कटहल / Kathal / JackFruit
वानस्पतिक नाम : औनतिआरिस टोक्सिकारीआ (Antiaris Toxicaria)
कटहल (JackFruit) एक ऐसा फल है, जिसका उपयोग कच्चा होने पर सब्जी के रूप में और पका होने पर फल के रूप में किया जाता है। कटहल (JackFruit) के पकने पर उसका गुदा निकालकर खाया जाता है।
कटहल क्या है?
कटहल एक उष्णकटिबंधीय फल है, जो मुख्य रूप से दक्षिण पश्चिम भारत में होता है। इस फल का वैज्ञानिक नाम आर्टोकापर्स हेटेरोफाइल्स है। कटहल आकार में छोटे और बड़े दोनों प्रकार के होते हैं। इस फल की बाहरी परत नुकीली होती है। कटहल को दुनिया के चुनिंदा सबसे बड़े और भारी फलों में गिना जाता है। यह फल पकने पर बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट लगता है। खासकर भारत में इस फल से सब्जी, अचार और कई तरह के जायकेदार व्यंजन बनाए जाते हैं। यह फल सिर्फ पेट भरने तक और सब्जी तक सीमित नहीं है, अपितु आपको यह जानकर हैरानी होगी की कटहल के औषधीय गुण शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं।
जानते हैं कटहल के उपयोग, फायदे, नुकसान और औषधीय गुणों के बारे में
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
कटहल के बीजों में जैकलीन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर की इम्युनिटी को बेहतर करने में सहायक होता है। साथ ही इसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाती है।
- सिर दर्द में
सिर दर्द को कम करने के लिए कटहल के जड़ को पीसकर छानकर उसका रस निकाल कर एक दो बूंद नाक में डालने से सिर के दर्द में आराम होता है।
- नकसीर (नाक से खून निकलना) में
गर्मी में ठंड में नाक से खून निकलने पर 8-10 कटहल के बीज को काढ़ा बनाकर पीने से नाक से खून निकलना बंद हो जाता है।
- भूख बढ़ाने में
लंबी बीमारी के बाद जब भूख ना लगने की समस्या आती है, तब भूख को बढ़ाने के लिए 10 मिलीलीटर कटहल फल के रस में 125 मिलीग्राम काली मिर्च का चूर्ण तथा शर्करा मिलाकर सेवन करने से भूख अच्छी लगती है।
- अतिसार या दस्त लगने पर
अगर मसालेदार और ज्यादा तला भुना खाना खाने के बाद दस्त की समस्या आती है, तो 10 से 20 मिलीलीटर कटहल के जड़ का काढ़ा बनाकर सेवन करने से दस्त ठीक हो जाते हैं।
- हैजा की समस्या
अक्सर खाने में संक्रमण हो जाने पर हैजा की बीमारी हो जाती है। ऐसे में 1-2 कटहल के फूलों को पानी में पीसकर पिलाने से विसूचिका या हैजा ठीक होने में सहायता मिलती है।
- दर्द से आराम
भागदौड़ भरी जिंदगी में दर्द भी एक आम समस्या हो गई है। कटहल का फल दर्द निवारक जैसा काम करता है। इसके लिए कटहल के बीच के गूदे से काढ़ा बना लें और 10-20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से दर्द से आराम मिलता है।
- खुजली से आराम
अक्सर किसी दवा के कारण या बीमारी के कारण लाल लाल दाने या रैशेज निकल जाते हैं। इससे राहत पाने के लिए कटहल के पत्ते का काढ़ा बनाकर प्रभावित स्थान को धोने से खुजली या रैशेज जैसे त्वचा संबंधी समस्याओं से आराम मिलता है।
- फोड़ा सुखाने के लिए
फोड़ों के दर्द से राहत पाने या जल्दी सुखाने के लिए कटहल के पत्तों का रस का लेप करने से आराम मिलता है। यहां तक कि कटहल के पत्तों का रस सूजन और खुजली में भी फायदेमंद होता है।
- त्वचा रोग (डर्माटाइटिस) में
आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में तरह-तरह के त्वचा संबंधी रोग होते हैं। कटहल के पत्तों को तेल में भूनकर बचे हुए सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से त्वचा के रोगों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
- सूजन कम करने में
सूजन को कम करने के लिए भी कटहल का इस्तेमाल किया जाता है तथा फल से जो दूध मिलता है, उसको सूजन वाले स्थान पर लगाने से तथा वर्ण पर लगाने से लाभ होता है। कटहल के फल तथा वृक्ष से प्राप्त दूध को सिरके में मिलाकर लेप करने से ग्रंथि के सूजन तथा घाव के फूट जाने पर लाभ मिलता है।
- कमजोरी दूर करने में
