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मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand)

रामचरितमानस के सभी अध्याय (कांड) की संक्षिप्त जानकारी के बाद आज से गुरुवार के ब्लॉग में मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों का संग्रह हर हफ्ते प्रस्तुत करने का प्रयास है। आज शुरुआत मुंशी प्रेमचंद जी की जीवनी से करते हैं।

प्रेमचंद (Premchand )

उपनाम :'प्रेमचंद'
मूल नाम :धनपत राय श्रीवास्तव
जन्म :31 जुलाई 1880 | लमही, उत्तर प्रदेश
निधन :8 अक्तूबर 1936 | बनारस, उत्तर प्रदेश        

धनपत राय श्रीवास्तव, जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को लमही (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। मुंशी जी के पिता मुंशी अजायबराय डाकखाने में क्लर्क थे और माता का नाम आनन्दी देवी था। प्रेमचंद को मानशिक झटके बचपन से ही मिलने शुरू हो गये थे, उनकी 6 वर्ष की अवस्था में माता जी का स्वर्गवास हो गया। मात्र पंद्रह वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया और सोलह वर्ष के होने पर उनके पिता का भी देहांत हो गया था। 

मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand)

मुंशी प्रेमचंद का साहित्य उनके बचपन पर आधारित था क्योंकि उन्होंने "सौतेली माँ का व्यवहार, बाल विवाह, किसानों और क्लर्कों का दुखी जीवन और धार्मिक कर्मकांड के साथ साथ पंडे-पुरोहितों का कर्मकांड अपनी किशोरावस्था में ही देख लिया था। यही अनुभव आगे चलकर उनके लेखन का विषय बन गया। 

मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand)

सन 1898 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे एक स्थानीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गए थे। इसके बाद उन्होंने पढाई जारी रखते हुए 1910 में दर्शन, फ़ारसी, अंग्रेज़ी, और इतिहास लेकर इंटरमीडिएट पास की और 1919 में फ़ारसी, इतिहास और अंग्रेज़ी विषयों से बी. ए. किया और बाद में शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने गाँधी जी के आवाहन पर 1921 ई. में असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए इंस्पेक्टर के पद से त्याग पत्र दे दिया था। इसके बाद लेखन को अपना व्यवसाय बना लिया था। 

मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand)

प्रेमचंद, 1933 में फिल्म नगरी मुंबई भी गये थे जहाँ मोहनलाल भवनानी के ‘सिनेटोन’ कंपनी में कहानी लेखक के रूप में काम करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, लेकिन यह काम रास नहीं आया और दो महीने का वेतन छोड़कर बनारस लौट आए। उनका स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ता गया और लम्बी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर 1936 को हिंदी साहित्य का यह सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो गया। 

साहित्यिक सफ़र

प्रेमचंद ने अपना साहित्यिक सफ़र एक उपन्यासकार और आलोचक की हैसियत से शुरू किया था। उनका पहला उपन्यास 1901  में प्रकाशित हुआ और दूसरा 1904 में। वह तब उर्दू में लिखते थे और उनका नाम था नवाब राय। उन्होंने 1907  से कहानियाँ लिखना भी शुरू कर दिया था। वे आरंभिक कहानियाँ उस ज़माने की मशहूर पत्रिका ‘ज़माना’ में प्रकाशित हुईं। उनका पहला कहानी-संग्रह ‘ सोज़े वतन’  तब प्रकाशित हुआ जब प्रथम विश्वयुद्ध की तैयारियाँ ज़ोरों पर थी। इस संग्रह को अँग्रेज़ शासक द्वारा ख़तरे के रूप में देखा गया और लेखक को इसकी पाँच सौ प्रतियों को आग लगा देने के लिए मजबूर किया गया। यहीं से फिर प्रेमचंद ने नवाबराय नाम छोड़कर प्रेमचंद नाम से लिखना शुरू किया। उन्हें यह नाम उर्दू लेखक और संपादक दयानारायण निगम ने दिया था। युद्धकाल में ही उन्होंने अपना पहला महान उपन्यास ‘सेवा सदन’ लिखा और युद्ध की समाप्ति पर ‘प्रेमाश्रम’ भी पूरा कर लिया था। हिंदी में जब 'सेवासदन' प्रकाशित हुआ तो हिंदी संसार में धूम मच गई। ‘बाज़ार-ए-हुस्न’ को इतनी तारीफ़ उर्दू में नहीं मिली थी। इसी क्रम में प्रेमचंद ने रंगभूमि उपन्यास की रचना पहले हिंदी में की, फिर उसे उर्दू में प्रकाशित करवाया।

