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प्रभात की छटा || Sunday.. इतवार ..रविवार ||

  इतवार (Sunday)

"इतवार में भी कुछ यूँ हो गयी है मिलावट,
छुट्टी तो दिखती है,
पर सुकून नजर नहीं आता..❤"

प्रभात की छटा

है प्रभात की छटा निराली,

पवन मंद मुस्काये.

रिमझिम तारे चंदा जग से,

टाटा कहते जाएँ.

शांत तिमिर छटता जाता है,

आभा विमल विखरती .

ऐसा लगता है सागर से,

सृष्टि की दृष्टि निखरतीं.

चिड़ियों ने पर खोले अपने,

जग को है चहकाया.

फूलों ने है ली अंगड़ाई,

यौवन को महकाया.

अटल शांति छायी है जग में,

नई ऊर्जा है तन मन में..

शुभ प्रभात.

इतवार (Sunday)

"नदी के किनारे पर खड़े रहने से नदी पार नही होती,
 उसे पार करने के लिए उसके अंदर जाना पड़ता है..❤"

28 comments:

  1. Beautiful 👏🙋‍♂️❣️💐

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  2. Beautiful pic with nice poem❤️😘

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  3. यह बात तो बिल्कुल सही है कि नदी पार करने के लिए पानी में तो उतरना ही पङता है, जैसे कहा जाता है कि अगर तैरना सिखना है तो पानी में जाना ही होगा,कोई भी किनारे पर बैठ कर तैरना नही सीख सकता है।
    हमारे समाज में कुछ प्राणी ज्ञान की तो बहुत बङी बङी बातें करते हैं लेकिन खुद किनारे पर बैठे हैं और दुसरो को पानी में उतरने की सलाह देते है

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    1. ये वकील लोग वकालत पढ़ने के बाद ऐसी बातें करना सीखते हैं या फिर ऐसी बातें करने वाले वकालत के पेशे में जाते हैं..गोल गोल 🤔

      ऐसा भी तो हो सकता है कि कुछ प्राणी पानी में से निकलने के बाद किनारे पर आ के बैठे हों।

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    2. अब स्वतंत्र भारत का नागरिक आपनी बात सरलता से कह रहा है तो आप जैसे लोग उसकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं अब आदमी अपनी बात कहे तो उसको उसके पेशे का हवाला दे कर चूप कराने की कोशिश की जा रही है

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    3. निकल कर आ कर अगर किनारे पर बैठे भी है तो उनको किसी का साथ देने के लिए पानी में उतरने मे कोई समस्या भी नही होनी चाहिए डरना तो उसे चाहिए जो पहली बार पानी में जा रहा है जो पानी से निकल कर आ के बैठा है उसको किस बात का डर

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    4. स्वतंत्र भारत के आजाद नागरिक को ये भी समझना चाहिए कि अगला भी स्वतंत्र भारत का आजाद नागरिक है। यह उसकी इच्छा है कि उसे क्या करना है क्या नही, इसमें डर कहां से आता है। अपनी बात हो तो आजादी और दूसरों की बात हो तो डर..

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    5. देखिये मैं तो सत्य का पूजारी हू सत्य बोलता हूं किसी को अगर मेरे सत्य बात कहने से समस्या है तो मैं क्या ही कर सकता हूँ।

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  4. Balloon ke saath pic ho to, birthday ho ye jaruri thodi hai..

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  5. Have a beautiful Sunday with lovely poem & pic💐💐

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  6. खूबसूरत कविता।शुभ रविवार।

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  7. Bahut pyaari lagrahi hai ❤️❤️❤️😘😘😘

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  8. कविताएं ऐसी ही होनी चाहिए जो मेरे जैसे आम लोगों को समझ आ जाए। सुंदर कविता के साथ प्यारी सी तस्वीर।
    राही बात पानी में उतरने की तो बिना प्रयास के सामने रखा भोजन भी पेट में नहीं जाता।
    शुभ रविवार

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  9. Beautiful pic🤩🤩..per lag rha weight bahut kam kar li ho..ab isse jyada kam nahi karo..

    Nice poem..

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  10. Nice poem.. beautiful pic 😍😍

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