हार्ट अटैक
कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारियों में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक साल 2020 में हृदय रोगों से दुनिया भर में 1.86 करोड़ लोगों की मौत हुई। वहीं भारत में बीते दो सालों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
ऐसे में आजकल अपने हृदय का ख्याल रखने के लिए बहुत से आर्टिकल पढ़ने को मिल रहे हैं। राजीव दीक्षित जी से आप सभी वाकिफ होंगे। उन्होंने महर्षि वागभट्ट की 7000 सूत्रों में से कुछ सूत्र निकालकर हम लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए थे।
हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे, उनका नाम था महाऋषि वागभट्ट, जिन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका नाम है - अष्टांग हृदयम (Astang hridayam) और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे।
महाऋषि वागभट्ट के अनुसार कभी भी हृदयघात हो रहा है, मतलब दिल की नलियों में blockage होना शुरू हो रहा है, तो इसका मतलब है कि रक्त में अम्लता बढ़ी हुई है, जिसको अँग्रेजी में acidity कहते हैं। अम्लता दो तरह की होती है- पेट की अम्लता और रक्त की अम्लता। पेट में अम्लता जब बढ़ती है, तोपेट में जलन, खट्टी डकार आती है, मुंह से पानी निकलता है और अगर ये अम्लता ज्यादा बढ़ जाती है, तो hyperacidity होती है और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्तअम्लता (blood acidity) होती है और जब रक्त में अम्लता बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देती है, तभी हार्ट अटैक होता है। इसके बिना heart attack नहीं होता।
महाऋषि वागभट्ट लिखते हैं कि जब रक्त में अम्लता बढ़ गई है, तो हमें ऐसी चीजों का प्रयोग करना चाहिए, जो क्षारीय हैं। आयुर्वेद के अनुसार चीजें दो तरह की होती हैं - अम्लीय और क्षारीय (acidic and alkaline) यदि अम्ल और क्षार को मिला दिया जाये तो वह neutral हो जाता है। तो वागवट जी कहते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ, तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी और रक्त में अम्लता neutral हो गई तो heartattack की जिंदगी में कभी संभावना ही नहीं रह जाएगी।
अब बात आती है क्षारीय चीजों की। रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है, जो क्षारीय हैं, जिन्हें हम खायें तो कभी heart attack न आए। ज्यादा क्षारीय चीज सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती है, वह है लौकी, जिसे दुधी भी कहते हैं, जिसे हम सब्जी के रूप में खाते हैं। इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है।
महाऋषि वागभट्ट कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है, तो आप लौकी के रस का सेवन करें। राजीव दीक्षित जी लौकी के सेवन का तरीका बताते हैं कि रोज 200 से 300 मिलीग्राम लौकी के रस का सेवन सुबह खाली पेटकरें या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं। इस लौकी के रस को और ज्यादा क्षारीय बनाया जा सकता है इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी जी के डाल कर। तुलसी भी बहुत क्षारीय होता है। इसके साथ इसमें पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं। पुदीना भी क्षारीय होता है। इसके साथ ही इसमें काला नमक या सेंधा नमक जरूर डालें। नमक काला या सेंधा ही डाले, आयोडीन युक्त नमक प्रयोग ना करें। आओडीन युक्त नमक अम्लीय होता है। इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें।
लौकी के बाद एक और उपयोगी चीज है अर्जुन की छाल, जो हमारे ह्रदय का ख्याल रखती है। अर्जुन की छाल के फायदे हृदय रोग में सबसे ज्यादा होते हैं।
तो अपने दिल का ख्याल रखें, स्वस्थ रहें मस्त रहें।
दिल (मानव हृदय) के बारे में रोचक तथ्य || Amazing Facts About Human Heart ||
🙏🙏
ReplyDeleteNice information 👍❤
ReplyDeleteआजकल का खानपान हार्ट अटैक का मुख्य कारण है, अपनी जड़ों से कट ती युवा पीढ़ी खुद इसके लिए जिम्मेदार है
ReplyDeleteमहर्षि वागभट्ट द्वारा लिखित अष्टांग हृदयम के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र का प्रयोग कर हमलोग बहुत से बीमारियों से निजात पा सकते हैं। हृदयघात के लिए बताया गया सूत्र भी एक काफी उपयोगी फॉर्मूला है हमे विश्वास कर उसका पालन करने की आवश्यकता है 🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteसमयानुकूल उपयोगी जानकारी
ReplyDeleteNice information 👍🏻
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️शुभरात्रि 🕉️
🙏जय जय सियाराम 🚩🚩🚩
👌👌👌बहुत महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Nice
ReplyDeleteHeart is the most beautiful word in the world - says one of the songs.
ReplyDeleteVery Nice Information रूपा जी 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteNice information 👍👌🏻
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