इतवार (Sunday)
🍂किसी की निंदा करने से यह पता चलता है
कि, आपका चरित्र क्या है ना की उस व्यक्ति का..❤️
कि, आपका चरित्र क्या है ना की उस व्यक्ति का..❤️
जिंदगी गुलामी में नहीं
सफर में धूप तो बहुत होगी तप सको तो चलो,भीड़ तो बहुत होगी नई राह बना सको तो चलो।
माना कि मंजिल दूर है एक कदम बढ़ा सको तो चलो,
मुश्किल होगा सफर, भरोसा है खुद पर तो चलो।
हर पल हर दिन रंग बदल रही जिंदगी,
तुम अपना कोई नया रंग बना सको तो चलो।
राह में साथ नहीं मिलेगा किसी का अकेले चल सको तो चलो,
जिंदगी के कुछ मीठे लम्हे बुन सको तो चलो।
महफूज रास्तों की तलाश छोड़ दो धूप में तप सको तो चलो,
छोटी-छोटी खुशियों में जिंदगी ढूंढ सको तो चलो।
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें,
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।
तुम ढूंढ रहे हो अंधेरो में रोशनी ,खुद रोशन कर सको तो चलो,
कहा रोक पायेगा रास्ता कोई जुनून बचा है तो चलो।
जलाकर खुद को रोशनी फैला सको तो चलो,
गम सह कर खुशियां बांट सको तो चलो।
खुद पर हंसकर दूसरों को हंसा सको तो चलो,
दूसरों को बदलने की चाह छोड़ कर, खुद बदल सको तो चलो।
निदा फाजली
🍂कलह पर विजय पाने के लिए,
मौन से बड़ा कोई अस्त्र नहीं है..❤️
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ReplyDeleteये स्व: निदा फ़ाज़ली का शेर है
जिसे चित्रा सिंह ने गाया है
जगजीत सिंह ने गाया है और
पिछले साल आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने
विपक्ष पर तंज कसने के लिये
लेकसंभा सदन नै ये शेर पढ़े थे
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो : निदा फ़ाज़ली का कलाम है कुछ लोग अपना बनाने के चक्कर मै है
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ReplyDeleteसफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
ReplyDeleteसफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो
बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
हर इक सफ़र को है महफ़ूस रास्तों की तलाश
हिफ़ाज़तों की रिवायत बदल सको तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फ़िज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
~ निदा फ़ाज़ली
https://twitter.com/jaswantnirala68/status/1404727416547774466/video/1
ReplyDeleteयै लिंक मेरे ट्वीटर की जहा मोदी जी ने जो पक्तियाँ पढ़ी थी उसका वीडियो ट्वीटर पर है
निंदा और आलोचना शब्द है एक जैसे मगर अर्थ मै
ReplyDeleteज़मीन आसमान का अंतर है
चोर पर हमला करो तो निंदा
चोरी पर हमला करो तो आलोचना
पापी पर हमला करो तो निंदा
पाप पर हमला करो तो आलोचना
हमे इस बारीक भग को समझना ज़रूरी है है मगर
लोग कि समझते ही नही
आलोचना होती है किसी को जगाने के लिये और
निंदा होती है किसी को मिटाने के लिये
क्या बात रूपा .. बहुत प्यारी तस्वीर के साथ सुंदर सी कविता..👌👌👌😍😍😍😍
ReplyDeleteफूल तो तुम्हारी बालकनी के लग रहे..बिल्कुल तुम्हारी तरह प्यारे🌺🌺🌺🌺
हां, मेरी बालकनी के ही हैं 😊
DeleteHave a blessed and beautiful day🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteअच्छी कविता के साथ सुंदर सी तस्वीर, शुभ और मंगलमय रविवार
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteबहुत अच्छे,,शानदार गज़ल
ReplyDeleteमेलोडी है कही निदा फ़ाज़ली कही कोई और है
Deleteचलो कम से कम शायर का नाम तो आया
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता 👌👌
ReplyDeleteHappy Sunday 💐 💐 & sadgI bhari beautiful pic 😍😍
Hpy sunday ji 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteBeautiful....
ReplyDeleteNice poem nice pic..happy sunday
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteV nice
ReplyDeleteक्या खूब लगती हो .. बड़ी सुंदर दिखती हो.. चाहे जिस भी एंगल से पिक ले लो..👌👌👌
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteअच्छी और प्रेरणास्पद कविता।शुभ रविवार।
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteAll the poems are really my fav prt of blog
ReplyDeleteHappy Sunday 😘😘
ReplyDeleteWonderful pic 👍👍
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