कभी-कभी ज्यादा दिनों तक बीमार होने के कारण कमजोरी हो जाती है ऐसे में तीन-चार चम्मच कटहल के फल का रस आधा कप दूध में मिलाकर सेवन करने से थकावट महसूस होना कम होता है और कमजोरी दूर होती है।
- एनीमिया दूर करने में
कटहल कषाय एवं पित्त शामक होने के कारण तथा इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन होने के कारण यह एनीमिया को ठीक करने में मदद करता है। इसमें ज्यादातर इसकी पत्तियों और टहनी का उपयोग किया जाता है।
- अस्थमा में
अस्थमा जैसी बीमारियों में भी कटहल का उपयोग किया जाता है। अस्थमा में कटहल की जड़ का प्रयोग किया जाता है।
- थायराइड में
कटहल में कॉपर नामक तत्व होता है, जो कि हारमोंस बनाने में सहयोगी होता है। इसकी उपस्थिति के कारण कटहल थायराइड जैसी गंभीर समस्याओं में भी लाभदायक होता है।
- हड्डियों के लिए
हड्डियों की मजबूती के लिए कटहल बहुत फायदेमंद है। कटहल में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए आवश्यक तत्व है। शरीर कैल्शियम नहीं बनाता है, तो इसकी आपूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों द्वारा की जाती है। अतः स्वस्थ हड्डियों के लिए अपने आहार में कटहल का सेवन को शामिल करें।
- आंखों के लिए गुणकारी
आंखों से संबंधित समस्या पित्त के बढ़ जाने के कारण होती है और कटहल में पित्त शामक गुण पाया जाता है। अतः इसके सेवन से आंखों में होने वाली समस्या को दूर रखने में मदद मिलता है।
- वजन कम करने में
कटहल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है इससे पाचन बेहतर होता है और वह वजन कम करने में सहायक होता है।
- कब्ज की समस्या
कटहल में पाया जाने वाला फाइबर तत्व कब्ज को दूर करने में सहायक होता है। फाइबर तत्व पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, डायरिया व गैस आदि को ठीक करते हैं।
कटहल का उपयोगी भाग कौन सा है?
आयुर्वेद में कटहल के बीज, फल, पत्ता, तना एवं छाल का औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
कटहल में पाए जाने वाले पोषक तत्व(Nutritional Value of JackFruit)
कटहल का नुकसान
- कटहल के फल का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन से अपच की समस्या हो सकती है
- खाली पेट कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ऐसा कहा जाता है कि कटहल सेवन के बाद पान खाने से शरीर पर विष जैसा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कटहल सेवन के बाद पान बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
English Translate
Kathal / JackFruit
Jackfruit is a fruit that is used as a vegetable when raw and as a fruit when ripe. When jackfruit is ripe, its anus is eaten, which is rich in vitamins A, C, B6, calcium, potassium, iron, folic acid, magnesium etc. Everyone knows that the vegetables and fruits of jackfruit are consumed, but it is also beneficial for many diseases, only few people know this.
What is Jackfruit?
Jackfruit is a tropical fruit that grows mainly in Southwest India. The scientific name of this fruit is Artocapres heterophiles. Jackfruits are both small and large in size. The outer layer of this fruit is sharp. Jackfruit is counted among the largest and heaviest fruits selected in the world. This fruit is very sweet and tasty when ripe. Especially in India, vegetables, pickles and many delicious dishes are made from this fruit. This fruit is not limited to just filling the stomach and vegetables, but you will be surprised to know that the medicinal properties of jackfruit are very beneficial for the body.
Know about the uses, advantages, disadvantages and medicinal properties of jackfruit
- Boosting Immunity
Jackfruit seeds contain an element called Jacqueline, which is helpful in improving the immunity of the body. It is also rich in vitamin C, which increases immunity.
