मध्य प्रदेश का सतना शहर एक नजर में
आज आपको लिए चलते हैं मध्य प्रदेश के सतना शहर में। सतना शहर अपने ऐतिहासिक सांस्कृतिक और यहां की पवित्र नदी तमसा नदी (टोंस नदी) के लिए जाना जाता है। सतना शहर का इतिहास बहुत ही पुराना है। यह पौराणिक और धार्मिक संस्मरणों की अद्भुत पहचान है। महाभारत काल से ही इसका इतिहास रहा है। सतना शहर के आसपास हिंदू धार्मिक कई सारे स्थल है, जो अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक गाथाओं का वर्णन करते हैं। यह शहर पूर्ण रूप से बुंदेलखंड के अंदर आता है। इसके अलावा सतना मध्य प्रदेश का सातवाँ सबसे बड़ा और आठवां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, जो अपनी सीमेंट फैक्ट्री और सीमेंट उत्पादन के लिए पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है। सतना में डोलोमाइट और चूना पत्थर की बहुतायत है। सतना धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल के साथ ही प्राकृतिक पर्यावरण और प्राकृतिक झील झरनों के लिए प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश के सतना शहर का प्रमुख आकर्षण
- मैहर धाम, माँ शारदा देवी मंदिर
- चित्रकूट धाम
- पन्नीखोह जलप्रपात
- गृद्धकूटा पर्वत
- धारकुंडी आश्रम
- रामवन मंदिर
- नागौद किला
- पारस मनिया पर्वत और झरना
- राजा बाबा जलप्रपात
- बीरसिंघपुर
- भरहुत
- भटेश्वर नाथ मंदिर
- आल्हा उदल अखाडा
- वैष्णो देवी मंदिर
- माधवगढ़ किला
- मैत्री पार्क
- पुष्कर्णी पार्क
- आर्ट इचोल
- भगवान परशुराम सरोवर
- बाणसागर बांध
- मां कालिका मंदिर
- पन्नीखोह जलप्रपात
मैहर धाम माँ शारदा देवी मंदिर
लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां शारदा देवी मंदिर है। यह धाम यहां के सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थलों में से एक है जो विंध्याचल पर्वत के त्रिकूट पर्वत की तलहटी में स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 1059 खड़ी सीढ़ी बनी हुई है।
चित्रकूट धाम
भगवान राम के वनवास काल का हिस्सा रहा चित्रकूट की पावन धरती में थोड़ी थोड़ी दूर पर उस समय के अभिशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो उस समय के साक्षी हैं। मंदाकनी नदी के किनारे स्थित चित्रकूट जहाँ भारत के कोने -कोने से श्रद्धालु श्रद्धा भक्ति भाव से सालों भर आते रहते हैं।
गृद्धकूटा पर्वत
यह पर्वत शहर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हरे भरे पहाड़ों की घाटियां प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर नैसर्गिग वातावरण में पहुंचकर इस पर्वत में मौजूद 4 गुफायें देख सकते हैं, जिनमें रॉक पेंटिंग तथा मुराल पेंटिंग देखे जा सकते है। यहां हर साल जनवरी के महीने में बसंत पंचमी के दिन विशाल मेला लगता है जिसमें लाखों सैलानी शामिल होते हैं।
धारकुंडी आश्रम
यह घने जंगल के बीच में स्थित एक मनोरम स्थल है। यहां पर एक कुंड है, जिसमें पहाड़ों से पानी आता है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य हरियाली भरा है। बरसात के समय आप यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। पानी ठंडा और साफ है। यहां पर एक मंदिर और आश्रम है।
रामवन मंदिर
यह मन्दिर सतना की एक धार्मिक जगह है। जहां पर हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा है, इस प्रतिमा की खास बात यह है कि इस प्रतिमा की ऊंचाई हर साल बढ़ती है। इसी खासियत के कारण दूर-दूर से लोग इस प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां पर और भी खूबसूरत मूर्तियां हैं। यहां पर शिव भगवान जी की उनके परिवार के साथ मूर्ति है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां पर एक तालाब है, जिसमें बोटिंग की सुविधा है। तालाब के किनारे पर भगवान शिव का मंदिर भी स्थित है।
पारस मनिया पर्वत और झरना
