"मेरी अन्तिम अभिलाषा"
मैं जीवन के अन्तिम पल तक
नतमस्तक हूं तुम्हारे लिए
मैं प्रेम की रीत निभाऊंगी,
बस मन से तुम मेरे रहना..
नियति ने बेशक हमें दूर किया,
पर सांसें सब तुम्हारी हैं,
मेरी अंतिम अभिलाषा,
मेरा विश्रामगृह तुम्हारी बाहें..
मेरी आखरी तपिश तुम्हारा स्पर्श..
मेरे पुण्य की कमाई तुम..
मेरा बैकुंठ धाम तुम्हारा आलिंगन,
मस्तक का तिलक अधर तुम्हारे,
निर्मल प्रेम हमारा थाती मेरी..
हृदय में दीप नयन तुम्हारे,
जीवन का एक पुण्य तुम,
बाकी सब कर्म निरर्थक,
प्रिय की वाणी जीवन संगीत मेरा..
मत थमना मेरी राहों में,
पर मुड़ कर नज़र में भरना,
याद मेरी तुम और भूल तुम्हीं हो,
गले से लगा कर शीतल छाया..
बेशक न करना,
दिल में धड़कना,
श्रृंगार रस में न हो विरह में रहना..
सावन में न आना पतझड़ में आना,
मुझे अपना समंदर न देना,
पर मेरी नदी में समहित होना..
आखरी विदाई पर तुम आना,
इतना अधिकार चाहिए,
गंगा जल मुख में तुम ही देना..
आखरी सेज पर ले चलना,
बाहों में भर कर अपने,
अब मौन व्रत धारण करती हूं..
तुम संग मेरा प्रेम और मोह यही है..
पर...
स्मृतियों का कोई तर्पण नहीं होता...❣️"
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 05 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDelete"पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।
Deleteदिल को छू लेने वाली रचना बहुत सुन्दर
ReplyDeleteइतवार को खुशनुमा बनाती सुंदर तस्वीर के साथ दिल को छूती बेहतरीन कविता।
ReplyDeleteWooow Very Nice 👌🏻👍
ReplyDeleteVery nice...
ReplyDelete☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️🍁☘️
ReplyDelete💫सच्चा स्नेह करने वाला केवल आपको बुरा बोल सकता है
कभी आपका बुरा नहीं कर सकता क्योंकि
उसकी नाराजगी में आपकी
फिकर और दिल में आपके प्रति सच्चा स्नेह होता है🙏🏻
Very Nice, Happy Sundar
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteबेहतरीन रचना
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी सृजन!
ReplyDeleteसच है इंसान मरता है लकिन स्मृतियाँ जीवित रहती हैं सदा अपनों के बीच .....
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति
Very nice
ReplyDelete🙏🙏💐💐☕️☕️
ReplyDelete🕉शुभप्रभात 🕉
🚩🚩जय श्री राधे कृष्ण🚩🚩
🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
👌👌👌बहुत खूब, निशब्द 🙏
🙏🙏धन्यवाद 💐💐