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गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple)

गोरखनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। बाबा गोरखनाथ के नाम पर जिले का नाम गोरखपुर पड़ा। गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान महंत श्री बाबा योगी आदित्यनाथ जी हैं।मकर संक्रांति के अवसर पर यहां एक माह चलने वाला विशाल मेला लगता है जो 'खिचड़ी मेला' के नाम से प्रसिद्ध है।


गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

गोरखनाथ मंदिर के भीतर गुरु गोरक्षनाथ की संगमरमर की ध्यानावस्था मूर्ति, चरण पादुकाएं तो आस्था का केंद्र हैं ही उनके अलावा गणेश मंदिर, काली माता स्थान, कालभैरव और शीतला माता मंदिर स्थित हैं। भगवान शिव का दिव्य शिवलिंग मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, हट्टी माता मंदिर, संतोषी माता मंदिर, श्रीराम दरबार, श्रीनवग्रह देवता, श्रीशनि देवता, भगवती बालदेवी, भगवान विष्णु का मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

हिंदू धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना के अंतर्गत विभिन्न संप्रदायों और मत-मतान्तरों में 'नाथ संप्रदाय' का प्रमुख स्थान है। संपूर्ण देश में फैले नाथ संप्रदाय के विभिन्न मंदिरों तथा मठों की देखरेख यहीं से होती है। नाथ संप्रदाय की मान्यता के अनुसार सच्चिदानंद शिव के साक्षात स्वरूप श्री गोरखनाथ जी सतयुग में पेशावर (पंजाब) में त्रेतायुग में गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) में, द्वापर युग में हरमुज (द्वारिका) के पास तथा कलयुग में गोरखधमी, (सौराष्ट्र) में अविर्भूत हुए थे। चारों युगों में विद्यमान एक अमर महायोगी सिद्ध महापुरुष के रूप में एशिया के विशाल भूखंड तिब्बत, मंगोलिया, कंधार, अफगानिस्तान, नेपाल, सिंघल तथा संपूर्ण भारतवर्ष को अपने योग से कृतार्थ किया।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

नाथपंथी या नाथ वंशी का इतिहास

नाथ संप्रदाय के अनुयायी भारत, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तिब्बत, चीन आदि देशों में हैं।देशभर में नाथ संप्रदाय के जितने भी आस्था के केंद्र हैं उनका नेतृत्व गोरखनाथ मंदिर ही करता है।

हालांकि महावीर और बुद्ध नाथ समाज और नाथ संप्रदाय का एक प्राचीन इतिहास रहा है, जिसका कहीं भी उल्लेख बहुत कम मिलता है, क्योंकि वैष्णव ब्राह्मण ने नाथ इतिहास को लोगों से छुपाया है।नाथ समाज के लोग सिद्ध महापुरुष और वीर लोग होते थे। परम तपस्वी, ज्ञानी और काल का भी रुख मोड़ देने वाले ऐसे तपस्वी होते थे। अपने मुख से कोई वचन कह दें तो वह सत्य बन जाती थी, इतना तेज उनकी वाणी में होता था।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

गोरखनाथ मंदिर का निर्माण

गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर) में अनवरत योगसाधना का क्रम प्राचीन काल से चलता रहा है। भगवान शिव के साक्षात अवतार कहे जाने वाले 'गोरक्षनाथ जी'ने आकर भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी और उसी स्थान पर अपनी दिव्य समाधि लगाई थी, जहां वर्तमान में श्री गोरखनाथ मंदिर है। नाथ योगी संप्रदाय के महान प्रवर्तक ने अपनी अलौकिक अध्यात्मिक गरिमा से इस स्थान को पवित्र किया था। योगेश्वर गोरखनाथ के पुण्य स्थल के कारण इस स्थान का नाम गोरखपुर पड़ा। महायोगी गुरु गोरखनाथ की तपस्या भूमि प्रारंभ में एक तपोवन के रूप में रही होगी और जन्यशून्य शांत तपोवन में योगियों के निवास के लिए कुछ छोटे-छोटे मठ रहे होंगे, मंदिर का निर्माण बाद में हुआ। आज हम जिस विशाल और भव्य मंदिर का दर्शन कर हर्ष और शांति का अनुभव करते हैं वह ब्रह्मलीन महंत श्री दिग्विजय नाथ जी महाराज की कृपा से है। ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज के संरक्षण में भी श्री गोरखनाथ मंदिर विशाल आकार प्रकार प्रांगण की भव्यता तथा पवित्र रमणीयता को प्राप्त हुआ। आज इस मंदिर के संरक्षक महंत श्री योगी आदित्त्नाथ जी महाराज हैं, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। पुराना मंदिर निर्माण की विशालता और व्यापकता में समाहित हो गया है।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

