भृंगराज / भांगरा
भृंगराज एक बहुत ही उपयोगी औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग शरीर के अंदर या बाहर होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है। यह जड़ी-बूटी भारत वर्ष में पाई जाती है, विशेष रूप से दलदली स्थानों में या फिर जहां पानी एकत्रित हो उसके किनारों पर।
भृंगराज क्या है?
भृंगराज एक दिव्य औषधीय पौधा है। यह प्रायः नम स्थानों में उगता है। भृंगराज भारतवर्ष में सर्वत्र पानी के किनारे, जलाशय के पास में आसानी से मिल जाता है। प्रदूषण की वजह से जहां दूसरे पौधे नहीं उग पाते, वहां भी यह पौधा आसानी से उग आता है। वैसे तो यह लगभग पूरे संसार में उगता है, किंतु भारत,चीन, थाईलैंड एवं ब्राजील में बहुतायत में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसका तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसकी जड़ों से लेकर तने, पत्तियां और फूल को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
जानते हैं भृंगराज के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
भृंगराज में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीहिस्टामिनिक (एलर्जी को दूर करने वाला), हेपेटोप्रोटेक्टिव (लीवर को स्वस्थ रखना) और एक्सपेक्टोरेंट (कफ जैसी श्वांस की बीमारी को दूर करना) जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। इसके अलावा, कई स्थानों पर इसका उपयोग सर्प दंश को ठीक करने के लिए किया जाता है।
भृंगराज वात, पित्त, कफ त्रिदोषोँ पर प्रभाव डालता है। यह बालों का झड़ना, बालों को घना बनाने, जिगर, विष हरण, सूजन को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, आंखों की सुरक्षा और निम्न रक्तचाप में उपयोगी होता है।
गलन में
पानी में अधिक काम करने से जिनके हाथ - पैर गल गए होते हैं, उनके लिए भांगरा बहुत ही लाभकारी होता है। भृंगराज को पीसकर उसके रस को प्रभावित जगह पर कुछ दिनों तक लगाने से हाथ - पैर का गलना बंद हो जाता है और यदि घाव हो गए हो तो वह भी भर जाता है।
घाव तथा पश में
यदि किसी के शरीर में कहीं पर भी घाव है और पश हो गया है, तो भांगड़ा को पीसकर उसके रस को घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
मधुमेह के रोगी को घाव होने पर
यदि मधुमेह के रोगियों को घाव हो गया है और वह भर नहीं रहा है, तो उसके लिए भांगरा का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है। भृंगराज की ताजी पत्तियों का रस निकालकर घाव पर लगाने से या रुई में लगाकर घाव पर बांधने से घाव जल्दी भरने लगता है।
अंदरूनी चोट में
यदि किसी को किसी प्रकार की अंदरूनी चोट लग गई है और वहां सूजन तथा दर्द है, तो भृंगराज को पीसकर उसे गर्म कर रुई पर रखकर चोट वाली जगह पर बांधने से सूजन उतर जाएगी और दर्द में भी आराम मिलेगा।
बाल झड़ने में
भृंगराज बालों के लिए दिव्य औषधि है। जिसके बाल झड़ते हैं, वो आंवला, रीठा, शिकाकाई व भृंगराज को पाउडर कर लोहे की कढ़ाई में लेप बना लें। फिर उस लेप को बालों की जड़ों में लगाएं। थोड़ी देर बाद बालों को धोएं इससे बाल मजबूत होंगे।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने वाली कोशिकाओं (सफेद रक्त कोशिकाओं) के उत्पादन में सहायता करता है और हमारे शरीर को संक्रमण से बचाता है।
लीवर की समस्या
भृंगराज की पत्तियों और जड़ से निकले अर्क का प्रयोग करने से पीलिया रोग में फायदा होता है। भृंगराज में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होता है, जो फैटी लीवर, पीलिया आदि बीमारियों में फायदा पहुंचाता है।
त्वचा संक्रमण में
त्वचा के कटने, छीलने, चोट लगने सहित अन्य विकार की स्थिति में भृंगराज की पत्तियों का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र में लगाने से फायदा होता है। इस पेस्ट को किसी तेल में मिलाकर घाव अथवा चोट पर लगाया जा सकता है।
अपच, कब्ज तथा पेट संबंधी अन्य समस्या
