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दालचीनी का महत्व | Benefits of Chinnamon | दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

 दालचीनी का महत्व । Benefits of Daalchini

सबने दालचीनी के बारे में जरूर सुना होगा। हम साधारणतया मसाले के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद में दालचीनी को बहुत ही फायदेमंद औषधि माना जाता है और इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं। आयुर्वेद में कई रोगों के ईलाज में इसका उपयोग किया जाता है।

दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

दालचीनी के फायदे (Benefits of Chinnamon):-

  •  दालचीनी वायु की सभी बीमारियों में काम आती है। जैसे- दमा, अस्थमा आदि रोगों को खत्म करती है। इसके साथ कफ के रोग भी खत्म करती है। जैसे- खांसी, सर्दी, जुकाम, मोटापा, वजन बढ़ाना आदि।
  •  दालचीनी पाउडर के रूप में अधिक उपयोगी है। इसे गुड़ में अच्छी तरह मिलाकर खाना चाहिए और ऊपर से गुनगुना/गरम पानी पीना चाहिए। इसे शहद  के साथ भी मर्दन (अच्छी तरह रगड़ कर मिलाना )के बाद लेना चाहिए और ऊपर से गुनगुना पानी पी लेना चाहिए।
  • दालचीनी में अकेले कम से कम 50 कफ के रोग और वात रोग को खत्म करने की क्षमता होती  है।
दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण
  • अस्थमा वायु की बीमारी है, इसके लिए दालचीनी शहद के साथ ले सकते हैं। क्योंकि दालचीनी क्षारीय है। शहद की जगह गुड़ ले सकते हैं। यह दोनों क्षारीय है।
  • नारियल फलों में रस होते हुए भी यह क्षारीय है। अतः नियमित रूप से हरा नारियल खाइए। एक दिन 50 ग्राम तक चबा चबा कर खा सकते हैं। दालचीनी गुड़ के साथ  और नारियल 50 ग्राम साथ साथ लेने से 3 महीने के अंदर अस्थमा खत्म हो जाएगी।  
दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण
  • दालचीनी के सेवन से पाचन तंत्र संबंधी विकार, दाँत, सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म की परेशानियाँ  ठीक होती हैं। 
  • हिचकी आना एक साधारण शारीरिक वेग है, पर कभी कभी किसी को यह ज्यादा आने लगती है। ऐसी स्थिती में 10 - 20 मि.ली. दालचीनी का काढ़ा पियें, आराम मिलता है। 
  •  जिसको भूख न लगने की समस्या हो, उसे 500 mg सोंठ चूर्ण, 500 mg इलायची चूर्ण और 500 mg दालचीनी चूर्ण मिलाकर सुबह शाम खाने से पहले लेना चाहिए, इससे भूख बढ़ती है। 
  • बार- बार उल्टी आने की स्थिती में दालचीनी और लौंग का काढ़ा 10 -20 mg मात्रा में पिलाने फायदा मिलता है। 
  • दालचीनी के 8 - 10 पत्तों को पीसकर मस्तक पर लेप लगाने से गर्मी से होने वाले सिरदर्द में आराम मिलता है। 
  • दालचीनी के तेल से सिर मालिश करने से सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द में आराम मिलता है। 
  • दालचीनी को पानी में घिसकर गरम कर लेप लगाने से जुकाम में फायदा होता है। 
  •  खांसी से परेशान होने पर आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को 2 चम्मच शहद के साथ सुबह शाम सेवन करने से आराम मिलेगा। 
  • शरीर का वजन बढ़ने तथा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर एक कप पानी में दो चम्मच मधु और तीन छोटा चम्मच दालचीनी डाल कर दिन में दो बार सेवन करें। 
  • 10 -20 मि.ली. दालचीनी का काढ़ा पीने से पेट संबंधी बिमारियों में आराम मिलता। 
  • दालचीनी, इलायची और तेजपत्ता को बराबर बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। इसके सेवन से आमाशय की ऐंठन में लाभ मिलता। 
दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

दालचीनी के नुकशान (Side effects of Chinnamon):-

  • कोई भी चीज जरुरी नहीं के सबके लिए फायदेमंद हो, दूसरे व्यक्ति को इससे हानि भी हो सकती है। इसलिए अपने शरीर की प्रवृत्ति को जाने बिना इसका सेवन न करें।  
  • दालचीनी के अधिक मात्रा में सेवन से सिरदर्द की शिकायत हो सकती है। 
  • गर्भवती महिला को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। 
दालचीनी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण


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