योगिक साधना का स्थल

भारत में मुस्लिम शासन के प्रारंभिक चरण में ही इस मंदिर से प्रवाहित यौगिक साधना की लहर समग्र एशिया में फैल रही थी। नाथ संप्रदाय के योग महाज्ञान की रश्मि से लोगों को तृप्त करने के पवित्र कार्य में गोरक्षनाथ मंदिर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। 19वीं शताब्दी में गोरक्षनाथ मंदिर का अच्छे ढंग से जीर्णोद्धार किया गया। उसके बाद निरंतर ही मंदिर के आकार- प्रकार और मंदिर से संबंधित उसके प्रांगण में स्थित अनेकानेक विशिष्ट देव स्थानों के जीर्णोद्धार, नव निर्माण आदि में गोरक्षनाथ मंदिर की व्यवस्था संभाल रहे महंतों का खासा योगदान रहा है।

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का चढ़ता है प्रसाद-

इस मंदिर में मकर संक्राति के दिन प्रसाद के तौर पर खिचड़ी (कच्चा चावल और उड़द दाल को मिलाकर) चढ़ाई जाती है. इस दौरान यूपी, बिहार, नेपाल सहित अन्य राज्यों से लाखों भक्त यहां खिचड़ी चढ़ाने आते हैं. वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार गोरखनाथ मंदिर में पहली खिचड़ी ब्रम्ह मुहूर्त में नेपाल नरेश ही चढ़ाते हैं।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)

गोरखनाथ मंदिर की भव्यता 

करीब 52 एकड़ के सुविस्तृत क्षेत्र में स्थित इस मंदिर का रूप व आकार - प्रकार परिस्थितियों के अनुसार समय-समय पर बदलता रहा है।वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर की भव्यता और पवित्र रमणीयता अत्यंत कीमती अध्यात्मिक संपत्ति है। इसके भव्य गौरवपूर्ण निर्माण का श्रेय महिमाशाली व भारतीय संस्कृति के कर्णधार योगीराज महंत दिग्विजय नाथ जी व उनके योग्य शिष्य राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज को है, जिनके प्रयास से भारतीय वास्तुकला के क्षेत्र में इस मंदिर का निर्माण हुआ।

अन्य दर्शनीय स्थल

गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली गोरखनाथ मंदिर देश के लाखों लगुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली गोरखनाथ मंदिर देश के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र तो है ही ,भीम सरोवर, लाइट एंड साउंड प्रर्दशन, संस्कृत महाविद्यालय, गौशाला दर्शनीय स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है।

अखंड धुना

मान्यता है कि मंदिर में गोरखनाथ जी द्वारा जलाई गई अखंड ज्योति त्रेता युग से आज तक जलती आ रही है। इसका राख ही प्रसाद है। यह गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशेष प्रेरणा स्रोत का काम करती है

भीम सरोवर 

मान्यता है कि, महाभारत काल में एक यज्ञ आयोजित कराने वाले पांडवों के बड़े भाई भीम गुरु गोरक्षनाथ को आमंत्रण देने आए थे। भीम जिस जगह रुके वहां सरोवर है, और भीम की लेटी हुई मुद्रा में एक विशाल मूर्ति है।यहां रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन करने आते हैं।

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple), गोरखपुर (Gorakhpur)


16 comments:

  1. गोरखनाथ मंदिर की मान्यता बहुत है। साधकों के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है।
    बाबा गोरखनाथ की जय।

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  2. जय बाबा गोरखनाथ जी

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  3. Gorakhnath baba ki Jay

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  4. जय हो बाबा गुरु गोरखनाथ
    आज की तारीख में और भव्य बनाया जा रहा है

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  5. यहीं बगल में रहकर भी सरोवर का नाम भीम है नहीं जानता था, अच्छी और विस्तृत जानकारी

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  6. Very nice temple

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  7. जय बाबा गोरख नाथ की।

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  8. Very nice information...

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  9. सौभाग्य से मैं गोरखनाथ मंदिर के पास ही रहती हूं.. रोज गोरखनाथ बाबा के दर्शन होते हैं.. और यहां जाकर बहुत अच्छा लगता है
    🙏🙏

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  10. Jai baba gorakhnath.🙏🙏

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  11. जय हो बाबा गोरखनाथ 🙏

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  12. Very nice information

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