मौसमी
आज चर्चा करते हैं विटामिन सी से भरपूर मौसमी फल की। स्वाद के साथ-साथ गुणों का खजाना छुपा हुआ है इस फल में। मौसम को मीठा नींबू भी कहा जाता है। इसमें अनेक तरह के विटामिंस, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस भरपूर मात्रा में होते हैं। साधारणतया बाजार में आते जाते मौसमी फल को देखकर उसका जूस तो हम पी लेते हैं, पर इसके फायदों से वाकिफ नहीं होते। आज हम यहां मौसमी के फायदे और नुकसान की चर्चा करेंगे।
मौसमी क्या है?
मौसमी एक फल है, जिसका पेड़ 6 मीटर ऊंचा और चारों तरफ फैला हुआ होता है। यह कांटों से युक्त और हमेशा हरा भरा रहने वाला पेड़ है। मौसमी का फल कच्ची अवस्था में हरे रंग का तथा पकने पर सुनहरा या नारंगी रंग का हो जाता है। फल के अंदर चिकने सफेद रंग के नुकीले बीज होते हैं। मौसमी का रस शारीरिक शक्ति और भूख को बढ़ाता है।
जानते हैं मौसमी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
मौसमी का वैज्ञानिक नाम सिट्रस साइनेन्सिस है। यह नींबू की प्रजाति का फल है, लेकिन नींबू की अपेक्षा कई गुना अधिक फायदेमंद है। इसका फल करीब 1 महीने तक बिना बिगड़े सुरक्षित रह सकता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैलशियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, पोटैशियम आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है तथा यह एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी ट्यूमर, anti-diabetic, एंटीअल्सर जैसे कई गुणों से परिपूर्ण हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह वात, पित्त, दोष तीनों दोषों में फायदेमंद है। मौसमी का रस शरीर में जल की कमी को पूरा करने के साथ ही कई तरह के रोगों के लिए भी फायदेमंद होता है।
दांत दर्द में
मौसमी के फल के छिलके को पीसकर पेस्ट बना कर दांत में जहां भी दर्द हो रहा है, वहां पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
सांस का रोग
40 से 50 मिलीलीटर मौसमी के रस में 1 ग्राम कालीमिर्च पाउडर तथा चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से सांस की बीमारी दमा रोग में फायदा मिलता है।
हैजा की बीमारी
दूषित पानी पीने और भोजन करने से हैजा की बीमारी हो जाती है। यह बीमारी आंत में संक्रमण होने से होती है। मौसमी का रस हैजा को ठीक करने में सहायक होता है। 50 से 100 मिलीग्राम मौसमी फल के रस के सेवन से पित्त की समस्या, उल्टी - दस्त ठीक होते हैं।
अधिक प्यास लगने की बीमारी
कई लोगों को बहुत अधिक प्यास लगने की शिकायत होती है। इसके लिए मौसमी फल के छिलके को सुखाकर चूर्ण बनाकर सेवन करने से प्यास लगने की समस्या कम होती है।
दस्त लगने पर
50 से 100 मिलीलीटर मौसमी के रस में सौंफ का चूर्ण और मिश्री मिलाकर सेवन करने से दस्त और बुखार में आराम मिलता है। दस्त होने पर शरीर में जल की कमी को मौसमी का जूस पूरा करने में सहायता करता है।
मूत्र रोग में
50 से 100 मिलीलीटर मौसमी फल के रस का सेवन करने से पेशाब में जलन, दर्द, रुक - रुक कर पेशाब आने की समस्या आदि में लाभ होता है।
मुहांसों की समस्या
मौसमी फल के छिलके को छाया में सुखा लें। इसे पीसकर मुल्तानी मिट्टी, हल्दी चूर्ण तथा एक दो बूंद नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां और मुंहासे दूर होते हैं तथा चेहरे की कांति बढ़ती है।
बालों की समस्या
साधारणतया कमजोर पाचन तंत्र की वजह से बालों के गिरने की समस्या आती है या फिर यह समस्या आनुवंशिक होती है। अगर यह समस्या पाचन तंत्र की कमजोरी से है तो मौसमी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। मौसमी का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है तथा साथ ही बालों को झड़ने से रोकता है। मौसमी में मौजूद विटामिंस और पोषक तत्व बालों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।
स्वस्थ त्वचा के लिए
मौसमी में अम्ल रस की प्रधानता होती है। यह पित्त दोष को सामान्य रखता है तथा त्वचा को प्राकृतिक तरीके से निखारता है और त्वचा संबंधित रोगों को दूर रखता है।
वजन कम करने में
मौसमी के जूस से पाचन तंत्र बेहतर होता है जिसके कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है इसी वजह से यह वजन कम करने में सहायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में
मौसम्बी के जूस के नियमित सेवन से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे हृदय सही तरीके से कार्य करता है। परिणामस्वरूप हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है।
मौसमी के नुकसान
- नींबू पानी का अत्यधिक सेवन सीने में जलन पैदा कर सकता है।
- नींबू का अत्यधिक सेवन दांत खट्टे कर सकता है तथा दांत के बाहरी परत को हानि पहुंचा सकता है। अतः नींबू का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए।
- संवेदनशील त्वचा पर नींबू का सीधा प्रयोग से रैशेज या एलर्जी की समस्या हो सकती है।
मौसमी के पौष्टिक तत्व (Nutritional value of Sweet Lemon)
मौसंबी के नुकसान (Side Effects of Mosambi)
- अगर किसी को सिट्रस एसिड से एलर्जी है, तो मौसंबी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
- चेहरे या शरीर पर मौसम्बी का रस लगाकर धूप में निकलने से सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए सावधानी के तौर पर त्वचा पर मौसम्बी लगाने के बाद भी धूप में निकलने से बचना चाहिए।
बेहद जरूरी जानकारियां 👌👌
ReplyDeleteExcellent information
ReplyDeleteUseful information 👌👌👍👌
ReplyDeleteupyogi jankari
ReplyDeleteसब प्रकार से पौष्टिक तथा लाभदायक मौसमी का फल।
ReplyDeleteमौसमी का रस तथा छिलका दोनों ही
ReplyDeleteकाफी गुणकारी है । कफ, पित और वात
को ठीक करने में भी यह काफी सहायक
है । चेहरे को निखारने में इसके छिलके का
भी काफी योगदान है। विटामिन्स,मिनरल्स,
कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट,
एन्टी ट्यूमर और एन्टी फंगल होने के साथ
साथ और भी बहुत सारे तत्व पाए जाते है।
मौसमी के बारे में इतनी बेहतरीन जानकारी
प्रदान करने के लिये आपको हृदय से आभार
🙏🙏🙏🙏🙏
Nice information
ReplyDeleteबहुत ही रोचक खबर।
ReplyDeleteNice information
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