कृष्णराज सागर (केआरएस) बांध
मैसूर भ्रमण की अविस्मरणीय यात्रा के दौरान भगवान रंगनाथस्वामी मंदिर, सुंदर सेंट फिलोमेना चर्च और मनभावन मैसूर पैलेस देखने के पश्चात हमारा अगला पड़ाव था केआरएस डैम।
कृष्णराज सागर (केआरएस) बांध, जो कर्नाटक के मांड्या जिले में कावेरी नदी और उसकी सहायक नदियों हेमावती और लक्ष्मण तीर्थ के संगम के नीचे स्थित है। बेहद दिलकश नजारा था-एक तरफ पानी ही पानी और दूसरी तरफ उद्यान! बीच में पुल पार करके उद्यान तक जाना था। इस यात्रा का बेहद खूबसूरत और रोमांचक सफर।
शाम के छः बज चुके थे और सूर्य देव आसमान की गोद में सिमटने को बेताब थे। आसमान में चाँद और तारों की अटखेलियाँ करने का समय भी निकट आ रहा था। आम बोलचाल की भाषा मे कहें तो सनसेट व्यू। हम पुल के एक किनारे पर खड़े थे और मन हिलोरें मार रहा था मानो वह कह रहा था कि इस अस्ताचल होते सूर्य और पानी की लहरों में कहीं खो जाएँ।
परंतु वहां खोने का वक़्त बिल्कुल भी नहीं था। अचानक से वहां भीड़ के शक्ल में लोग नज़र आने लगे। पता चला लेज़र लाइट शो का वक़्त हो चला था। फिर हमलोग भी जगह देखकर बैठ गए। बहुत बढ़िया लाइट शो था, जिसकी वीडियो भी अंत में शेयर करुँगी
कुल मिलाकर यह शाम मेरी जिंदगी की सबसे हसीन और यादगार शाम थी।
आगे बढ़ते हैं, जानते हैं इस बाँध के बारे में
केआरएस बांध का निर्माण मैसूर के महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ के शासनकाल के दौरान किया गया था और इसका नाम उनके सम्मान में रखा गया था। इस बांध का निर्माण 1911 में शुरू हुआ और यह 1931 में पूरा हुआ। इस बांध का डिज़ाइन प्रसिद्ध भारतीय इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरैया द्वारा किया गया था। इसे सुरकी मोर्टार और चूना पत्थर के मिश्रण का उपयोग करके बनाया गया था। यह 2,621 मीटर (8,600 फीट) लंबा और 40 मीटर (130 फीट) ऊंचा है। इसमें आर्च प्रकार के 177 लोहे के स्लुइस हैं, और उनमें से कुछ में स्वचालित दरवाजे हैं। इसका जलाशय लगभग 130 वर्ग मीटर है, जो इसके निर्माण के समय एशिया में सबसे बड़ा था।
अब जानते हैं इंजीनियर डाॅ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बारे में
ग्रेविटी बांध क्या है?
गुरुत्व बांध एक प्रकार की बांध संरचना है जिसे केवल अपने वजन के माध्यम से पानी के दबाव का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पानी के बल को रोकने और स्थिरता बनाए रखने के लिए अपने भारी वजन और फिसलने के प्रतिरोध पर निर्भर करता है। गुरुत्वाकर्षण बांध आमतौर पर उन स्थानों पर बनाए जाते हैं जहां आधारशिला या चट्टान संरचनाओं की ठोस नींव होती है जो उनके वजन को प्रभावी ढंग से समर्थन कर सकती है।
Lagin नही हो पा रहे मैं ये तीसरे 🤳🏻 से प्रयास कर रह
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteLogin का ऑप्शन नहीं आ रहा है
जसवंत निराला 🤳🏻🙏🏻
आज का वीडियो नॉट अवेलेबल नॉट बता रहा है
ReplyDeleteजसवंत निराला
Nice information 👌
ReplyDeleteबहुत अच्छा, पानी की लहरों में अभी खोने का समय नहीं है, अभी बहुत कुछ करना है, रूपा मैडम जी ।
ReplyDeleteतभी तो वापस आ गए 😃
Deleteबहुत ही सुन्दर जगह है।
ReplyDeleteNice information👍👍
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteइंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को नमन
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
ReplyDelete🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
👍👍बहुत खूब, अच्छी जानकारी🙏
🙏बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Very nice
ReplyDeleteVery Nice Information 👌🏻☺️🙏🏻
ReplyDeleteसुंदर दृश्य।
ReplyDeleteNice
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