आज रात भी तेरे खयालों से
आज रात भी तेरे खयालों से,
निजात हम नहीं पाएंगे...
आज रात भी तुझे ढूंढने,
ख्वाबों में... हम फिर सो जाएंगे...
ले आएंगे तुमको करीब फिर खयाल से,
ख्वाब खो ना जाये, फिर से नींद टूटने के सितम से..
फिर सारी रात तकिये को भिगो देंगे,
तुझे खो देने के मातम से हम बचते बचते आज फिर रो देंगे...
Wah Wah kya baat hai
ReplyDeleteआपके सुंंदर पोस्ट पर एक पुत्राने गीत की दो पंक्तियां....
ReplyDeleteकरवटें बदलते रहे सारी रात हम
आपकी कसम.....
शुभ दोपहर प्रिय मित्र 🙏
वाह रूपा जी क्या बात है 👌🏻✍️
ReplyDeleteकुछ नही है, लिखने को,
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteहंस कर गुज़ार लेता हूँ मैं दिन अपना,
ReplyDeleteखुद की तकलीफों से तो रात मे मिलता हूँ..
Very nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
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