ओस की बूंद (Os ki Boond)
इन ठिठुरन भरी सर्दियों की एक अलसायी सुबह, प्रकृति के मनोहारी सानिध्य में उसकी अनुपम छटा को निहारते हुए, "ओस की बूंदों" के दुर्लभ सामीप्य में बैठकर "ओस की बूंद" पर ब्लॉग लिखने का एहसास कितना रोमांचकारी है, इसे चंद शब्दों में नही बयां नही किया जा सकता। सच मानिए,यह अप्रतिम अनुभव सबसे अलहदा है। बहुधा मैं इस बात पर मंथन करती थी कि साहित्यकारों की लेखनी में इतनी जीवंतता कहाँ से आती है। इस अलौलिक अनुभव के द्वारा सहज ही मेरी जिज्ञासा का समाधान हो गया।
ओस की बूंदें
अभी थी,
अभी नहीं है..
ऐसी खुशियां,
जो हमेशा हमारा साथ दें
कभी नहीं थी,
कभी नहीं हैं ..💧"
वातावरण में चहुं ओर लिपटी कोहरे की चादर......, यही तो है "ओस की बूंद".... शांत, स्निग्ध, पावन।
प्रकृति का ऐसा रमणीय रूप अद्भुत है। इसे शांत मन के साथ बस निहारते रहिए और इसके अनुपम रूप में विचरते रहिए। मेरा दावा है कि आप अपने स्थान से हिल नही पाएंगे। यह घना कोहरा ही कुछ समय बाद बूंद का रूप ले लेता है। देखते देखते मेरे केश में भी ओस की बूंदे बन गयी हैं। मेरे चेहरे के साथ अठखेलियाँ करती यह बूंदे अपने अस्तित्व को और अधिक पुख्ता करती प्रतीत होती हैं।
दूर पेड़ की सबसे ऊंची चोटी पर प्रकृति की आभा का आनंद लेते मोर को देखकर मेरा मन-मयूर भी आनंदित हो रहा है। चिड़ियों की चहचहाहट इन ओस की बूंदों में संगीत घोल रही है। एक डाल से दूसरे डाल फुदकते हुए चीं चीं करते चिड़ियों के झुंड को देखने की अनुभूति वर्णनातीत है।
इन ओस की बूंदों को बाखूबी पता होता है कि उनकी उत्पत्ति ही कुछ क्षण के लिए हुई है। सूर्य की पहली किरण के साथ उनका अस्तित्व समाप्त हो जाना है।
और बूंदों पर पड़ती यह दिवाकर की किरणें..💧"
देखा जाए तो सुबह की ओस और धूप का रिश्ता, शमा और परवाने जैसा ही है। दोनों ही रिश्तों में समर्पण की भावना प्रधान है। परवाना, शमा के प्रति समर्पित भाव से अपना जीवन कुर्बान कर देता है, तो ओस भी धूप के संपर्क में आते ही कुछ ही क्षण में अपना जीवन समाप्त कर लेती है। शायद प्रकृति का नियम ही यही है।
"जिंदगी बेशक दो लम्हे की थी...
पर खूबसूरत इतनी जैसे 'ओस की एक बूंद'.."💧
हां जी, यहां भी बारिश हो रही..
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteसर्द फ़िजा.खुशनुमा मौसम और ओस की हल्की बूँदे,
ReplyDeleteखामखाँ बढ़ा दिया बेचैनियों को जनवरी की लहर ने.
Bahut khub.. 👌👌
ReplyDeleteATI Sundar..."oos ki ek boond"
ReplyDeleteओस की बूंद का इतना सजीव वर्णन,इतना जीवंत कि सचमुच बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteआपकी कुशल लेखनी को सौ सौ सलाम।
आगे भी इसी प्रकार की पोस्ट डालते रहिए।
🙏🙏 धन्यवाद सर
Deleteप्रयास जारी है😊😊
Very very nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice ji
ReplyDeleteबिटिया रानी खेलती ओस की बूंदों से
ReplyDeleteकभी इठलाती, कभी इतराती
अटखेलियां करती, ठंड के भंवर से
ये बिटिया है लखनऊ शहर से!
शुक्रिया😊
सर्द रातों में सो कर भोर होते
ReplyDeleteही निकलता जो घर से बाहर
धूप की चाह में बैठ जाता हूं
थोड़ी देर अपनी आंखें मूंदकर
खिल जाता है मेरा चेहरा जब
नजर पड़ती ओस की बूंद पर
चमक उठती अधखुली आंखें
जब सूरज की पहली किरण
ओस की बूंदों पर पड़ती है
जी मचल जाता है मेरा और
धड़कनें तेज गति से बढ़ती है
मन करता ओस कि बूंद को
उंगली पर रखकर चख लूं
काश वो मोती बन जाए तो
अपनी जेब में मैं उन्हें रख लूं
जितना सुकून मिलता सर्दी में
अलाव में अपने हाथ सेककर
उतना सुकून मिलता दिल को
उसकी नन्हीं बुंदों को देखकर
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
👏👏👌
Deleteबहुत खूब नरेश जी 👌👌
Deleteवाह वाह क्या बात है…👏👏ओस की बूंद अब लग रहा साहित्य के सागर में डुबकी लगाने लगी है,आज के लेख में अपने एहसास की अभिव्यक्ति को बड़ी ही परिपक्वता के साथ वर्णित की हो👌👌👍👍👍
ReplyDeleteKya baat hai 👍🏻
ReplyDeleteU r genius great....
ReplyDeleteलाजवाब पोस्ट..सुंदर सी तस्वीर👌👌😍😍
ReplyDeleteपर इतनी ठंड में सुबह सुबह,ठंड लग जायेगी। पूरे पार्क में कोई दिख भी नहीं रहा।
Very nice
ReplyDelete❤सोच खूबसूरत-नाम खूबसूरत❤
ReplyDelete👸इनको तो कहते हैं सब रूपा👸
💦रुपा "ओस की एक बूंद" का💦
📝हुनर अब तक कहा था छुपा📝
💧ओस की बूंद की तरह रूपा💧
💐हरे-भरे ब्लॉग पर छा जाती है💐
🌄फिर दिन-भर की दौड़-धूप में🌄
👣रोज ओस की तरह खो जाती👣
🤔कितने जाने-अनजाने रहस्य🤔
👁अपने इस ब्लॉग पर बताती है👁
🖋क्या खूब है इनकी ये लेखनी🖋
🥰सबके दिलों पर ये छा जाती है🥰
💦ओस की बूंद की तरह ही तो💦
😍चमकती है चेहरे की मुस्कान😍
🤗क्या गजब-अपने हुनर से रूपा🤗
🐥हर ब्लॉग में डाल देती है जान🐥
💦ओस की तरह धूप-ताप सहना💦
🖋इस तरह हमेशा लिखते रहना🖋
💐हम तारीफ के फूल बिछाएंगे💐
👑आप समझना अनमोल गहना👑
🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄
हर बात को कविता के माध्यम से कहना.. आपका ये हुनर गजब का है
DeleteSuch a small drop, such great power.
ReplyDeleteKya baat hai👌👌
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteBahut Khubsurat..🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteओस के बूंदों की जीवंत प्रस्तुति..मन खुश हो गया👌👌
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