- In Headache
To reduce headache, grind the root of jackfruit, filter it, extract its juice and put a couple of drops in the nose, it provides relief in headache.
- In Nosebleeding
Taking 8-10 jackfruit seeds as a decoction stops bleeding from the nose.
- To Increase Appetite
After a long illness, when there is a problem of loss of appetite, to increase appetite, take 125 mg black pepper powder and sugar in 10 ml jackfruit juice, it ends hunger.
- Diarrhea
If the problem of diarrhea comes after eating spicy and fried food, then taking 10 to 20 ml decoction of jackfruit root and taking it, it cures diarrhea.
- The Problem of Cholera
Cholera disease often occurs when there is an infection in the food. In such a situation, grinding 1-2 jackfruit flowers in water and drinking it helps in curing cholera.
- Pain Relief
Pain has also become a common problem in the hectic life. Jackfruit fruit acts as a pain reliever. For this, make a decoction from the pulp between jackfruit and take 10-20 ml quantity, it provides relief from pain.
- Relief from Itching
Often due to some medicine or disease, a red rash or rash comes out. To get relief from this, making a decoction of jackfruit leaves and washing the affected area provides relief from skin problems like itching or rashes.
- Boils
To get relief from the pain of boils or to dry it quickly, applying juice of jackfruit leaves provides relief. Even the juice of jackfruit leaves is beneficial in inflammation and itching.
- In Skin Disease (dermatitis)
Various types of skin diseases occur in today's polluted environment. Roasting jackfruit leaves in oil and applying it to the remaining mustard oil helps in curing skin diseases.
- To Reduce Inflammation
Jackfruit is also used to reduce swelling and the milk obtained from the fruit is beneficial by applying it on the inflamed area and applying it on the complexion. Mixing the fruit of jackfruit and the milk obtained from the tree with vinegar and applying it provides relief in swelling of the gland and cracking of the wound.
- Weakness
Sometimes weakness occurs due to being sick for a long time, in such a situation, taking three-four spoon juice of jackfruit fruit mixed with half a cup of milk, reduces the feeling of tiredness and removes weakness.
- To cure Anemia
Jackfruit being astringent and bile sedative and being rich in iron, it helps in curing anemia. Its leaves and twigs are mostly used in this.
- In Asthma
Jackfruit is also used in diseases like asthma. Jackfruit root is used in asthma.
- In Thyroid
Jackfruit contains an element called copper, which is helpful in making hormones. Due to its presence, jackfruit is also beneficial in serious problems like thyroid.
- For Bones
Jackfruit is very beneficial for the strength of bones. Calcium is found in jackfruit, which is an essential element for the strength and development of bones. The body does not make calcium, so it is supplied by calcium-rich foods. Therefore, include the consumption of jackfruit in your diet for healthy bones.
- Good for Eyes
Problems related to eyes are due to the increase of pitta and jackfruit has sedative properties. Therefore, its consumption helps in keeping the problem of eyes away.
- In Losing Weight
Jackfruit is rich in fiber, which improves digestion and helps in reducing weight.
- Constipation Problem
The fiber element found in jackfruit is helpful in removing constipation. Fiber elements cure stomach related problems like constipation, diarrhea and gas etc.
What is the useful part of jackfruit?
The seeds, fruit, leaves, stem and bark of jackfruit are used as medicine in Ayurveda.
Side Effects of Jackfruit
- Jackfruit fruit should not be consumed in excess. Consuming it in excessive amounts can cause indigestion.
- Jackfruit should not be consumed on an empty stomach.
- It is said that consuming betel leaves after consuming jackfruit has a poison-like effect on the body. Therefore, after consuming jackfruit, paan should not be eaten at all.
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteNice information 👌 👍
ReplyDeletevery useful information
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteMujhe iski sabji bahut pasand hai
ReplyDeleteInteresting.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी अभी तक सेहत के लिए नुकसानदायक जाना जाता था
ReplyDeleteVery Nice Information 👌🏻👌🏻
ReplyDeleteIt's My Favorite Vegetable 😋😋
Very good
ReplyDeleteVery good
ReplyDelete