सनातन नववर्ष संवत्सर २०८१
सनातन नववर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा (प्रथम) तिथि को मनाया जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर 2024 के अनुसार 09 अप्रैल को नववर्ष का प्रथम दिवस है। सनातन नववर्ष को नव संवत्सर, वर्ष प्रतिपदा, विक्रम संवत वर्षारंभ, युगादि आदि नामों से भी जाना जाता हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार, सनातन नववर्ष का प्रथम दिन जिस वार पर पड़ता है पूरा वर्ष उस ग्रह का स्वामित्व माना जाता हैं। नववर्ष २०८१ मंगलवार से आरंभ हो रहा है, ऐसे में मंगल ग्रह इस पूरे वर्ष के स्वामी मानें जाएंगे।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व
१. ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना प्रारंभ
२. चारों युग सत, त्रेता, द्वापर, कलि का प्रथम दिन
३. चैत्र मास नवरात्रि का प्रथम दिन
४. रामायण काल में प्रभु श्री राम और महाभारत काल में पांडव युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ
५. महर्षि गौतम जंयती
६. सम्राट विक्रमादित्य ने अपने राज्य की स्थापना की तथा वर्ष ५७ ईसा पूर्व में विक्रम संवत (पंचांग) आरंभ किया था।
विक्रम संवत = ईस्वी वर्ष + ५७
७. सम्राट शालिवाहन या कुषाण शासक कनिष्क द्वारा वर्ष ७८ ईस्वी में शक संवत (पंचांग) आरंभ किया गया। अंग्रेजों से स्वतंत्रता पश्चात भारत सरकार ने शक संवत (पंचांग) को भारत का आधिकारिक राष्ट्रीय कैलेंडर स्वीकार किया।
शक संवत = ईस्वी वर्ष - ७८
८.सिखों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस
९. झूलेलाल जयंती / चेटीचंड
सिंध राज्य में इस्लामी आक्रांता मिरखशाह का शासन था और वह गैर मुस्लिमों पर बहुत अत्याचार करता था, एक दिन उसने गैर मुस्लिमों को इस्लाम में परिवर्तित होने का आदेश जारी किया। सिंध के गैर मुस्लिमों ने ४० दिनों तक कठिन जप, तप और साधना की। तब सिंधु नदी से जल देवता वरुण एक विशाल मत्स्य पर बैठे हुए झूलेलाल रुप में प्रकट हुए और जनता को आश्वस्त किया कि वह जन्म लेकर मिरखशाह के अत्याचारों से मुक्ति दिलाएंगे।
१०. महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना
सनातन नववर्ष का प्राकृतिक महत्व
१. वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से होता हैं जो उल्लास, उमंग, प्रसन्नता से पूर्ण तथा चारों दिशाओं में पुष्पों की सुगंध भरी होती हैं।
२. नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है।
३. वर्ष प्रतिपदा चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस है। जीवन के मुख्य आधार औषधियों और वनस्पतियों को रस चंद्रमा ही प्रदान करता है।
४. उपज पकने का समय अर्थात किसान के परिश्रम का फल मिलने का समय।
सनातन नववर्ष के अवसर पर लोग एक दूसरे को तथा परिचित संबंधियों को नववर्ष की शुभकामनाएं एवं बधाइयां देते हैं। इस दिन घरों, प्रतिष्ठानों, पूजा स्थलों पर रंगोली, ऐपण, पत्तों की वंदनवार से सजाया जाता है। घरों की छत पर ध्वजारोहण होता है। इस दिन कुछह लोग पीले या भगवा वस्त्र धारण करते हैं। यह दिन ईश्वर का स्मरण करने का तथा माता पिता, गुरुजनों आदि का आशीर्वाद प्राप्त करने का है।
इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन समाज की भलाई के लिए भी कुछ अवश्य करना चाहिए।
इस दिन धर्म रक्षा, जीवन को उत्तम बनाने तथा समाज में योगदान देने हेतु नवीन प्रवृत्तियों को अपनाने तथा हानिकारक प्रवृत्तियां छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए।
आज नवरात्रि का पहला दिन है
🙏🏻माँ शैलपुत्री🙏🏻
ज्योतिषी के अनुसार माँ शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं, इसलिए उनकी उपासना से चंद्रमा के द्वारा पड़ने वाले बुरे प्रभाव भी निष्क्रिय हो जाते हैं।
🙏🏻मंत्र
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
🙏प्रार्थना
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
🙏स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥🙏
औषधियों में विराजमान नवदुर्गा click here
सभी पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें..
*🌹🌹विक्रम संवत 2081 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा नव वर्ष में मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहे, सबका कल्याण हो , सब सुखी और समृद्ध रहे ऐसी मंगल कामनाओं के साथ हिंदू नव वर्ष एवं नवरात्रि की बहुत शुभकामनाएं🌹🌹*
ReplyDeleteMubarak ho
ReplyDeleteNavwarsh ki hardik badhayi
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि🕉️
ReplyDelete🚩🚩जय माँ भगवती 🚩🚩
🙏आपको सनातनी नव वर्ष २०८१ व चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं व अनेकों बधाईयाँ 💐💐
🙏🏼माता रानी आपकी मनोकामनाएं पूरी करें 🙏🏼
🙏माता रानी की कृपा आप एवं आपके समस्त परिजनों पर हमेशा बनी रहे 🙏
🌹!!! जय माता दी !!! जय श्री राम !!!🌹
पिंगल संवत्सर की बधाई
ReplyDeleteआपको भी हिंदू नववर्ष एवम नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं
ReplyDeleteनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏼
ReplyDeleteNavratri ki shubhkamnaye
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