बेरोजगारी (Unemployment)
आज हिंदुस्तान को आजाद हुए लगभग 73 साल हो चुके हैं, परंतु आज भी हिंदुस्तान आर्थिक रूप से पूर्णतः मजबूत नहीं हो पाया है। इसके विभिन्न कारण हैं और जिसकी वजह से आज हिंदुस्तान का लगभग 40% युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। अगर हम कुछ राजनीतिक बात करें (वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए) तो न जाति ना धर्म ना मंदिर ना मस्जिद कोई भी चीज हमारे देश की प्रमुख समस्या नहीं है। परंतु बहुत से लोग जाति धर्म मजहब में फँस कर रह गए हैं। इस से ऊपर उठकर कोई नहीं सोचना चाहता है। हमारे देश की तीन विकट एवं प्रमुख समस्याएं हैं। पहला स्वास्थ्य, दूसरा शिक्षा और तीसरा बेरोजगारी।
इन तीनों ही समस्याओं पर ना कोई चर्चा करना चाहता है और ना ही कोई इन तीनों समस्याओं को समाप्त करना चाहता है। चाहे वह वर्तमान सरकार हो या इससे पहले की सरकार हो या आने वाली सरकार हो। आज का हमारा मुद्दा बेरोजगारी है। आज रोजगार ना होने के कारण करोड़ों युवा बी टेक, एमबीबीएस, एमबीए, एम कॉम, बीए, बीकॉम आदि करके रोड पर खाली घूम रहे हैं। आज हमारे समाज में किसी नेता या मंत्री का बेटा या बेटी के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना घट जाए तो वह न्यूज़ की हेड लाइन बन कर कई दिनों तक हमारे घरों में चलते हैं, परंतु बेरोजगारी के कारण कई युवा अपने जीवन को समाप्त कर लेते हैं, इस बात को कोई न्यूज़, कोई मीडिया नहीं चलाता है, ना दिखाता है।
बेरोज़गारी (Unemployment) या बेकारी किसी काम करने के लिए योग्य व उपलब्ध व्यक्ति की वह अवस्था होती है जिसमें उसकी न तो किसी कम्पनी या संस्थान के साथ और न ही अपने ही किसी व्यवसाय में नियुक्ति होती है। किसी देश, राज्य या अन्य क्षेत्र में पूरे श्रम करने वाले लोगों की आबादी में बेरोज़गारों का प्रतिशत उस स्थान का बेरोज़गारी दर (unemployment rate) कहलाता है। अगर वह लोग जो बालक, वृद्ध, रोगी या अन्य किसी अवस्था के कारण अनियोज्य (unemployable)- यानि रोज़गार के लिए अयोग्य - हों काम न करें तो उन्हें बेरोज़गार की श्रेणी में नहीं गिना जाता है और न ही उनकों बेरोज़गारी दर में सम्मिलित करा जाता है।
कौन होता है बेरोजगार?
सरकार किसे बेरोजगार मानती है? यह हर राज्य सरकार के नियमों पर निर्भर करता है। कौन बेरोजगार है, इसका अंदाजा सरकारों की ओर से बेरोजगारी भत्ता दिए जाने वाली शर्तों के आधार पर तय किया जा सकता है, जो अलग अलग होते हैं। जिन लोगों को सरकार बेरोजगारी भत्ता देती हैं, तो माना जा सकता है कि वो अभी बेरोजगार हैं। वैसे सामान्य तौर पर माना जाता है कि जिन लोगों के पास अभी संगठित और असंगठित क्षेत्र में कोई काम नहीं है और वो पिछले 6 महीने से काम की तलाश कर रहे हैं और फिर भी उन्हें काम नहीं मिला है, तो उन्हें बेरोजगार की श्रेणी में गिना जाता है।
देश में बेरोजगारी की कई सारी वजह हैं, जिसका उल्लेख किसी एक लेख में नहीं किया जा सकता है। इनमें से एक है - देश की आर्थिक नीति। देश के धीमे आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप लोगों को रोजगार के कम अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ती है। देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र में जुड़ा हुआ है। मौसमी व्यवसाय होने के कारण यह केवल वर्ष के एक निश्चित समय के लिए काम का अवसर प्रदान करता है। देश में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि बहुत धीमी है।
कितनी तरह की होती है बेरोजगारी?
