बुराई का अंत
एक सांप को एक बाज़ आसमान पे ले कर उड रहा था। अचानक पंजे से सांप छूट गया और कुवें मे गिर गया बाज़ ने बहुत कोशिश की अखिर थक हार कर चला गया। सांप ने देखा कि कुवें में बड़े बड़े मेढक मौजूद थे। पहले तो डरा फिर एक सूखे चबूतरे पर जा बैठा और मेढकों के प्रधान को लगा खोजने।
अखिर उसने एक मेढक को बुलाया और कहा मैं सांप हूँ मेरा ज़हर तुम सब को पानी में मार देगा। ऐसा करो रोज़ एक मेढक तुम मेरे पास भेजा करो, वह मेरी सेवा करेगा और तुम सब बहुत आराम से रह सकते हो। पर याद रखना एक मेढक रोज़ रोज़ आना चाहिए। एक एक कर के सारे मेढक सांप खा गया।
जब अकेले प्रधान मेढक बचा तब सांप चबूतरे से उतर कर पानी मे आया और बोला प्रधान जी आज आप की बारी है। प्रधान मेढक ने कहा मेरे साथ विश्वास घात ? सांप बोला जो अपनो के साथ विश्वास घात करता है उसका यही अंजाम होता है। फिर उसने प्रधान जी को गटक लिया।
कुछ देर के बाद साँप आहिस्ता आहिस्ता कुवें के ऊपर आ कर चबूतरे पर लेट गया। तभी एक बाज़ ने आ कर साँप को दबोच लिया। पहचान साँप मुझे मैं वही बाज़ हूँ जिसके बच्चे तूने पिछले साल खा लिये थे और जब तुझे पकड़ कर ले जा रहा था तब तू मेरे पंजे से छूट कर कुवें मे जा गिरा था।
तब से मैं रोज़ तेरी हरकत पर नज़र रखता था। आज तू सारे मेढक खा कर काफी मोटा हो गया। मेरे फिर से बच्चे बड़े हो रहे है वह तुझे ज़िंदा नोच नोच कर अपने भाई बहनो का बदला लेंगे। फिर बाज़ साँप को लेकर उड़ गया अपने घोसले की तरफ।
बुराई एक दिन हार ही जाती है वह चाहे कितनी भी ताक़तवर हो..!!
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 25 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDelete"पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार।
Deleteआप जैसी अच्छाई आजकल मिलती कहां है
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉
ReplyDelete🚩🚩जय जय माँ भवानी 🚩🚩
🚩🚩जय जय श्री महाकाल 🚩🚩
👌👌👌सत्य, बहुत बढ़िया, प्रेरणादायक🙏
🙏आपका बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
जैसे को तैसा
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबिल्कुल सही। बुरे के साथ, बुरा ही होता है।
ReplyDeleteVery nice
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