कुछ अनमोल रिश्ते
प्रत्येक इंसान जन्म से ही कुछ रिश्तों की डोर में बंध जाता है। हर व्यक्ति के पास रिश्तों की एक मनमोहक बॉन्डिंग होती है। मनुष्य के भीतर की भावनाएं रिश्तों को और अधिक सुदृढ बनाती हैं। हमारे आपके सब के जीवन में कुछ ऐसे रिश्ते भी होते हैं, जिनका न ही कोई नाम होता है और न ही कभी इनका मूल्य चुकाया जा सकता है। यही रिश्ते अनमोल होते हैं। ये रिश्ते मन की भावनाओं से जुड़ते हैं। ऐसी भावनाएं (feelings) जिन्हें चंद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
स्वाभाविक तौर पर कुछ रिश्ते हमारे जन्म के साथ ही हमसे जुड़ जाते हैं। माता-पिता, भाई- बहन वाले ब्लड रिलेशंस अथवा चाचा, ताऊ, मामा, मौसी वाले धीर गंभीर रिश्ते। कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो कुछ समय बाद में बनते हैं।
परंतु इन सबसे कुछ अलग हटकर अनमोल रिश्ता भी होता है, जिसकी पहली शर्त है निःस्वार्थ प्रेम। तथाकथित चकाचौंध भरी जिंदगी के मोह में आजकल रिश्ते भी बहुत बेमाने से हो गए हैं। हमारे खून के रिश्तों में भी स्वार्थ शामिल हो गया है। कदाचित आजकल इसी वजह से रिश्तो में दूरियां पैदा हो रही हैं। कभी-कभी कुछ रिश्ते जिन्हें हम शिद्दत से चाहते हैं, स्वार्थ और ईर्ष्या की आंधी में उनकी भी बुनियाद दरक जाती है। कुछ रिश्ते जिनके बारे में कभी सोचा नहीं होता, वह जुड़ जाते हैं। रिश्तों का यह जुड़ाव दिल से दिल तक की आवृत्ति (frequency) मिलने पर होता है और आवृत्तियों को मिलाना नहीं पड़ता बस मिल जाती हैं। कभी-कभी यह प्रेम, अपनापन, लगाव कोई भी नाम दीजिये, किसी ऐसे इंसान से हो जाता है, जिससे हम बिल्कुल अनभिज्ञ होते हैं। कुछ दिनों का साथ होता है और वह हमेशा के लिए जुड़ जाता है। यही रिश्ते शायद अनमोल होते हैं।
रिश्तों को हमेशा सहेज कर रखिये क्योंकि इनका एहसास मात्र ही जिंदगी की वास्तविक खुशी है।
बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण आलेख। रिश्ते नातों की महत्ता सदैव से ही भारतीय जीवन दर्शन में प्रतिपादित की गई है। हम भारतीय तो हमेशा से ही वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को और अधिक पुष्ट करते आए हैं। किसी के साथ दिल से दिल के तार मिलते ही कदाचित वह रिश्ता अनमोल हो जाता है। हमारी फ्रीक्वेंसी किसी के साथ भी मिल सकती है। चाहे वो ब्लड रिलेशन हो या अन्य रिश्ता या फिर कोई अजनबी। आवृति मिलने के साथ ही रिश्तों में गर्माहट,अपनापन,त्याग की भावना आदि संवेदनाएं स्वतः जन्म ले लेती हैं। शरीर से खुशी के हार्मोन ऑक्सिटोसिन,एंडोर्फिन पर्याप्त मात्रा में बनने लगते हैं। जीवन मे उत्साह और उमंग आ जाती है।
ReplyDeleteआज की बेहद उम्दा पोस्ट के लिए साधुवाद।
क्या बात है मन भावन बातें 👍
ReplyDeleteअति सुन्दर 👏🏻👏🏻 रिश्ते जन्म से नही व्यवहार से ज्यादा मजबूत होते हैं
ReplyDeleteबहुत सरल सहज व्यख्या रिश्तो की डोर की मजबूती पर
ReplyDeleteदुनिया में सबसे बड़ा रिश्ता होता है माता पिता का हमारे सबसे बड़े भगवान वही होते हैं भगवान हमें सुख और दुख दोनों देते है लेकिन माता-पिता हमें सिर्फ सुख ही सुख देते हैं
ReplyDeleteहो सके तो अपनी प्रतिक्रिया अपने नाम से दीजिए..
