ओशो ने मांसाहार और शाकाहार पर बहुत सटीक बातें कही हैं
ओशो को मानने वाले या यूँ कहें कि ओशो के अनुयायी बहुत हैं और उनका विरोध करने वाले भी। पर हमें इस बात की चर्चा नहीं करनी है। आज हम शाकाहार और मांसाहार पर उनके विचार की चर्चा करेंगे।
ओशो के अनुसार फल और सब्जियाँ रंगदार और खुशबूदार होती हैं, वो हमें मोहक लगती हैं, जबकि मांस देखने में भद्दा और बदबूदार होता है। किसी फल के बगीचे में चले जायें तो मन खिल जाता है। एक दो फल तोड़ कर खाने का मन करता है, वहीं किसी कत्लगाह में चले जाएँ तो अच्छा खासा स्वस्थ मन भी खराब हो जाए।
फल या सब्ज़ी तोड़ने या काटने पर हमें कोई ग्लानि नहीं होती, उनकी पीड़ा, उनका रोना और चीखना हमें सुनाई या दिखाई नहीं देता, वहीं किसी पशु की हत्या करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। इसलिए देखा जाए तो प्रकृति ने भी हमारी इंद्रियों को ऐसा बनाया है कि जिह्वा के अलावा बाकी सभी इन्द्रियाँ मांसाहार के ख़िलाफ़ हैं।
इससे आपको समझना चाहिए कि प्रकृति आपको क्या इशारा कर रही है। इशारे को समझें, शाकाहारी बनें।
English Translate
Osho has said very accurate things on non-vegetarianism and vegetarianism.
There are many people who believe in Osho or rather, there are many followers of Osho and also those who oppose him. But we don't have to discuss this. Today we will discuss his views on vegetarianism and non-vegetarianism.
According to Osho, fruits and vegetables are colorful and aromatic, they seem attractive to us, whereas meat is ugly to look at and smelly. If you go to a fruit garden, your heart blossoms. One feels like plucking a fruit or two and eating it, but if one goes to a slaughterhouse, even a healthy mind can get spoiled.
We do not feel guilty about plucking or cutting fruits or vegetables, we do not hear or see their pain, their crying and screaming, whereas killing an animal is not easy for everyone. Therefore, if seen, nature has also made our senses such that except the tongue, all other senses are against non-vegetarian food.
From this you should understand what nature is indicating to you. Take the hint, go vegetarian.
Nice
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteपहले आप ये बताइए आप शाकाहारी हैं या मांसाहारी?
ReplyDeleteया सिर्फ दूसरों के लिए शाकाहारी को प्रमोट कर रही हैं।
हम शुद्ध शाकाहारी हैं।
Deleteजियो और जीने दो
ReplyDeleteज्ञान की गंगा है ओशो ज्ञान ....
ReplyDeletepet ko murdaghar na bnaye
ReplyDeleteA very important topic was discussed.
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉 सुप्रभात.....वंदन🕉
🙏शुभ रविवार🙏
🙏भगवान सूर्य देव को प्रणाम🙏
🍁ॐ सूर्य देवाय नमः🍁
🙏आप का दिन मंगलमय हो🙏
👍👍👍बहुत खूब 🙏
🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Very Nice post
ReplyDeleteओशो का कहना बिल्कुल सत्य है। जैसा आहार वैसा विचार । परमात्मा ने हमारे शरीर को शाकाहार के लिए निर्माण किया है। शुद्ध विचार शाकाहार से ही निर्मित होती है🌹🙏गोविंद🙏🌹
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNice post
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