बेरोजगारी भी सिर्फ एक तरह की नहीं होती है और इन बेरोजगारी के कारणों की वजह से उन्हें कई प्रकारों में बांटा गया है।
चक्रीय बेरोजगारी- चक्रीय या मांग में कमी के कारण बेरोजगारी तब होती है, जब अर्थव्यवस्था को कम श्रम शक्ति की आवश्यकता होती है। इस वक्त लोगों के पास रोजगार कम हो जाता है और बेरोजगारों की संख्या में इजाफा हो जाता है और ऐसी बेरोजगारी ही चक्रीय बेरोजगारी होती है।
मौसम बेरोजगारी - यह बेरोजगारी एक साल में किसी विशेष समय में होती है तो इसे मौसमी बेरोजगारी कहते हैं. ऐसी बेरोजगारी कृषि, पर्यटक, होटल आदि के सेक्टर शामिल हैं।
सरंचनात्मक बेरोजगारी - सरंचनात्मक बेरोजगारी उस समय होती है, जबकि किसी व्यक्ति की योग्यता उसके कार्य की आवश्यकता के लिए पर्याप्त नहीं होती। यह मांग के स्वरूप में दीर्घकालीन परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है और अर्थव्यवस्था की मौलिक सरंचना को परिवर्तित कर देती है, इस बेरोजगारी पर नियंत्रण करना आवश्यक होता है।
संघर्षात्मक बेरोजगारी - संघर्षात्मक बेरोजगारी उस समय होती है, जब कोई व्यक्ति एक रोजगार को छोड़कर दूसरे रोजगार की तलाश में होता है। इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं, जैसे- अच्छे रोजगार की तलाश, वर्तमान रोजगार से निकाले जाने पर, अपनी इच्छा से वर्तमान रोजगार छोड़ने पर. ऐसे में दूसरे रोजगार को प्राप्त करने में व्यक्ति को कुछ समय लग जाता है।
अपने समाज से बेरोजगारी को दूर करने के लिए सभी को कुछ जिम्मेदारी पूर्ण कदम उठाने होंगे
लघु और कुटीर उद्योगों का विकास -
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण -
व्यावसायिक शिक्षा-
विनियोग में वृद्धि -
सहायक उद्योगों का विकास-
एक जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हम सभी देशवासियों का कर्तव्य है कि जो गंभीर विषय है - बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य इन पर चर्चा करें और कोशिश करें कि अपने स्तर पर अपने समाज से समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें। जो लोग किसी उच्च पद पर बैठे हुए हैं, उनका भी यह कर्तव्य है कि जितना हो सके लोगों को इसके प्रति जागरूक करें।
English Translate
Unemployment
Today it has been almost 73 years since India got independence, but even today India has not been completely strong economically. There are various reasons for this and due to which about 40% of the youth of India are facing unemployment today. If we talk something political (given the current circumstances) then neither caste nor religion nor temple nor mosque is the main problem of our country. But many people are stuck in caste religion religion. No one wants to think above this. There are three serious and major problems of our country. First health, second education and third unemployment.
No one wants to discuss these three problems, nor does anyone want to end these three problems. Whether it is the present government or the previous government or the coming government. Our issue today is unemployment. Today, due to lack of employment, crores of youth are roaming empty on the road doing B Tech, MBBS, MBA, M Com, BA, BCom etc. Today, in our society, if any kind of accident happens with the son or daughter of a leader or minister, he becomes the headline of the news and walks in our homes for many days, but due to unemployment, many youths end their lives. No news, no media runs or shows this thing.
Unemployment or unemployment is the condition of a person capable and available to do any work in which he is neither employed with any company or institution nor in any business of his own. The percentage of unemployed people in a country, state or other region in the total labor population is called the unemployment rate of that place. If those people who are unemployable - that is, unemployable - because of child, old, sick or any other condition, do not work, then they are not counted as unemployed nor are they included in the unemployment rate. Is.