प्रेमचंद ने जी कुछ लिखा वो हिंदी साहित्य में स्वर्ण अक्षरों में हमेशा के लिए अंकित हो गया है। मानसरोवर (कथा संग्रह) प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है। उनके निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियों को शामिल किया गया है।

मानसरोवर उपन्यास

सम्पूर्ण मानसरोवर कहानियाँ मुंशी प्रेमचंद्र || Complete Mansarovar Stories Munshi Premchand

मानसरोवर, भाग-1

  1. अलगोझा
  2.  ईदगाह
  3.  माँ
  4. बेटों वाली विधवा
  5.  बड़े भाई साहब
  6.  शांति
  7.  नशा
  8.  स्वामिनी
  9. ठाकुर का कुआँ
  10. घर जमाई
  11. पूस की रात
  12. झांकि
  13. गुल्ली डंडा
  14. ज्योति
  15. दिल की रानी
  16. धिक्कार
  17. कायर
  18. शिकार
  19. सुभागी
  20. अनुभव
  21. लांछन
  22. आखिरी हिला
  23. तावान
  24. घासवाली
  25. गिला
  26. रसिक संपादक
  27. मनोवृत्ति

मानसरोवर, भाग-2 

  1. कुसुम
  2. खुदाई फौजदार
  3. वेश्या
  4. चमत्कार
  5. मोटर के छींटे
  6. कैदी
  7. मिस पद्मा
  8. विद्रोही
  9. उन्माद
  10. न्याय
  11. कुत्सा
  12. दो बैलों की कथा
  13. रियासत का दीवाऩ़
  14. मुफ्त का यश
  15. १५ बासी भात में खुदा का साझा
  16. दूध का दाम
  17. बालक
  18. जीवन का शाप
  19. डामुल का कैदी
  20. नेऊर
  21. गृह-नीति
  22. कानूनी कुमार
  23. लॉटरी
  24. जादू
  25. नया विवाह
  26. शूद्रा

मानसरोवर, भाग- 3

  1. विश्वास
  2. नरक का मार्ग
  3. स्त्री और पुरूष
  4. उद्धार
  5. निर्वासन
  6. नैराश्य लीला
  7. कौशल
  8. स्वर्ग की देवी
  9. आधार
  10. एक आँच की कसर
  11. माता का हृदय
  12. परीक्षा
  13. तेंतर
  14. नैराश्य
  15. दण्ड
  16. धिक्कार
  17. लैला
  18. मुक्तिधन
  19. दीक्षा
  20. क्षमा
  21. मनुष्य का परम धर्म
  22. गुरु-मंत्र
  23. सौभाग्य के कोड़े
  24. विचित्र होली
  25. मुक्ति-मार्ग
  26. डिक्री के रुपये
  27. शतरंज के खिलाड़ी
  28. वज्रपात
  29. सत्याग्रह
  30. भाड़े का टट्टू
  31. बाबा जी का भोग
  32. विनोद

मानसरोवर, भाग - 4

  1. प्रेरणा
  2. सद्गति
  3. तगादा
  4. दो कब्रें
  5. ढपोरसंख
  6. डिमॉन्सट्रेशन
  7. दारोगा जी
  8. अभिलाषा
  9. खुचड़
  10. आगा-पीछा
  11. प्रेम का उदय
  12. सती
  13. मृतक-भोज
  14. भूत
  15. सवा सेर गेहूँ
  16. सभ्यता का रहस्य
  17. समस्या
  18. दो सखियाँ
  19. मांगे की घड़ी
  20. स्मृति का पुजारी

