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भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

भारत में स्वास्थ्य सेवा

किसी भी देश का सामाजिक-आर्थिक विकास उस देश के सेहतमंद नागरिकों पर निर्भर करता है। किसी भी देश के विकास की कुंजी उस देश के स्वस्थ नागरिक हैं। भारत की सकल राष्ट्रीय आय की दृष्टि से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन जब बात स्वास्थ्य सेवाओं की आती है तो हमारी स्थिति काफी दयनीय साबित होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनेक रिपोर्ट से लेकर इस क्षेत्र में हुए अनेक सर्वेक्षण यह बताते हैं कि हमारी सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्था सुधरने की बजाय और बदहाल होती जा रही है। 

भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

भारत विश्व स्तर पर गुणवत्ता युक्त इलाज मुहैया कराने के लिये प्रसिद्ध है, किंतु इसके बावजूद अब भी स्वास्थ्य संबंधी कई चुनौतियाँ हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सबसे प्रमुख चुनौती है आबादी के अनुपात में अस्पतालों और डॉक्टरों की कमी। भारत में आर्थिक असमानता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में भी काफी विषमता है।

प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य और कल्याण का एक पूरे समाज का दृष्टिकोण है, जो व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर आधारित है। यह स्वास्थ्य के अधिक व्यापक निर्धारकों को संबोधित करता है और शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य और कल्याण के व्यापक और आपस में संबंधित पहलुओं पर केंद्रित है।

भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के अन्तर्गत पूरे जीवन में स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए सम्पूर्ण देखभाल मुहैया कराना है, न कि केवल विशिष्ट रोगों के लिए। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल करता है कि लोगों को व्यापक देखभाल मिले, जिसमें प्रमोशन और निवारण सेउपचार, पुनर्वसन और पीड़ाहारक देखभाल शामिल है, जो लोगों के दैनिक पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक योग्य हो।

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) अप्रैल 2005 में शुरू किया गया था। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हैं एवं इसमें उन 18 राज्यों में ज्यादा ध्यान दिया गया था, जहां स्वास्थ्य सेवा के संकेतक काफी निम्न थे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तीन घटकों पर आधारित एक व्यापक परिभाषा विकसित की है:

  • पूरे जीवन में व्यापक  बढ़ावा देने वाली, सुरक्षात्मक, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वसनसंबंधी और पीड़ाहारक देखभाल के माध्यम से लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति करना, समेकित स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्रीय घटकों के रूप में रणनीति की दृष्टि से प्राथमिक देखभाल के माध्यम से और परिवारों पर लक्षित महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और जनसंख्या पर सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों के माध्यम से प्राथमिकता देना ।
  • सभी क्षेत्रों में प्रमाण सूचित सार्वजनिक नीतियों और कार्यों के माध्यम से स्वास्थ्य के व्यापक निर्धारकों को व्यवस्थित रूप से संबोधित करना (जिसमें सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय के साथ ही लोगों की विशेषतायें और व्यवहार) 
  • स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने वाली और सुरक्षा देने वाली नीतियों की वकालत के रूप में, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के सहविकासकों के रूप में और अन्यों को स्वयं देखभाल करने और देखभाल देने वालों के रूप में स्वास्थ्य को महत्तम करने के लिए व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों का सशक्तीकरण करना। 
भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिक्रिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी के लिए स्वास्थ्य और कल्याण को प्राप्त करने की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की केंद्रीय भूमिका को पहचानता है। डब्ल्यूएचओ अन्य देशों के साथ इस कारण से काम करता हैः
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी के लिए स्वास्थ्य और कल्याण को प्राप्त करने की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की केंद्रीय भूमिका को पहचानता है। डब्ल्यूएचओ अन्य देशों के साथ इस कारण से काम करता हैः
  • समावेशक नीतियां विकसित करने के लिए देशों को देना, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर आधारित देश के नेतृत्व और स्वास्थ्य प्रणालियों जो चिरस्थायी विकास ध्येयों और वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए कार्य करता है।
  • बहुक्षेत्रीय कार्य के माध्यम से व्यापक असामनता और स्वास्थ्य के निर्धारकों को संबोधित करना।
सरकार द्वारा समय समय पर स्वस्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किये जाते हैं। परन्तु आज के परिपेक्ष में जबकि सब कुछ ही प्रदूषित हैं, स्वस्थ्य संबंधी चुनौतियाँ बहुत है। चिकित्सा के क्षेत्र में इतनी उन्नति के बाद भी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में खुद को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। 
भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

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healthcare in india

The socio-economic development of any country depends on the healthy citizens of that country. The key to the development of any country is the healthy citizens of that country. India is the third largest economy in the world in terms of gross national income, but when it comes to health services, our condition proves to be very pathetic. From many reports of the World Health Organization to many surveys in this area, it is said that our public medical system is getting worse instead of improving. India is globally renowned for providing quality treatment, but despite this, there are still many health challenges.

