इतवार (Sunday)
"इतवार में भी कुछ यूँ हो गयी है मिलावट,
छुट्टी तो दिखती है,
पर सुकून नजर नहीं आता..❤"
प्रभात की छटा
है प्रभात की छटा निराली,
पवन मंद मुस्काये.
रिमझिम तारे चंदा जग से,
टाटा कहते जाएँ.
शांत तिमिर छटता जाता है,
आभा विमल विखरती .
ऐसा लगता है सागर से,
सृष्टि की दृष्टि निखरतीं.
चिड़ियों ने पर खोले अपने,
जग को है चहकाया.
फूलों ने है ली अंगड़ाई,
यौवन को महकाया.
अटल शांति छायी है जग में,
नई ऊर्जा है तन मन में..
शुभ प्रभात.
"नदी के किनारे पर खड़े रहने से नदी पार नही होती,
उसे पार करने के लिए उसके अंदर जाना पड़ता है..❤"
उसे पार करने के लिए उसके अंदर जाना पड़ता है..❤"
Beautiful 👏🙋♂️❣️💐
ReplyDeleteBeautiful pic with nice poem❤️😘
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteA perfect article is written .
ReplyDeleteयह बात तो बिल्कुल सही है कि नदी पार करने के लिए पानी में तो उतरना ही पङता है, जैसे कहा जाता है कि अगर तैरना सिखना है तो पानी में जाना ही होगा,कोई भी किनारे पर बैठ कर तैरना नही सीख सकता है।
ReplyDeleteहमारे समाज में कुछ प्राणी ज्ञान की तो बहुत बङी बङी बातें करते हैं लेकिन खुद किनारे पर बैठे हैं और दुसरो को पानी में उतरने की सलाह देते है
ये वकील लोग वकालत पढ़ने के बाद ऐसी बातें करना सीखते हैं या फिर ऐसी बातें करने वाले वकालत के पेशे में जाते हैं..गोल गोल 🤔
Deleteऐसा भी तो हो सकता है कि कुछ प्राणी पानी में से निकलने के बाद किनारे पर आ के बैठे हों।
अब स्वतंत्र भारत का नागरिक आपनी बात सरलता से कह रहा है तो आप जैसे लोग उसकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं अब आदमी अपनी बात कहे तो उसको उसके पेशे का हवाला दे कर चूप कराने की कोशिश की जा रही है
Deleteनिकल कर आ कर अगर किनारे पर बैठे भी है तो उनको किसी का साथ देने के लिए पानी में उतरने मे कोई समस्या भी नही होनी चाहिए डरना तो उसे चाहिए जो पहली बार पानी में जा रहा है जो पानी से निकल कर आ के बैठा है उसको किस बात का डर
Deleteस्वतंत्र भारत के आजाद नागरिक को ये भी समझना चाहिए कि अगला भी स्वतंत्र भारत का आजाद नागरिक है। यह उसकी इच्छा है कि उसे क्या करना है क्या नही, इसमें डर कहां से आता है। अपनी बात हो तो आजादी और दूसरों की बात हो तो डर..
Deleteदेखिये मैं तो सत्य का पूजारी हू सत्य बोलता हूं किसी को अगर मेरे सत्य बात कहने से समस्या है तो मैं क्या ही कर सकता हूँ।
DeleteBalloon ke saath pic ho to, birthday ho ye jaruri thodi hai..
ReplyDeleteHave a beautiful Sunday with lovely poem & pic💐💐
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteखूबसूरत कविता।शुभ रविवार।
ReplyDeleteHappy Sunday 🌹🌹
ReplyDeleteBahut pyaari lagrahi hai ❤️❤️❤️😘😘😘
ReplyDeleteकविताएं ऐसी ही होनी चाहिए जो मेरे जैसे आम लोगों को समझ आ जाए। सुंदर कविता के साथ प्यारी सी तस्वीर।
ReplyDeleteराही बात पानी में उतरने की तो बिना प्रयास के सामने रखा भोजन भी पेट में नहीं जाता।
शुभ रविवार
Beautiful pic🤩🤩..per lag rha weight bahut kam kar li ho..ab isse jyada kam nahi karo..
ReplyDeleteNice poem..
Beautiful Pic with Sweet Smile 😊
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteSundar kavita.
ReplyDeleteNice pic
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice poem.. beautiful pic 😍😍
ReplyDeleteBeautiful...
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