मानसरोवर, भाग - 5

  1. मंदिर
  2. निमंत्रण
  3. रामलीला
  4. कामना-तरु
  5. हिंसा परमो धर्म:
  6. बहिष्कार
  7. चोरी
  8. लांछन
  9. सती
  10. कज़ाकी
  11. आँसुओं की होली
  12. अग्नि-समाधि
  13. सुजान भगत
  14. पिसनहारी का कुआं
  15. सोहाग का शव
  16. आत्म-संगीत
  17. एक्ट्रेस
  18. ईश्वरीय न्याय
  19. ममता
  20. मंत्र
  21. प्रायश्चित
  22. कप्तान साहब
  23. इस्तीफ़ा

मानसरोवर, भाग - 6

  1. यह मेरी मातृभूमि है
  2. राजा हरदौल
  3. त्यागी का प्रेम
  4. रानी सारन्धा
  5. शाप
  6. मर्यादा की वेदी
  7. मृत्यु के पीछे
  8. पाप का अग्निकुंड
  9. आभूषण
  10. जुगनू की चमक
  11. गृह दाह
  12. धोखा
  13. लाग-डाट
  14. अमावस्या की रात
  15. चकमा
  16. पछतावा
  17. आप-बीती
  18. राज्य-भक्त
  19. अधिकार-चिन्ता
  20. दुराशा (प्रहसन)

मानसरोवर, भाग - 7

  1. जेल
  2. पत्नी से पति
  3. शराब की दुकान
  4. जुलूस
  5. मैकू
  6. समर-यात्रा
  7. शांति
  8. बैंक का दिवाला
  9. आत्माराम
  10. दुर्गा का मंदिर
  11. बड़े घर की बेटी
  12. पंच परमेश्वर
  13. शंखनाद
  14. ज़िहाद
  15. फ़ातिहा
  16. वैर का अंत
  17. दो भाई
  18. महातीर्थ
  19. विस्मृति
  20. प्रारब्ध
  21. सुहाग की साड़ी
  22. लोकमत का सम्मान
  23. नागपूजा

मानसरोवर, भाग - 8

  1. खून सफेद
  2. गरीब की हाय
  3. बेटी का धन
  4. धर्मसंकट
  5. सेवा-मार्ग
  6. शिकारी राजकुमार
  7. बलिदान
  8. बोध
  9. सच्चाई का उपहार
  10. ज्वालामुखी
  11. पशु से मनुष्य
  12. मूठ
  13. ब्रह्म का स्वांग
  14. विमाता
  15. बूढ़ी काकी
  16. हार की जीत
  17. दफ्तरी
  18. विध्वंस
  19. स्वत्व-रक्षा
  20. पूर्व संस्कार
  21. दुस्साहस
  22. बौड़म
  23. गुप्त धन
  24. आदर्श विरोध
  25. समस्या
  26. अनिष्ट शंका
  27. सौत
  28. सज्जनता का दंड
  29. नमक का दरोगा
  30. उपदेश
  31. परीक्षा
अब हर गुरुवार उपन्यास सम्राट कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद की कहानियों का आनंद उठायें 😊

12 comments:

  1. मुंशी प्रेमचंद जी की सम्पर्ण जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय शेयर करने हेतु आभार रूपा जी !

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  2. अच्छी कहानी

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  3. महान उपन्यासकार कहानीकार मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन पर प्रकाश डालने के और उनकी साहित्यिक रचनाओं की जानकारी के लिए लिए आपका धन्यवाद l

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  4. अच्छी जानकारी

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  5. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
    🙏🙏लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक मुंशी प्रेमचंद जी को कोटि कोटि नमन 💐💐
    🙏जयहिंद 🇮🇳जय भारत 🇮🇳
    👍👍👍मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन पर प्रकाश डालने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  6. मुंशी प्रेमचंद जी की सम्पर्ण जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय शेयर करने हेतु आभार

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  7. कहानियों के संसार मे विचरण कराने हेतु अग्रिम बधाई

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