India is globally renowned for providing quality treatment, but despite this, there are still many health challenges. The major challenge related to the health sector is the shortage of hospitals and doctors in proportion to the population. Due to economic inequality in India, there is also a lot of disparity in the availability of health services.
भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

primary health care

Primary health care is a society's approach to health and well-being as a whole, based on the needs and preferences of individuals, families, and communities. It addresses the more comprehensive determinants of health and focuses on the broader and interconnected aspects of physical, mental and social health and well-being.

Primary health care includes providing complete care for health needs throughout life and not just for specific diseases. Primary health care seeks to provide people with comprehensive care, from promotion and prevention to treatment, rehab and palliative care, that best fits people's daily environment.
The National Rural Health Mission (NRHM) was launched by the Government of India in April 2005. The main goal of the National Rural Health Mission is to provide effective healthcare in rural areas and it focused more in 18 states with very low health service indicators.

The World Health Organization has developed a comprehensive definition based on three components:

  • Meeting the health needs of people through comprehensive promotive, preventive, preventive, curative, rehabilitative and palliative care throughout life, through primary care and on families with a strategic vision as central components of integrated health services Prioritizing through targeted critical health care services and public health actions on the population.
  • Systematically address the broad determinants of health (including social, economic, environmental as well as people's characteristics and behavior) through evidence-informed public policies and actions across all sectors.
  • as an advocate of policies that promote and protect health and well-being, as co-developers of health and social services, and as self-care and caregivers of others, to maximize health for individuals, families and Empowering communities.
भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल

World Health Organization response

The World Health Organization recognizes the central role of primary health care in achieving health and well-being for all. WHO works with other countries to:

  • The World Health Organization recognizes the central role of primary health care in achieving health and well-being for all. WHO works with other countries to:
  • To provide countries to develop inclusive policies, country leadership based on primary health care and health systems that serve to achieve sustainable development goals and global health coverage.
  • Addressing widespread inequality and determinants of health through multi-sectoral action.

From time to time, a massive effort is made by the government to get rid of health related problems. But in today's context, when everything is polluted, there are many health related challenges. Despite so much progress in the field of medicine, diseases are increasing. In such a situation, you also need to be health conscious yourself.

22 comments:

  1. Excellent article by which we all are benefitting. Extremely well written.

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  2. बहुत ही अच्छा आर्टिकल है आज का, जिसको आपने काफी विस्तार से बताया है। जैसा की मैं हमेशा कहती हूं। ऐसे ही निरंतर आप ब्लॉग बनाते रहिए।

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  3. Very Nice Article.. Ma'am
    Aap issi tarah samaz ko jagruk karte rahiye
    Aap dwara kiya ja raha ya kary bahut hi sarahniy hain

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  4. आयुर्वेदिक पद्धति और अपने पुराने खानें-पीने के तरीके अपनाने से हम कम बीमार पड़ेंगे और सरकारी खजाने पर भी कम बोझ पड़ेगा।
    अच्छा विषय और लेख 👌👍

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  5. भारत में स्वास्थ्य सेवा सरकार के अनेक प्रयासों के बावजूद चुनौती बन कर रह गया है।हमें अपने तथा अपने परिवार और सगे संबंधियों के स्वास्थ्य के प्रति सदैव सजग रहना चाहिए।

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  6. I think there is also this problem in my country. Let's heal ourselves ...

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  7. आजका विषय बहुत अच्छा है। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं हमारे यहां। सरकार प्रयास कर रही है। सरकारी स्वास्थ्य सेवा पर से लोगों का भरोसा उठ चुका है। सबसे पहले लोगों में सस्ती स्वास्थ्य सेवा के प्रति भरोसा जोड़ना होगा।

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  8. आज k समय में हम जो कुछ भी खा रहे हैं उसपर ध्यान देना और जितना संभव हो सुधार करने की बहुत आवश्यकता है। स्वास्थ्य सेवा बदहाल तो है लेकिन इसमें सुधार हो रहा है और इसी वजह से इतने बड़े कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सका है।

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  9. सभी लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता होनी चाहिए।

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  10. मुझे पेट में बावेल की समस्या है 2017 से, मेरी आयू 74+ वर्ष है क्रपया सही डा. के विषय में जानकारी दें।

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