इतवार
जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,
जो हासिल है,चल उस से ही सवाल करें !!
बहुत दूर तक जाते है, याँदो के क़ाफ़िले,
फिर क्यों पुरानी याँदो में सुबह से शाम करें !!
माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं,
पर क्यों दिल की धड़कनों को दर-किनार करें!!
मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,
आ ज़रा इत्मीनान से किसी ख़ास का इंतज़ार करें !!
वैसे तो आज इतवार है,
छोड़ो दुनिया की बातें, एक कप चाय की प्याली से दिन की शुरुवात करें !!
"इंतजार का वक्त इतना प्यारा ना होता,
अगर साथ में चाय का सहारा ना होता…!☕❣️"
अगर साथ में चाय का सहारा ना होता…!☕❣️"
चाय की बात सुनते ही मुस्कराने लगते हो
ReplyDeleteमेरी तरह तुम भी चाय के दीवाने लगते हो
Happy Sunday with adarak Wali Chay...nice poem.
ReplyDeleteVery nice👌👌👍
ReplyDeletevery nice.. happy sunday ☕
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteउसने कहा
ReplyDeleteआज फ़ैसला करो
मैं या चाय...
मैंने भी
कह दिया
तुम्हारे हाथ की चाय.....!!!
Ram Ram ji...
Happy Sunday ☕♥️🎼😘
धड़कनों में आते हैं बदलाव अजीब से,
ReplyDeleteदूर हो गुज़रा ना करो मेरे इतने क़रीब से
🙏🙏💐💐सुप्रभात 🕉️
ReplyDelete🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
👌👌वाह, बहुत बढ़िया 💐💐
Bahut badhiya ☕
ReplyDeleteEk garam chai ki pyali ho...aur tum jaise dost ka saath ho...fir to har din lajwaab ho...
🤝🌹❤️
ReplyDeleteबरसात के खुशगवार मौसम में चाय की प्याली
ReplyDeleteवाह
Nice poem
ReplyDeleteAaj yaha joro ki jhamajham barish ho rahi
ReplyDeleteKyu na adrakh wali chai ho jaye.. ☕☕