आ जाओ ना..
मैं चाहती तो तुम्हें रोक भी लेती, पर तुम तो बस एक ख्याल थे,
तुम्हे ढूंढ लेती मैं शायद खुद में,पर तुम तो खुद ही एक सवाल थे।
किस तरह देखती चेहरा फिर से तुम्हारा
किस तरह पाती अब सहारा तुम्हारा,
किस मोड़ पर तुम्हारी राह देखती,
किस तरह से तुम्हारी आस जोहती।
सोचती तुम्हें तो सोचती कैसे?
रोकती तुम्हें तो रोकती कैसे?
मिल रहा था तुम्हारी परछाई से काफी था,
मिल रहा था हमारी तन्हाई से काफी था,
अब किस रास्ते में ढूँढू तुमको बताओ ना,
याद आती है तुम्हारी,
वापस आ जाओ ना।
एक बार बस एक बार!
मुझे मुझसे मिलवा दो,
बरसों हो गए सोये हुए मुझे,
तुम्हारे बिना आती ही नहीं,
मुझे मेरी नींद लौटा दो ना,
आओ न मुझे याद आती है तुम्हारी,
खुशबू तुम्हारे बाद भी जाती नहीं तुम्हारी।
शायद! शायद! कुछ किस्सा तुम्हारा मुझमें बाकी है,
शायद! शायद! इक हिस्सा तुम्हारा मुझमें बाकी है।
मुझे अब भी तुमसे मुहब्बत है,
मुझे अब भी तुम्हारी आदत है,
मुझे अब भी इंतजार है
तुम्हारे हर रात की 'गुड नाइट '
और हर सुबह की 'गुड मॉर्निंग' का
कुछ गिला है तुमसे 'सुन जाओ'
जो शिकायतें हैं मुझसे 'सुना जाओ'
आ जाओ ना...
काश! काश! कोई काश हमारे बीच न आता,
काश कोई काश मुझे रात भर ना सताता!
शायद तब हम हम होते,
शायद तब कुछ गम कम होते।
क्योंकि जब तक हमें जवाब मिलता है तब तक जिंदगी सवाल बदल देती है..❣️"
बहुत खूबसूरत 🌹
ReplyDelete"जीवन में हर प्रश्नों के उत्तर खोजने की कोशिश न करें,
ReplyDeleteक्योंकि जब तक हमें जवाब मिलता है तब तक जिन्दगी सवाल बदल देती है 👌👌
बहुत सही,
ReplyDeleteआ जाओ न
ReplyDeleteबहुत बहुत लाजवाब लेखन 👌👌
वाह वाह क्या बात है रूपा जी😊👌🏻
ReplyDeleteLajawab lekhni hai aapki.. time ke saath saath nikharti ja rahi hai, bhut sundar 👏👏
ReplyDeleteAstha Mishra
DeleteHeart touching 💞
ReplyDeleteलोग कहते हैं कि पूनम उजली है
ReplyDeleteऔर अमावस काली है
फिर भी पूनम को होली
और अमावस को दिवाली मनती है
बहुत ही उम्दा
ReplyDeleteसोच समझ से परे
दिल की गहराइयों की बात
🙏😔💌😔🙏
Kya baat hai 👌
ReplyDeleteShandaar..👍🔥
ReplyDeleteVery nice.
ReplyDeleteखूबसूरत
ReplyDeleteDard hai
ReplyDeleteBeautiful.
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