई और जटिल विवरण जोड़ने जैसे कई चरण शामिल हैं। बिहार मोम संग्रहालय में ऐतिहासिक हस्तियों, प्रसिद्ध हस्तियों और सांस्कृतिक प्रतीकों को प्रदर्शित करते हुए सावधानीपूर्वक तैयार की गई प्रतिकृतियों का संग्रह है। प्रत्येक आकृति उन प्रतिभाशाली कलाकारों के असाधारण कौशल और शिल्प कौशल का प्रमाण है, जो मोम में जान फूंकते हैं, हर जटिल विवरण और बारीकियों को बड़ी मेहनत से कैद करते हैं।
महान शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर साहित्य के उस्तादों और समाज सुधारकों तक, बिहार वैक्स म्यूज़ियम बिहार और भारत की समृद्ध विरासत का सार समेटे हुए है। प्रत्येक मोम की मूर्ति एक अनूठी कहानी बयां करती है, जो हमें अलग-अलग युगों में ले जाती है।
बिहार के गौरव को प्रदर्शित करता संग्रहालय
बिहार वैक्स म्यूज़ियम बिहार के उल्लेखनीय व्यक्तियों की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाने में बहुत गर्व महसूस करता है। बिहार से आए भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. आनंद कुमार जैसे दिग्गजों के जीवन का अन्वेषण करें। दलेर मेहंदी, एम.एस. धोनी और अन्य जिन्होंने विश्व मंच पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
ग्लैमर और स्टारडम
क्या आपने कभी हॉलीवुड और बॉलीवुड के अभिजात वर्ग या संगीत के दिग्गजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का सपना देखा है? बिहार वैक्स म्यूजियम आपके पसंदीदा सितारों के साथ करीब से मिलने और उनसे निजी तौर पर मिलने का अवसर प्रदान करता है, आभासी ही सही।
मनोरंजन उद्योग की चमक-दमक का पता लगाएं और दिग्गज अभिनेताओं, संगीतकारों और खेल जगत के दिग्गजों से रूबरू हों। अपने पसंदीदा सेलिब्रिटी के साथ बेहतरीन सेल्फी लें और ऐसी यादें बनाएं जो जीवन भर बनी रहेंगी।
यहां 3 फ्लोर में बिहार के महापुरुष, बॉलीवुड और हॉलीवुड के कलाकार, क्रिकेटर, बिहार के नामचीन राजनीति जगत के दिग्गज और सुपर थर्टी के आनंद एक साथ नजर आ रहे हैं। इसके प्रवेश द्वार पर एंग्री बर्ड हमारा वेलकम करती है।
प्रथम तल पर
इस वैक्स म्यूजियम में सबसे पहले तल्ले पर बॉलीवुड हॉलीवुड की थीम बनाई गई है, जहां बिहार के नामचीन कलाकार सुशांत सिंह राजपूत और सोनाक्षी सिन्हा एक साथ नजर आ रहे हैं, तो वही दिलेर मेहंदी और माइकल जैकसन भी यहाँ मौजूद हैं।
बॉलीवुड-हॉलीवुड गैलरी में क्रिकेट जगत के मशहूर दो दिग्गज की भी स्टैच्यू है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और सबसे सफल कप्तान माने जाने वाले बिहार झारखंड की शान महेंद्र सिंह धोनी दोनों एक साथ वैक्स म्यूजियम में नजर आ रहे हैं।
दूसरे तल पर
दूसरे तल्ले की अगर हम बात करें तो वहां पर बिहार के नामचीन राजनीतिक जगत के दिग्गज के साथ देशभर के प्रतिष्ठित लोगों को जगह दी गई है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर वैक्स म्यूजियम में मौजूद हैं तो वहीं बिस्मिल्लाह भी दूसरे तल्ले पर नजर आ रहे हैं।
जयप्रकाश नारायण, महात्मा गांधी, बिरसा मुंडा समेत कई हस्तियां के मोम के पुतले यहां लगाए गए हैं। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार का भी मोम का पुतला यहाँ मौजूद है।
तीसरे तल पर
वैक्स म्यूजियम के सबसे आखिरी तल्ले यानी तीसरे तल पर बिहार के महापुरुषों की झलक मोम के पुतले में देखने को मिलती है। गुरु गोविंद सिंह, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट, चाणक्य, बाबू वीर कुंवर सिंह, शेरशाह सूरी समेत कई ऐसे नाम जो बिहार के गौरवशाली इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं, उनके स्टैच्यू यहां पर लगाए गए हैं।
एक अविस्मरणीय अनुभव
बिहार के इस वैक्स म्यूजियम में जाना न केवल एक दृश्य आनंद है, बल्कि एक बहु-संवेदी अनुभव है। मोम के पुतलों में जीवन की झलक है, जहां तकनीक और कहानी कहने का सहज मिश्रण है। संवर्धित वास्तविकता प्रदर्शन, आभासी पर्यटन और आकर्षक कथाओं में शामिल हों जो प्रदर्शनों को जीवंत बनाते हैं और हमें आश्चर्य में डालते हैं। इन प्रतिमाओं को देखने पर ऐसा लग रहा है मानो अब यह बोल उठेंगे। जाहिर है बिहार के लोगों के लिए यह बेहद ही अनूठा उपहार है।
कभी मौका मिले तो अपनी जिज्ञासा को अवश्य शांत करें और एक बार इस संग्रहालय में जाएँ, आश्चर्य और कल्पना की दुनिया में कदम रखें, जहाँ हर यात्रा एक अनूठा रोमांच है, जो आपको किंवदंतियों के बीच चलने, संस्कृतियों का पता लगाने और अतीत के साथ-साथ वर्तमान से मूर्त और अविस्मरणीय तरीके से जोड़ता है।
बिहार म्यूजियम ऑफ वैक्स सुबह 11 बजे से शाम 7.30 बजे तक खुला रहता है, जिसमें प्रति स्लॉट बुक होती है। एक बार में 15 लोग अंदर जाते हैं। प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति ₹150 है, तथा 3 वर्ष से कम आयु के बच्चे का प्रवेश निःशुल्क हैं।
Wahhhh 😍💞
ReplyDeleteVery nice..
ReplyDeleteबढ़िया है 👏👏👌
ReplyDeleteKya Baath Hai
ReplyDeleteEk in sab ke beech mom ki gudiya bhi nazar aa rahi... Angry bird ke saath
ReplyDeleteKya baay hai👍👍
ReplyDeleteWaah, kya baat
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteWonderful trip and experience.
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteKya baat hai... interesting museum
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभदोपहर 🕉️
ReplyDelete🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
🙏महादेव का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे 🙏🙏
👍👍👍BMW😊😊, बहुत बढ़िया जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Very Nice 👌🏻👍
ReplyDeleteWaah mom ki gudiya
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