नवरात्रि (Navratri)
सर्वप्रथम माता रानी के चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🙏
आप सभी लोगों को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।
नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। माँ अम्बे के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब देखते हैं, जो नवदुर्गा के नौ स्वरूप में विद्यमान है।
1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या "शैलपुत्री" स्वरूप है !
2. कौमार्य अवस्था तक "ब्रह्मचारिणी" का रूप है !
3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह "चंद्रघंटा" समान है !
4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह "कूष्मांडा" स्वरूप है !
5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री "स्कन्दमाता" हो जाती है !
6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री "कात्यायनी " रूप है !
7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह "कालरात्रि" जैसी है !
8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से "महागौरी" हो जाती है !
9 धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार मे अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली "सिद्धिदात्री" हो जाती है !
हर स्त्री अपने आप मे कहीं न कही माँ जगदम्बे का प्रतिबिंब है। हर स्त्री में माँ का स्वरुप है। साल के नौ दिन नहीं, अपितु साल के हर दिन स्त्रियों को सम्मान दें।
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ReplyDelete🌹🙏जय मां🙏🌹
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteNice blog👌👌
ReplyDeleteजय माता दी
ReplyDeleteजय जय मातारानी 🙏🏻
ReplyDeleteजय माता दी 🙏🏻🙏🏻🔱🔱
ReplyDeleteजय माता दी
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