यहाँ की प्राकृतिक वातावरण की खूबसूरती मन मोह लेने वाले हरे भरे वन और घाटी का मनोरम दृश्य बहुत ही आकर्षक है, जहाँ जगह – जगह पर झरनें नदियाँ देखने को मिलते हैं।यह स्थान सतना शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है। जंगली गलियारों के बीच मौजूद परसमनिया पर्वत के चोटी के ऊपर से शानदार दृश्य दिखाई पड़ता है।
राजा बाबा जलप्रपात
सतना में खूबसूरत झरनें, नदियाँ और जंगल का एक साथ समन्वय देखने को मिलता है। राजा बाबा जलप्रपात, जहाँ प्राकृतिक नैसर्गक वातावरण का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। विंध्य के चोटी पर बसा परसमनिया पर्वत के पास स्थित सतना का राजा बाबा जलप्रपात है, जिसकी दूरी सतना शहर से लगभग 40 किलोमीटर है।
बीरसिंघपुर
बिरसिंहपुर सतना शहर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है स्थान भगवान शिव जी को समर्पित है यह एक मंदिर है
भरहुत
यह एक बौद्ध साइट है। भरहुत सतना शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर पत्थरों पर नक्काशी की गई है। यहां पर प्राचीन बौद्ध स्तूप स्थित हैं। यहां पर सम्राट अशोक का शिलालेख भी बना हुआ है। यह जगह खूबसूरत है और एक पहाड़ी पर स्थित है।
भटेश्वर नाथ मंदिर
बटेश्वर नाथ मंदिर सतना मुख्य शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर है, जो बटेश्वर नाथ जी को समर्पित है। यह सतना नदी के बीचो बीच में स्थापित है। प्रत्येक रविवार को विशाल भंडारे के आयोजन होता है यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है
आल्हा उदल अखाडा
आल्हा उदल अखाड़ा सतना यह अखाड़ा मैहर माता के प्रचार में है। यह वही अखाड़ा है जहां पर माता शारदा ने आल्हा उदल को अमर होने का वरदान दिया था।
वैष्णो देवी मंदिर
इस मंदिर का निर्माण सतना की जेल में बंद कैदियों ने करवाया था और यह मंदिर सतना मुख्य जेल के पास में ही स्थित है। यह मंदिर सतना रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
माधवगढ़ किला
यह किला सतना नदी के किनारे पर बना हुआ है। यह किला खंडहर अवस्था में है। इस किले के अंदर जाना मना है। माधवगढ़ किले के अंदर लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। लोग बाहर से ही इस किले को देख सकते हैं। इस किले का जो प्रवेश द्वार है, वह बहुत ही बड़ा है और लकड़ी का बना हुआ है। किले के बाहर बहुत सारी छतरियां बनी हुई हैं और इन छतरियां के नीचे मंदिरों में भगवान शिव के शिवलिंग बने हुए हैं। यहां पर बहुत बड़ा मैदान है। यह किला अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।
मैत्री पार्क
सतना में स्थित बद्री पुरम में एक अच्छा बगीचा है, जो कि सतना जिले के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यहां एक तालाब है और इस तालाब में शंकर जी का मंदिर भी बना हुआ है। यह पार्क बहुत ही मनोरम है। बच्चों के लिए यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं। यहां पर फव्वारा भी लगा हुआ है। इस पार्क में हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा है। इस पार्क में जानवरों की बहुत सारी मूर्तियां बानी हुई हैं।
पुष्कर्णी पार्क
पुष्कर्णी पार्क सतना शहर के मध्य में स्थित एक खूबसूरत पार्क है। यह पार्क रेलवे स्टेशन के पास ही में है। यहां पर सुबह के समय एंट्री फ्री रहती है। आस पास के लोग यहां पर मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं। यहां पर बहुत सारे झूले हैं, जो बच्चों के लिए बहुत अच्छे हैं। शाम के समय यहां पर फव्वारा चालू होता है, जो बहुत ही खूबसूरत लगता है। पार्क में तरह-तरह के फूल लगे हुए हैं और चारों तरफ यहां पर हरियाली है।
आर्ट इचोल
आर्ट इचोल एक दर्शनीय जगह है। यहां पर कई तरह के कलात्मक वस्तुएं हैं , जिनका निर्माण स्क्रैप से किया गया है। इस जगह पर लकडी, मिट्टी, धातु और पत्थर से बनी कलात्मक वस्तुएं खुले आसमान के नीचे देखने को मिलती है। यह जगह पूरी तरह से इन अद्भुत वस्तुओं से भरी हुई हैं।
