मन के जीते जीत
एक देश की सेना का सेनापति युद्ध में शत्रु से हार कर घर आ गया। वह बहुत उदास था, उसकी पत्नी ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तब उसने युद्ध हारने की बात बतायी। यह सुनकर उसकी पत्नी क्रोधित होकर बोली - "'मैंने तो एक शूरवीर सेनापति से विवाह किया था, तुम तो भीरु निकले। तुम जीते जी मर गए। तुम मन का युद्ध हार गये।"
यह सुनकर सेनापति को बड़ी चोट पहुंची। उसके आत्मसम्मान को आघात लगा। वह स्वयं को जैसे धिक्कारने लगा और उठकर वापस चला गया। सेना को एकत्रित करके शत्रु से युद्ध किया और जीत गया। यह सारी विजय उसके मन की विजय थी। मनुष्य के शरीर में लगभग सभी अंग स्थल भौतिक रूप में दिखायी देते हैं - जैसे- आंख, नाक, कान, हृदय आदि दृष्टिगत हैं, किंतु मन जो सभी को चलाता है, रोकता है, भटकाता है, पराजय-विजय दिलाता है, प्रेम-घृणा आदि अनेक मनोभावों व कार्यों का कारण बनता है। उसका अपना कोई दृश्य स्थूल अस्तित्व नहीं है।
वैसे वेदों में अंतः करण को समझना जरूरी है। अंतः का अर्थ है शरीर के अंदर रहनेवाली इंद्रियां, इससे बाहरी वस्तुओं का सीधे ज्ञान नहीं होता, जबकि बाह्य ज्ञानेंद्रियों जैसे आंख, नाक, कान आदि से बाहरी वस्तुओं का ज्ञान होता है. अंतःकरण शरीर के अंदर की इंद्रियों को ग्रहण या अनुभव करता है, जैसे ज्ञान-अज्ञान, इच्छा, सुख-दुख, आशा-निराशा, पर्यटन आदि वृत्तियां।
अंतःकरण चार हैं- मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। यह चारों वृत्तियां हैं। मन संकल्प-विकल्प करता है, बुद्धि निश्चय, सत्य-असत्य, ठीक- गलत बताती है, चिंतनरूपी वृत्ति का नाम चित्त है, जो विचारों, घटनाओं आदि को संभाल कर भी रखता है और स्फुरण या गर्वरूप वृत्ति का नाम है अहंकार।
मन एक विचारों का, संकल्पों-विकल्पों का प्रवाह है। मन बड़ा चंचल है, बंदर की तरह नाचता रहता है। इसकी गति नकारात्मकता की ओर अधिक होती है। इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण ने मन को ईश्वर के चरणों से आबद्ध कर अपना उद्धार स्वयं ही करने की प्रेरणा दी है।
बड़ा नहीं होता..
टूटे मन से कोई
खड़ा नहीं होता..
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 23 जून 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteसुंदर संदेश।
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा 🙏
Badhiya sandesh deti inspirational story..
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteGood story
ReplyDeleteJai shree krishna🙏
Jai Shri krishna
ReplyDeleteRadhe Radhe Jay Shree Krishna 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteVery nice..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबेहतरीन ज्ञानवर्धक सुन्दर सार्थक रचना
ReplyDeleteJai shree krishna
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteअति सुंदर संदेश जय श्री कृष्ण🙏🏼
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