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चलो यारों फिर जी भर मुस्कुराते हैं बेवजह ही सही दिल खोल के मौज उड़ाते हैं

 चलो यारों फिर जी भर मुस्कुराते हैं, बेवजह ही सही दिल खोल के मौज उड़ाते हैं 

Rupa Oos ki Boond

"उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,
पर बेवजह खुश रहने का मजा कुछ और है…

ये भगदौड़ की जिंदगी में कितना

व्यस्त हो गए हैं 

एक ही शहर में रहते हुए भी 

मिले महीनों हो गए हैं  

अब मिलने की वजह न हो तो बेबजह मिलते नहीं  

देखो एक हो कर भी अजनबी हो गए हैं...

चलो ना आज वेबजह मुलाकात कर लेते हैं  

एक तरफ रख के मोबाइल अपना 

एक दूसरे से आमने सामने बात कर लेते हैं 

आओ न कितने साल गुज़रे हमें  

अपनी बचपन की गलियों में गये

आज के दिन उन गलियो में फिर एक साथ एक शाम कर लेते हैं 

याद है तुम्हें बाली उम्र की शरारतें 

चलो आओ न आज फिर 

बही शरारतें कर लेते हैं 

कोई बजह बची नहीं बेहिसाब मुस्कुराने की 

इस बजह को ही अपने लवों पर मुस्कान बना खिलखिलाते हैं ,

याद तो होगा न तुमको घर पहुंची शिकायतों के भंडार के बाद 

माँ का नहीं मारूँगी बोल के बुलाना और जी भर के मार लगाना 

उसी पल दादी का आके हमको बचाना

बड़े दिन हुए बुजुर्गों की उस छांव माँ के उस डाट को 

मिल के आओ हम फिर उसी छांव में कुछ पल बिताते हैं 

यकीन कल फिर वही सोमवार 

फिर वही भगदौड़ फिर वही जीवन की उलझनें 

आज मौका है रविवार का 

आओ इस मौके को हम भुना कर खूबसूरत त्यौहार कर देते हैं  

चले आओ मिलने बेबजह ही, आज मुस्कुराने की बजह ले के 

मिल के हम उन यादों में खुद को खोदेते हैं  

कुछ पल अपनी जिंदगी के अपने लिए जीने को सबसे चुराते हैं  

अब आ भी जाओ, मिल के जी भर बेवजह ही मुस्कुराते हैं...

Rupa Oos ki Boond

"मुस्कान इस प्रकृति का सबसे खूबसूरत तोहफा है,
यह, थके के लिए विश्राम और उदासी में सुरमई प्रकाश है...

12 comments:

  1. बहुत खूबसूरत एवं प्रेरणादायक कविता रविवार को बेहद आनंदित कर रही और साथ ही कविता को सार्थक करती तस्वीर आज के ब्लाग में चार चांद लगा रही 👏👏👌👌👍👍❤️

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  2. Impressive post❣️

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  3. Very nice poem...keep it up.

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  4. क्या बात है
    लाजवाब

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  5. उत्साह वर्धक और सुंदर 👌🏻

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  6. शानदार कविता जो इतवार को और खास बनाती है।

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  7. वाह वाह क्या बात है रूपा जी 😊👌🏻

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  8. बहुत खूब, खूबसूरत कविता।वह कल अब नहीं आने वाला है।

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  9. बहुत सुंदर कविता 👌👌

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