भगवान परशुराम सरोवर
यहां पर परशुराम जी की एक विशाल प्रतिमा है। साथ ही यहां पर एक सरोवर भी बना हुआ है। यह सरोवर सतना सिमरिया रोड पर स्थित है।
बाणसागर बांध
बाणसागर बांध सतना शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। यहां पर बरसात के समय बहुत ही मनोरम नजारा देखने के लिए मिलता है, क्योंकि बरसात के समय बांध के ओवरफ्लो होने के कारण बांध के गेट खोल दिए जाते हैं, जिससे बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने के लिए मिलता है।
मां कालिका मंदिर
सतना के भटनवारा में स्थित माता कालिका के मंदिर में देवी दर्शन के लिए नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां विराजी माता रानी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति के लिए तो विख्यात हैं ही साथ ही अपने चमत्कारों और अपनी भाव-भंगिमाओं के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
पन्नीखोह जलप्रपात
प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत ही शानदार पन्नीखोह जलप्रपात त्रिकूट पर्वत में मौजूद मैहर मंदिर के समीप एक प्राकृतिक झरना है, जो पहाड़ के ऊपर से गिरती हुयी झिलमिल जलधारा है। जंगली गलियारों से होते हुए यहां पहुंचते हैं। यह एक बेहतरीन जलप्रपात है जो प्रकृति के वादियों के सौंदर्य का मनोरम दृश्य है।
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में सतना का चयन किया गया है।"
🙏🙏🙏
ReplyDeleteGood after noon dear friend Rupa 🤝🌹..
ReplyDelete#Thanks for Sharing the Post - * Satna *
#Satna was just 70 kms.from my Birth place - Katni & Child hood place ACC
Kymore where ,I passed out Engineering from Associated Cement Co's Engineering Institute & ,where my father was a Stores Mgr.I am acquainted with every bit of place ,around Satna , for 16 years ,.
#The main important place is * Maa Sharda Temple - A Shakti Peeth *.I hv visited several times and wish ,You should also 🙏🌹.Thanks and regards .hv a nice day .#awasthi.ak..🤝🙏🌹
Thank you so much. If I get a chance, I will definitely come...
DeleteHave a great day 🌺💐💐💐
Very nice.👌👌👍
ReplyDeleteरोचक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विस्तृत जानकारी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteबहुत ही रोचक जानकारी 👌👌
ReplyDeleteसतना को घर बैठे दर्शन कराने के लिए आपका आभार🙏आज हमलोग भईयारी की चौपाल में
ReplyDeleteइसी ऐतिहासिक जगह के बारे में चर्चा किए और
आपके हरेक पोस्ट पर चर्चा करना शुरू किए हैं
और लोग पसंद भी कर रहे हैं यह हमलोग के
लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है 🙏इसके लिए हृदय से आपका आभार🙏
पवन जी, इस इज्जत से मुझे नवाजने के लिए आपका तहे दिल से धन्यवाद। भईयारी की चौपाल में मेरे लिखे पोस्ट की चर्चा हो रही है यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आपके माध्यम से मेरी पोस्ट और भी लोगों तक पहुंच रही, इसके लिए हार्दिक आभार। कोशिश रहेगी कि मेरी पोस्ट सदा आपलोगों के लिए उपयोगी हो और आपलोगाें के बीच चर्चा में बनी रहे तथा आपलोगाें का प्यार और साथ सदा बना रहे 🙏
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
ReplyDelete🙏जय जय सियाराम 🚩🚩🚩
👌👌👌वाह, बहुत सुन्दर जानकारी, घर बैठे सतना घुमाने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद
💐💐
Very Nice Information रूपा जी 👌🏻☺️🙏🏻
ReplyDeleteपावन मंदिरों का शहर सतना।
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteशांत,अच्छा शहर है सतना
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteजय माँ शारदा 🪔🌺🐾🙏🚩🏹⚔️📙⚔️🔱🙌🐅।
ReplyDeleteसुन्दर तथ्य 👌🙏🚩🙌
Badhiya jagah hai
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