अपच, कब्ज तथा पेट संबंधी किसी भी तरह की परेशानी होने पर 15 से 20 मिलीलीटर भृंगराज के श्वरस में उतना ही पानी मिलाकर दोपहर के खाने तथा रात के भोजन के बाद सेवन करने से फायदा मिलता है।
बबवासीर की समस्या
भृंगराज की जड़ के अर्क को प्रतिदिन दो बार गाय के दूध के साथ सेवन करने से बवासीर रोग में लाभ मिलता है।
सांस की समस्या
भृंगराज में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण अस्थमा के दौरान होने वाली फेफड़ों की सूजन को दूर करने के साथ ही फेफड़ों को कई प्रकार से फायदा पहुंचाने में सहायक होता है।
बुखार होने पर
भृंगराज में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो बुखार को दूर करने में कारगर हो सकते हैं । इसकी मदद से मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया को ठीक किया जा सकता है।
शरीर की स्फूर्ति के लिए
आयुर्वेद में भृंगराज का उपयोग औषधीय गुणों के कारण एनर्जी बूस्टर के रूप में किया जाता है। इसके उपयोग से उम्र के साथ कम होती ऊर्जा को फिर से वापस लाया जाता है। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करता है। साथ ही इसका उपयोग शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
भृंगराज के नुकसान
हालांकि, भृंगराज के कोई खास नुकसान नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसके उपयोग में सावधानी बरतनी जरूरी है।
- इसके तेल की तासीर ठंडी होती है। इसलिए, अगर आपको सर्दी या जुकाम है, तो इससे सिर की मालिश न करें।
- जिन लोगों को लो शुगर की समस्या है, उन्हें इसके सेवन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम कर देता है ।
विभिन्न भाषाओं में भृंगराज का नाम
लैटिन Eclipta Alba (एक्लिप्टा एल्बा )
अंग्रेजी ट्रेलिंग एक्लीप्टा
Sanskrit – भृंगराज, केशराज, केशरंजन
Hindi– भृंगराज, भांगरा, भगरैया
Gujarati – भांगरो, कालो - भांगरो
Marathi – बांगरा, भृंगराज, भाका
Tamil – केकेशी, शिलाई, काइकेशी
Bengali – भीमराज, क़सूरिया, केशुत्त
Bhringraj / Bhangra
What is Bhringraj?
Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Bhringraj
in meltdown
in wounds and sores
wound in diabetic patient
in internal injury
in hair loss
boosting immunity
liver problems
in skin infections
Indigestion, constipation and other stomach problems
hemorrhoids problem
respiratory problems
having a fever
to energize the body
Side Effects of Bhringraj
- Its oil has a cooling effect. Therefore, if you have a cold or a cold, do not massage the head with it.
- People who have the problem of low sugar should avoid its consumption, as the properties present in it reduce the level of glucose present in the blood.
Good one
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteNice but isko pahchanege kaise asha sineor citizen
ReplyDeletePost me image hai mam.. bilkul aise hi dikhta hai..
Deleteहां जी..
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteसचमुच बहुत ही उपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteभृंगराज तेल जड़,तना, पत्ती,फूल के रूप में विभिन्न औषधियोंक्के लिए विभिन्न बीमारियों में प्रयोग होता है।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteMem very useful information has been included in this article. An excellent article.
ReplyDeleteअति लाभदायक जानकारी
ReplyDeletegood info
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteभृंगराज तेल तो सुना था..आज इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिली...
ReplyDeleteभृंगराज बालों के लिए बहुत फायदेमंद है ये तो जानकारी थी लेकिन इसके इतने सारे गानों की जानकारी मिली।
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी
बहुत उपयोगी
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