अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein)
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो अल्बर्ट आइंस्टीन को ना जानता हो। अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने-माने वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री थे। आज ही के दिन 14 मार्च 1879 को अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ था। अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे। आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था। अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन को गणित में भी बहुत रूचि थी। इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये, जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ था। किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और उनकी शिक्षा का आरम्भ भी वही से हुआ। आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे, जिसके कारण उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया। 9 साल की उम्र तक वे बोलना नहीं जानते थे। वे प्रकृति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे। उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू कर दिया था और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा। 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला। 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन प्रश्न को बड़ी आसानी से हल कर लेते थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की सेकेंडरी पढ़ाई 16 साल की उम्र तक ख़त्म हो चुकी थी। उनको स्कूल पसंद नही था, वे बिना किसी को परेशान किये, विश्वविद्यालय में जाने के अवसर को ढूंढने की योजना बनाने लग। उनके अध्यापक ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, क्यूंकि उनका बर्ताव अच्छा नहीं था, जिसके कारण उनके सहपाठी प्रभावित होते थे। अल्बर्ट आइंस्टीन स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में "फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी" में जाने के लिए प्रयास करने लगे, किन्तु वे वहाँ के दाखिले की परीक्षा में असफल हुए। फिर उनके प्राध्यापक ने सलाह दी कि सबसे पहले उन्हें स्विट्ज़रलैंड के आरौ में "कैनटोनल स्कूल" में डिप्लोमा करना चाहिए। उसके बाद सन 1896 में फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अपने आप ही दाखिला मिल जायेगा। उन्होंने प्राध्यापक की सलाह को समझा, वे यहाँ जाने के लिए बहुत ज्यादा इक्छुक थे और वे भौतिकी और गणित में अच्छे थे।
सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की, किन्तु उनके एक अध्यापक उनके खिलाफ थे, उनका कहना था की आइंस्टीन युसूअल युनिवर्सिटी असिस्टेंटशिप के लिए योग्य नही है। 1902 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के बर्न में पेटेंट ऑफिस में एक इंस्पेक्टर को रखा। उन्होंने 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली जो उनकी ज्युरिच में सहपाठी थी। उनके 2 बेटे हुए, तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी। उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान सम्बन्धी दस्तावेज लिखा।
अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई।
- अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला।
- अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है।
- अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था "अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है"।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
- वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
- आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे।
- मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है।
अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार
अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया
- भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया।
- मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया।
- कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया।
- मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया।
- शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु
जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया, तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यूजर्सी में आकर रहना पड़ा। अल्बर्ट आइंस्टीन वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और उसी समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई।
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Albert Einstein
Biography of Albert Einstein
There is hardly any person who does not know Albert Einstein. Albert Einstein was a world famous scientist and physicist. Albert Einstein was born on this day on March 14, 1879. Albert Einstein made many inventions in his life, for some inventions Einstein's name has been recorded in the pages of history. He was a successful and very intelligent scientist. In modern times, he has contributed a lot in simplifying physics. In 1921, Albert Einstein was awarded the Nobel Prize for his inventions. Albert Einstein achieved this position by working hard. Albert Einstein was also very interested in mathematics. He made many inventions to explain physics in a simple way, which is inspiring for people.
Birth and education of Albert Einstein
Albert Einstein was born on 14 March 1879 in Ulm, Germany. But he grew up in Munich city of Germany and his education also started from there. Einstein was very weak in studies in childhood, due to which some of his teachers started calling him mentally handicapped. By the age of 9, he did not know how to speak. He was mesmerized by the laws of nature, the experience of wonder, the direction of the compass needle, etc. He started playing the sarangi at the age of 6 and continued to play it throughout his life. At the age of 12, he discovered geometry and found its awareness and some evidence. At the age of 16, he could solve the toughest maths problem with ease.
