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योग प्राणायाम - कपालभाती || YOGA - Kapalbhati Pranayama {Breathing Exercise} ||

कपालभाती

कपालभाती यह केवल एक प्राणायाम ही नही, बल्कि एक शुद्धी क्रिया भी है, डॉ घोसालकर MBBS ने कपालभाती के विषय में अच्छी जानकारी दी है।

योग प्राणायाम - कपालभाती ||  YOGA - Kapalbhati Pranayama {Breathing Exercise} ||

कपालभाती को बीमारी दूर करनेवाले प्राणायाम के रूप में देखा जाता है। कुछ मरीज ऐसे भी देखे गए हैं, जो बिना बैसाखी के चल नहीं पाते थे, लेकिन नियमित कपालभाती करने के बाद उनकी बैसाखी छूट गई और वे ना सिर्फ चलने, बल्कि दौड़ने भी लगे। 

कपालभाती प्राणायाम के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं :- 

  1. कपालभाती करने वाला साधक आत्मनिर्भर और स्वयंपूर्ण हो जाता है, कपालभाती से हार्ट के ब्लॉकेजेस् पहले ही दिन से खुलने लगते हैं और 15 दिन में बिना किसी दवाई के वे पूरी तरह खुल जाते हैं। 
  2. कपालभाती करने वालों के हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है, जबकि हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली कोई भी दवा उपलब्ध नही है। 
  3. कपालभाती करने वालों का हृदय कभी भी अचानक काम करना बंद नहीं करता, जबकि आजकल बड़ी संख्या में लोगों की मौत अचानक हृदयाघात से हो रही है। 
  4. कपालभाती करने से शरीरांतर्गत और शरीर के ऊपर की किसी भी तरह की गाँठ गल जाती है, क्योंकि कपालभाती से शरीर में जबर्दस्त उर्जा निर्माण होती है, जो गाँठ को गला देती है, फिर वह गाँठ चाहे ब्रेस्ट की हो अथवा अन्य कही की। ब्रेन ट्यूमर हो अथवा ओव्हरी की सिस्ट हो या यूटेरस के अंदर फाइब्रॉईड हो, क्योंकि सबके नाम भले ही अलग हों, लेकिन गाँठ बनने की प्रक्रिया एक ही होती है। 
  5. कपालभाती से बढा हुआ कोलेस्टेरोल कम होता है। खास बात यह है कि मैं कपालभाती शुरू करने के प्रथम दिन से ही मरीज की कोलेस्टेरॉल की गोली बंद कर दी जाती है। 
  6. कपालभाती से बढा हुआ इएसआर, युरिक एसिड, एसजीओ, एसजीपीटी, क्रिएटिनाईन, टीएसएच, हार्मोन्स, प्रोलेक्टीन आदि सामान्य स्तर पर आ जाते हैं। 
  7. कपालभाती करने से हिमोग्लोबिन एक महीने में 12 तक पहुँच जाता है, जबकि हिमोग्लोबिन की एलोपॅथीक गोलियाँ खाकर कभी भी किसी का हिमोग्लोबिन इतना बढ़ नहीं पाता है। नियमित रूप से किसी प्रशिक्षक की निगरानी में कपालभाती से हीमोग्लोबिन एक वर्ष में 16 से 18 तक हो जाता है। महिलाओं में हिमोग्लोबिन 16 और पुरुषों में 18 होना उत्तम माना जाता है। 
  8. कपालभाती से महिलाओं के मासिक धर्म की सभी शिकायतें एक महीने में सामान्य हो जाती हैं। 
  9. कपालभाती से थायरॉईड की बीमारी एक महीने में ठीक हो जाती है, इसकी गोलियाँ भी पहले दिन से बंद की जा सकती है। 
  10. इतना ही नहीं, बल्कि कपालभाती करने वाला साधक 5 मिनिट में मन के परे पहुँच जाता है। गुड़ हार्मोन्स का सीक्रेशन होने लगता है। स्ट्रेस हार्मोन्स गायब हो जाते है, मानसिक व शारीरिक थकान नष्ट हो जाती है। इससे मन की एकाग्रता भी आती है। 

