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Sunday.. इतवार ..रविवार

इतवार (Sunday)

Rupa
🍂किसी की निंदा करने से यह पता चलता है
कि, आपका चरित्र क्या है ना की उस व्यक्ति का..❤️

जिंदगी गुलामी में नहीं

सफर में धूप तो बहुत होगी तप सको तो चलो,
भीड़ तो बहुत होगी नई राह बना सको तो चलो।

माना कि मंजिल दूर है एक कदम बढ़ा सको तो चलो,
मुश्किल होगा सफर, भरोसा है खुद पर तो चलो।

हर पल हर दिन रंग बदल रही जिंदगी,
तुम अपना कोई नया रंग बना सको तो चलो।

राह में साथ नहीं मिलेगा किसी का अकेले चल सको तो चलो,
जिंदगी के कुछ मीठे लम्हे बुन सको तो चलो।

महफूज रास्तों की तलाश छोड़ दो धूप में तप सको तो चलो,
छोटी-छोटी खुशियों में जिंदगी ढूंढ सको तो चलो।

यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें,
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।

तुम ढूंढ रहे हो अंधेरो में रोशनी ,खुद रोशन कर सको तो चलो,
कहा रोक पायेगा रास्ता कोई जुनून बचा है तो चलो।

जलाकर खुद को रोशनी फैला सको तो चलो,
गम सह कर खुशियां बांट सको तो चलो।

खुद पर हंसकर दूसरों को हंसा सको तो चलो,
दूसरों को बदलने की चाह छोड़ कर, खुद बदल सको तो चलो।

                                                               निदा फाजली
Sunday
🍂कलह पर विजय पाने के लिए,
मौन से बड़ा कोई अस्त्र नहीं है..❤️

32 comments:

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  2. ये स्व: निदा फ़ाज़ली का शेर है
    जिसे चित्रा सिंह ने गाया है
    जगजीत सिंह ने गाया है और
    पिछले साल आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने
    विपक्ष पर तंज कसने के लिये
    लेकसंभा सदन नै ये शेर पढ़े थे
    सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो : निदा फ़ाज़ली का कलाम है कुछ लोग अपना बनाने के चक्कर मै है

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  4. सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

    सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
    सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो

    इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो
    बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो

    किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
    तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

    यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
    मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो

    यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें
    इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

    हर इक सफ़र को है महफ़ूस रास्तों की तलाश
    हिफ़ाज़तों की रिवायत बदल सको तो चलो

    कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फ़िज़ा
    ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
    ~ निदा फ़ाज़ली

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  5. https://twitter.com/jaswantnirala68/status/1404727416547774466/video/1
    यै लिंक मेरे ट्वीटर की जहा मोदी जी ने जो पक्तियाँ पढ़ी थी उसका वीडियो ट्वीटर पर है

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  6. निंदा और आलोचना शब्द है एक जैसे मगर अर्थ मै
    ज़मीन आसमान का अंतर है
    चोर पर हमला करो तो निंदा
    चोरी पर हमला करो तो आलोचना

    पापी पर हमला करो तो निंदा
    पाप पर हमला करो तो आलोचना
    हमे इस बारीक भग को समझना ज़रूरी है है मगर
    लोग कि समझते ही नही
    आलोचना होती है किसी को जगाने के लिये और
    निंदा होती है किसी को मिटाने के लिये

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  7. क्या बात रूपा .. बहुत प्यारी तस्वीर के साथ सुंदर सी कविता..👌👌👌😍😍😍😍

    फूल तो तुम्हारी बालकनी के लग रहे..बिल्कुल तुम्हारी तरह प्यारे🌺🌺🌺🌺

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    1. हां, मेरी बालकनी के ही हैं 😊

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  8. Have a blessed and beautiful day🌹🌹🌹🌹

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  9. अच्छी कविता के साथ सुंदर सी तस्वीर, शुभ और मंगलमय रविवार

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  10. बहुत अच्छे,,शानदार गज़ल

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    1. मेलोडी है कही निदा फ़ाज़ली कही कोई और है

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  11. चलो कम से कम शायर का नाम तो आया

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  12. बहुत खूबसूरत कविता 👌👌
    Happy Sunday 💐 💐 & sadgI bhari beautiful pic 😍😍

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  13. Hpy sunday ji 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻

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  14. Nice poem nice pic..happy sunday

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  15. क्या खूब लगती हो .. बड़ी सुंदर दिखती हो.. चाहे जिस भी एंगल से पिक ले लो..👌👌👌

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  16. अच्छी और प्रेरणास्पद कविता।शुभ रविवार।

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  17. All the poems are really my fav prt of blog

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