Albert Einstein's secondary education was over by the age of 16. He didn't like school, so he started planning to find an opportunity to go to university without bothering anyone. His teacher removed him from there, because his behavior was not good, due to which his classmates were affected. Albert Einstein tried to go to the "Federal Institute of Technology" in Zurich, Switzerland, but he failed the entrance exam there. Then his professor advised that he should first do a diploma in the "Cantonal School" in Aarau, Switzerland. After that, in the year 1896, admission will be done automatically in the Federal Institute of Technology. He understood the professor's advice, he was very keen to go here and he was good at physics and maths.
In 1900, Albert Einstein passed his graduation examination from the Federal Institute of Technology, but one of his teachers was against him, saying that Einstein was not eligible for the Yusual University assistantship. In 1902 he hired an inspector at the Patent Office in Bern, Switzerland. She married Mariak 6 months later, who was her classmate in Zurich. He had 2 sons, then he was in Bern and he was 26 years old. At that time he received his doctorate and wrote his first revolutionary scientific paper.
Interesting facts about Albert Einstein
- Albert Einstein called himself a skeptic, he did not call himself an atheist.
- Albert Einstein used to solve all the experiments in his mind.
- Albert Einstein used to be weak in studies and speaking in childhood.
- After Albert Einstein died, his brain was stolen by a scientist, then it was locked in a jar for 20 years.
- Albert Einstein also got the Nobel Prize but he could not get his amount.
- Albert Einstein also got the opportunity for the post of President.
- Albert Einstein has also failed in the university entrance examination.
- Due to the poor memory of Albert Einstein, he could not remember anyone's name or number.
- Albert Einstein's eyes are kept in a safe box.
- Albert Einstein did not have his own car, so he did not even know how to drive.
- Albert Einstein's mantra was "Practice is the key to success".
Thoughts of Albert Einstein
- Time is very short, if we want to do something, then we should start now.
- You must learn the rules of the game and you will play better than any other player.
- The only difference between stupidity and intelligence is that intelligence has a limit.
Albert Einstein Award
Albert Einstein was awarded with the following awards
- The Nobel Prize in Physics was awarded in 1921.
- Mattyukki Medal was given in the year 1921.
- Copley Medal was awarded in the year 1925.
- The Max Planck Medal was awarded in 1929.
- The Time Person of the Centenary Award was given in the year 1999.
death of albert einstein
When the time of Hitler's imperialism came in Germany, Albert Einstein had to leave Germany and live in New Jersey, America, due to being a Jew. Albert Einstein was serving there at Priston College and died at the same time on 18 April 1955.
रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी 👍
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteनौ साल तक बच्चा अगर ठीक से बोल नही पाता तो लोग उसे मंदबुद्धि कहते हैं आगे चलकर वो बच्चा अलबर्ट आइंस्टीन बनता है सहज विश्वास नहीं होता।
ReplyDeleteज्ञानवर्धक। और प्रेरणादायक लेख
रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी
ReplyDeleteआश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारी 👌👌
ReplyDeleteआश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारी 👌👌
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteINCREDIBLE.
ReplyDelete👏🙋♂️⭐💐♥️
Ultimate.
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteअलबर्ट आइंस्टीन को भौतिकी के लिए नोबल पुरस्कार मिला था।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery interesting knowledge
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteVery nice 👌👍
ReplyDeleteOne of the greatest physicists in the history of the world, Albert Einstein wrote a letter to his daughter in which he describes the force that is the essence of all life and can save the world. Interestingly, to illustrate this force, he made the most famous equation. Einstein writes to his daughter: "There is an extremely powerful force for which science has not yet found an official explanation for. It affects everything else and stands above all phenomena in the universe.
ReplyDeleteSo far, it has not been recognized by us yet. This universal force is LOVE. Love is the Light because it illuminates those who give it and receive it.
Love is gravity because it makes people feel drawn to others.
Love is power because it multiplies what is best in us and does not allow humanity to perish in blind selfishness. Love is the Light because it illuminates those who give it and receive it.
Love is gravity because it makes people feel drawn to others.
Love is power because it multiplies what is best in us and does not allow humanity to perish in blind selfishness.
Love develops and reveals.
We live and die for the sake of Love.
Love is God and God is Love.
Amazing post..
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