योग प्राणायाम - कपालभाती ||  YOGA - Kapalbhati Pranayama {Breathing Exercise} ||

कपालभाति के कई विशेष लाभ भी हैं :-

  • कपालभाती से खून में प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स या रेड ब्लड सेल्स यदि कम या अधिक हुए हो तो वे निर्धारित मात्रा में आकर संतुलित हो जाते हैं। कपालभाती से सभी कुछ संतुलित हो जाता है, ना तो कोई अंडरवेट रहता है, ना ही कोई ओव्हरवेट रहता है। अंडरवेट या ओव्हरवेट होना दोनों ही बीमारियाँ है। 
  • कपालभाती से कोलायटीस, अल्सरीटिव्ह कोलायटीस, अपच, मंदाग्नी, संग्रहणी, जीर्ण संग्रहणी, आँव जैसी बीमारियाँ ठीक होती है। काँस्टीपेशन, गैसेस, एसिडिटी भी ठीक हो जाती है। पेट की समस्त बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। 
  • कपालभाती से सफेद दाग, सोरायसिस, एक्झिमा, ल्युकोडर्मा, स्कियोडर्मा जैसे त्वचारोग ठीक होते हैं। स्कियोडर्मा पर कोई दवाई उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह कपालभाती से ठीक हो जाता है। अधिकतर त्वचा रोग पेट की खराबी से होते है, जैसे जैसे पेट ठीक होता है ये रोग भी ठीक होने लगते हैं। 
  • कपालभाती से छोटी आँत को शक्ति प्राप्त होती है, जिससे पाचन क्रिया सुधर जाती है। पाचन ठीक होने से शरीर को कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फरस, प्रोटीन्स इत्यादि उपलब्ध होने से कुशन्स, लिगैमेंट्स, हड्डियाँ ठीक होने लगती हैं और 3 से 9 महिनों में अर्थ्राइटीस, एस्ट्रो अर्थ्राइटीस, एस्ट्रो पोरोसिस जैसे हड्डियों के रोग हमेशा के लिए ठीक हो जाते हैं। 

योग प्राणायाम - कपालभाती ||  YOGA - Kapalbhati Pranayama {Breathing Exercise} ||

ध्यान रखिये की कैल्शियम, प्रोटीन्स, हिमोग्लोबिन, व्हिटैमिन्स आदि को शरीर बिना पचाए बाहर निकाल देता है क्योंकि केमिकल्स से बनाई हुई इस प्रकार की औषधियों को शरीर द्वारा सोखे जाने की प्रक्रिया हमारे शरीर के प्रकृति में ही नही है। 

हमारे शरीर में रोज 10 % बोनमास चेंज होता रहता है, यह प्रक्रिया जन्म से मृत्यु तक निरंतर चलती रहती है अगर किसी कारणवश यह बंद हुई, तो हड्डियों के विकार हो जाते हैं। कपालभाती इस प्रक्रिया को निरंतर चालू रखती है इसीलिए कपालभाती नियमित रूप से करना आवश्यक है। 

सोचिए, यह सिर्फ एक क्रिया कितनी लाभकारी है, इसीलिए नियमित रूप से कपालभाति करना एक उत्तम व्यायाम प्रक्रिया है। 


25 comments:

  1. मुझे भी करना पड़ेगा शायद योगा ☺️☺️

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  2. it is very good everyone should do yoga

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  3. कपालभांति से लाभ अनेक।

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  4. उपयोगी जानकारी

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  5. Great knowledge

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  6. बेहद लाभदायक प्राणायाम

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  7. 🙏योग की सर्वोत्तम प्रक्रिया🙏
    🙌कई रोगों को दूर भगाती🙌
    🙋‍♂️थोड़ा समय निकालकर🙋‍♂️
    🤦‍♀️करो जरूर कपालभाति🤦‍♀️
    💁व्यायाम की यह क्रिया💁
    👁देखो कितनी लाभकारी👁
    👸रूपा ओस की बूंद में है👸
    📝इसकी विशेष जानकारी📝
    👇आप भी पढ़ें और दूसरों👇
    ✌को भी प्रोत्साहित करो✌
    👏योग सर्वथा हितकारी है👏
    🗣️यह बात प्रमाणित करो🗣️
    🙋‍♂️🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🙋‍♂️

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  8. प्रतिदिन योग का प्रयोग
    रखे मानव जाति निरोग
    कपालभाति प्रक्रिया का
    सबसे सर्वोत्तम उपयोग

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  9. बहुत ही लाभदायक है कपालभाति का व्यायाम, जानकारी ज्ञान वर्धक और स्वास्थ्य वर्धक भी है।। धन्यवाद जी

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  10. बहुत ही लाभदायक है कपालभाति का व्यायाम, जानकारी ज्ञान वर्धक और स्वास्थ्य वर्धक भी है।। धन्यवाद जी

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  11. कपालभांति से लाभ अनेक।

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  12. Ek atyant moolyavaan post. Khaasakar aajakal.

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  13. Very nice information

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  14. ऐक योग नों रोग🥰

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