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteVery nice👌👌
ReplyDeleteSuperb.👌👌
ReplyDeleteअच्छा और सही लिखा गया है
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteकुछ रिश्ते वाकई में अनमोल होते हैं, निश्चल और निस्वार्थ भाव से निभाए गए रिश्ते ही आगे चलकर अनमोल हो जाते हैं। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जहां खून के रिश्तों में भी दूरियां और शत्रुता है और अजनबियों से भी रिश्ते अनमोल हैं। मन से मन मिलने की बात है। जैसे जैसे हम आधुनिक और व्यवसायिक होते जा रहे हैं वैसे वैसे ही रिश्ते खोते जा रहे हैं, स्वार्थ और लालच हमारी मानसिकता पर भारी पड़ रहा है।
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख
Sahi kaha tumne👌
ReplyDeleteInfact it's quite difficult to express and translate own Hindi thoughts in English.
ReplyDelete*Really , just now, I hv tears in my eyes when I am recalling and seeing my all relations, right from my birth to this date from my childhood ,taking care of my younger sisters and brothers & playing; *Studied and became a young boy receiving Scholership till my Engineering graduation and started supporting my Parents for next 27 yrs.while I was married and blessed with 2 children ; made them Post graduates and settled in their lives ..but I was still earning well ..
*My both parent expired / Brothers- sisters married , settled and forgotten their eldest brother ,who supported them till this stage ..how selfish is the World !
# Meanwhile, my wife had a call from HIM and departed for heavenly abode ,leaving me alone to take care of myself ,be dependent on Son and play with my * grand daughter & grand Son...
# Now is the time to retrospect the whole relations of life, own blood relations ,while maintaining all emotions/ Sorrows/ Pains and happiness ..in the remaining life !
# I can only recollect my all relations, tie them with a knot but both ends are far away and not possible to meet and that's the truth ..ONE might face later in life !
*Best part is ,you live well within yourself, try Love and help everyone ,possibly , will only take you to happiness because no one will follow and come with you to share any thing at this time of life when you seek a few smiling movements from. Them but they all are busy ..So where all those relations for which ,I spent my whole life hv gone ,disappeared ...No..you have to find peace,love within your self and all relations are simply smoke and you hv to come out of that ..You might learn later ...thanks & regards .🙏🌹✍
Awasthi ji, your experience regarding life and relations is very bad, I am sorry for that. But it is not so for everyonre. Still the world is built on love, belonging and friendship. Admittedly, some relationships would have become meaningless, but there are some who would have maintained the relationship with heart. If you take your own example, then you have fulfilled the relationship and if not today then tomorrow, they will definitely feel sorry for you who did so much for them, and what they have done to.
DeleteThe real reality of life is to be happy and share happiness. The effort should be that no relationship gets spoiled because of us. Beyond this we cannot change the thinking of others.
Thank you so much for visiting the post and give your feedback 🙏
अगर किसी रिश्ते में आप प्राकृतिक भाव से ताल मेल बैठाते हैं तो कभी कष्ट या दुःख नहीं होगा
ReplyDeleteहम हर चीज स्वार्थ के आइने में देखते हैं तो दुःख होना लाजमी है चाहे ओ रिश्ता हो या कुछ और
बात तो सही है, उम्मीद और स्वार्थ ही तो है जो कड़वाहट घोल रहे।
Deleteरिश्ते बनाना आसान लेकिन निभाना कठिन है।
ReplyDeleteसच में कुछ रिश्ते तो ऐसे ही बन जाते
ReplyDeleteजो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिए..😊😃
ReplyDeleteगजब, समाज के लिए प्रेरणा दायक, वाह छुटकी, अब तो बड़ी बड़ी बातें करने लगी, मोगैम्बो खुश हुआ ।
ReplyDeleteछुटकी थोड़ी बड़ी हो गई ना, पर आपके लिए छुटकी ही रहेगी 😊🙏
DeleteAti Sunder.
ReplyDeleteबिल्कुल ✔️ सही बात 👍
ReplyDeleteExcellent 👍 we are try to maintain relationship up to ................................
ReplyDeleteThank you so much 😊
DeleteI will also try
DeleteBilkul sahi.
ReplyDeleteDil khush kar ditta...
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