ओस की बूंद (Os ki Boond)
ओस की बूंद
आज ओस की बूंद से मुलाकात हुई
फिर हम दोनों की लंबी बात हुई,
वो बहुत खुश थी मुझसे मिल के
मानो सावन की घटा हो छाई
बदरा को देख के..
फिर हम दोनों की लंबी बात हुई,
वो बहुत खुश थी मुझसे मिल के
मानो सावन की घटा हो छाई
बदरा को देख के..
मेरे केसुओं से होती हुई वह
कानों के पास आई,
हौले से मुस्कुराई
और फिर बोल उठी..
चंद पलों का ये साथ तेरा
खुशियां बटोरे ये दिल मेरा,
इससे पहले की मेरा वजूद मिट जाए
मुझे इस साथ को...इस पल को...
जी लेने दो खुलकर..
माना कि मैं कुछ पल ही तेरे साथ हूं,
ये पल बहुत खास है..
क्योंकि तू मेरे साथ है,
मेरे साथ आ और
इस खूबसूरत पल को तू भी जी ले..
इसके बाद जहां में मैं न होऊंगी,
तेरे साथ सिर्फ मेरी यादें होंगी..
कैद कर लो इस साथ को,
अपनी कलम में, अपनी लेखनी में,
और अमर कर दो
तेरे मेरे साथ को
इस मुलाकात को..
कल फिर सुबह होगी,
ओस तो फिर गिरेगी..
लेकिन तुम्हारा साथ,
बस आज है, अभी है
सूर्य की पहली किरण के साथ
सूर्य की पहली किरण के साथ
मेरा वजूद खत्म हो जाएगा..💧
– रूपा
क्या बात है रुपा तुम तो छा गई..ओस की बूंद की ही तरह.. चहूं ओर..
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता 👏👏👏👌👌👌👌
बहुत ही सुंदर कविता, जीवन को सकारात्मक रूप में जी भर जी लेने का संदेश।
ReplyDeleteआप सबको शुभ रविवार
Happy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday dear🤗🤗
ReplyDeleteBeautiful poem with Lajawab pic😘😘😘❤️❤️❤️
जी, मैंने ही लिखने का प्रयास किया है।
ReplyDeleteHappy Sunday mohtarma
ReplyDeleteजितनी खूबसूरत कविता है, उतना ही खूबसूरत चित्र है मन मोहक
ReplyDeleteVery nice poem, Happy sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteओस की एक बूंद पर लिखी गई कविता अनूठी है। शुभ रविवार।
ReplyDeleteजानदार शानदार ओस की बूंद।
ReplyDeleteBeautiful pic 😍😍🌹🌹
जिस शब्द के आगे हमलोग कुछ सोंच नहीं पाते, उस शब्द पर तुम गद्य पद्य सारा लिख डाली।
ReplyDeleteVery nice poem..
ReplyDeleteVery nice kavita
ReplyDeleteAnd very beautiful picture and smile
Deleteसर्द रातों में सो कर भोर होते
ReplyDeleteही निकलता जो घर से बाहर
धूप की चाह में बैठ जाता हूं
थोड़ी देर अपनी आंखें मूंदकर
खिल जाता है मेरा चेहरा जब
नजर पड़ती ओस की बूंद पर
चमक उठती अधखुली आंखें
जब सूरज की पहली किरण
ओस की बूंदों पर पड़ती है
जी मचल जाता है मेरा और
धड़कनें तेज गति से बढ़ती है
मन करता ओस कि बूंद को
उंगली पर रखकर चख लूं
काश वो मोती बन जाए तो
अपनी जेब में मैं उन्हें रख लूं
जितना सुकून मिलता सर्दी में
अलाव में अपने हाथ सेककर
उतना सुकून मिलता दिल को
उसकी नन्हीं बुंदों को देखकर
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
Nice
ReplyDeleteHappy Sunday nice pic
ReplyDelete❤सोच खूबसूरत-नाम खूबसूरत❤
ReplyDelete👸इनको तो कहते हैं सब रूपा👸
💦रुपा "ओस की एक बूंद" का💦
📝हुनर अब तक कहा था छुपा📝
💧ओस की बूंद की तरह रूपा💧
💐हरे-भरे ब्लॉग पर छा जाती है💐
🌄फिर दिन-भर की दौड़-धूप में🌄
👣रोज ओस की तरह खो जाती👣
🤔कितने जाने-अनजाने रहस्य🤔
👁अपने इस ब्लॉग पर बताती है👁
🖋क्या खूब है इनकी ये लेखनी🖋
🥰सबके दिलों पर ये छा जाती है🥰
💦ओस की बूंद की तरह ही तो💦
😍चमकती है चेहरे की मुस्कान😍
🤗क्या गजब-अपने हुनर से रूपा🤗
🐥हर ब्लॉग में डाल देती है जान🐥
💦ओस की तरह धूप-ताप सहना💦
🖋इस तरह हमेशा लिखते रहना🖋
💐हम तारीफ के फूल बिछाएंगे💐
👑आप समझना अनमोल गहना👑
🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄
नरेश जी,
Deleteमेरी पोस्ट को कविताओं में लिखना,
आपकी लेखनी का अंदाज
बड़ा निराला है..
इतनी अच्छी तारीफ
की एक कवि ने
ओस की बूंद और
निखर गई..
आपकी हौसला अफजाई
के लिए धन्यवाद💧
Adbhut ..bhut sundar panktiya ha..
ReplyDeleteप्रकृति की गोद मे बैठकर,सर्द हवाओं के आंचल तले लिखी गयी यह कविता वस्तुतः आपके अंदर के भावों की मनोहर अभिव्यक्ति है। सच कहूँ तो आज की स्वरचित कविता के कारण यह पोस्ट अनमोल हो गयी है।
ReplyDeleteलिखते रहिए।
Beautiful...
ReplyDeleteMem,extremely well written your article is affects on our hearts. Inspires us,motivates us, attracts us towards your diction of writing. Your lovely RDS in writing skills. We all are your fan.
ReplyDeleteBahut khub👌👌
ReplyDeleteBahut khub👌
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteLajwab post👌👌
ReplyDeleteKhubsurat oos ki boond...
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteBahut khub..🌹🌹🌹👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियां.. ओस के बूंद से सुंदर वार्तालाप..और तस्वीर भी ऐसी मानो अभी बोल पड़ेगी..❤️
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