जालियांवाला बाग हत्याकांड
भारतीय इतिहास में 13 अप्रैल 1919 की तारीख को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। यह वह दिन है जब जालियांवाला बाग में के भीषण नरसंहार हुआ था। भारतीय इतिहास में 13 अप्रैल 1919 की तारीख को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। यह वह दिन है जब जालियांवाला बाग में के भीषण नरसंहार में अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करने वाले सभी अमर बलिदानीयों को भावभीनी श्रद्धांजलि।
जलियाँवाला बाग अमृतसर के स्वर्ण मन्दिर ( GOLDEN TEMPLE) के पास का एक छोटा सा बगीचा है, जहाँ 13 अप्रैल 1919 को ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शान्त बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हजारों लोगों को घायल कर दिया था। यदि किसी एक घटना ने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था तो वह घटना यह जघन्य हत्याकाण्ड ही था।इसी घटना की याद में यहाँ पर स्मारक बना हुआ है।
अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में 484 शहीदों की सूची है, जबकि जलियांवाला बाग में कुल 388 शहीदों की सूची है। ब्रिटिश राज के अभिलेख इस घटना में 200 लोगों के घायल होने और 379 लोगों के शहीद होने की बात स्वीकार करते है जिनमें से 337 पुरुष, 41 नाबालिग लड़के और एक 6-सप्ताह का बच्चा था। अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1500 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए।
यदि किसी एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था तो वह घटना यह जघन्य हत्याकाण्ड ही था। माना जाता है कि यह घटना ही भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की शुरुआत बनी।
1997 में महारानी एलिज़ाबेथ ने इस स्मारक पर मृतकों को श्रद्धांजलि दी थी। 2013 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन भी इस स्मारक पर आए थे। विजिटर्स बुक में उन्होंनें लिखा कि "ब्रिटिश इतिहास की यह एक शर्मनाक घटना थी।"
हृदय विदारक नरसंहार हुआ था जलियां वाला बाग में।
ReplyDeleteMost shameful act....
ReplyDeleteसत सत नमन 🙏🙏
ReplyDeleteबहुत जुल्म सहना पड़ा भारतवासियो को अंग्रेजों का।
ReplyDeleteशत शत नमन
ReplyDeleteगुलामी की जंजीर में जकड़े हुए भारत माता
ReplyDeleteके निर्दोष संतान को कितनी निर्ममतापूर्वक
अंग्रेजों ने कुचला था। जलियावाला कांड भी
उसी का एक उदाहरण है जो हमलोगों के
जेहन में आजतक पीड़ा पहुचाते रहती है।
भारत के इतिहास में इससे दुखद और दूसरी
घटना हो नही सकती जहां बूढ़े बच्चे और
जवान सभी को गोलियों से भून डाला गया था।
हर शहीद देशवासी को शत शत नमन
ReplyDeleteशत शत नमन
ReplyDeleteShaheedon ko shradhanjali
ReplyDeleteजघन्य कृत्य
ReplyDeleteजलियांवाला बाग हत्याकांड क्यों हुआ था ? इतिहास जलियांवाला बाग नरसंहार का सबसे बड़ा कारण रोलेट एक्ट था, जिसे 1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभरते राष्ट्रीय जन आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से लागू किया गया था. रॉलेट एक्ट को जलियांवाला बाग की घटना से करीब एक महीने पहले 8 मार्च को ब्रिटिश हकूमत ने पास किया था.
ReplyDelete🙏🙏🙏जलियावाला बाग हत्याकांड मे बलिदान हुए सभी बलिदानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि
ReplyDelete💐💐
इतिहास का सबसे शर्मनाक हत्याकांड
🙏जयहिंद 🇮🇳वन्देमातरम 🇮🇳
🙏🙏🙏जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत ही शर्मनाक,ह्रदय विदारक और जघन्यतम घटना 🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳
ReplyDeleteHar Shahid deshwasi ko bhawbhini shrdhanjali
ReplyDelete🙏🙏🙏जलियावाला बाग हत्याकांड मे बलिदान हुए सभी बलिदानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि
ReplyDelete💐💐
Shameful action
ReplyDelete