कोशिश की
फूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की,
इक ताइर का दिल रखने की कोशिश की..
कल फिर चाँद का खंजर घोंप के सीने में,
रात ने मेरी जाँ लेने की कोशिश की..
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़री हूँ,
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की..
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की..
superb 👌🏽
ReplyDeleteExcellent
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना 👌🏻
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