Who is unemployed?
Who is considered unemployed by the government? It depends on the rules of every state government. Who is unemployed, it can be decided on the basis of the conditions given by the governments for unemployment allowance, which are different. Those people to whom the government gives unemployment allowance, then it can be assumed that they are still unemployed. By the way, it is generally believed that people who do not have any work in the organized and unorganized sector and are looking for work for the last 6 months and still they have not found work, then they are counted as unemployed. goes.
There are many reasons for unemployment in the country, which cannot be mentioned in a single article. One of these is the economic policy of the country. As a result of the slow economic development of the country, people get less employment opportunities, which increases unemployment. Major part of the country's population is engaged in agriculture. Being a seasonal business, it provides work opportunity only for a certain time of the year. The growth of the industrial sector in the country is very slow.
What are the types of unemployment?
Unemployment is also not just one type and due to the reasons of these unemployment, they are divided into many types.
Cyclical unemployment-
Cyclical or lack of demand-caused unemployment occurs when the economy requires less labor force. At this time the employment of the people decreases and the number of unemployed increases and such unemployment is called cyclical unemployment.
Seasonal unemployment -
If this unemployment occurs at a particular time in a year, then it is called seasonal unemployment. Such unemployment includes sectors of agriculture, tourism, hotels, etc.
Structural Unemployment -
Structural unemployment occurs when a person's ability is not sufficient to meet his/her job requirement. It arises due to long-term change in the nature of demand and changes the basic structure of the economy, it is necessary to control this unemployment.
Conflict unemployment -
Conflict unemployment occurs when a person is leaving one job and looking for another job. There can be different reasons for this, such as looking for a good job, being fired from the current employment, leaving the current employment at will. In such a situation, it takes some time for a person to get another job.
To remove unemployment from our society, everyone has to take some responsible steps.
Development of small and cottage industries
These industries are established in rural and urban areas and provide part time employment.
Population growth control
Population growth should be controlled. This will reduce the supply rate of workers. Along with increasing employment opportunities, this is also very important.
Vocational Education-
There is a need to change the education system of the country. We have to make education job oriented. After passing high school, emphasis should be given to choose vocational education according to the interest of the students. With this, they will be able to join the business after getting education and the problem of unemployment in the country will be solved.
Increase in investment
Unemployment can be removed by investing capital on a large scale in the public sector. Large industries in the private sector should be encouraged, which are labor intensive. This will give employment to the people. Capital intensive technology should be controlled in big industries, because they use big machines and human labor is less. This increases unemployment.
Development of ancillary industries
In rural areas, allied industries of agriculture such as dairy business, fisheries, poultry, horticulture, floriculture, cultivation of medicinal plants on a large scale, etc. should be developed.
Being a responsible citizen, it is the duty of all the countrymen to discuss the serious issue – unemployment, education, health and try to remove the problems from our society at our level. It is also the duty of those who are sitting in a high position to make people aware of it as much as possible.
बेरोज़गारी बेशक आधुनिक युग की ज्वलंत समस्याओं में से एक है। आज का विस्तृत आलेख पठनीय है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से उचित रोजगार का सृजन न हो पाना सोचनीय है। सरकारें अपने स्तर से प्रयास करती रहती हैं लेकिन इसके लिए अब समाज को भीआगे आना होगा। जाति पाँति,क्षेत्रवाद छोड़कर प्रतिभाओं को सामने लाना होगा। वर्तमान सरकार का स्टार्ट अप प्रोग्राम भी बेरोज़गारी दूर करने की दिशा में एक बेहतर कदम हो सकता है।
ReplyDeleteAn outstanding article on unemployment. Realy attracts the attention.
ReplyDeleteबेरोजगारी एक ऐसा विषय है जिसपर बोला भी खूब जाता है और हर सरकार का प्रयास भी काम या दूर करने का होता है लेकिन होता कुछ नहीं। बेरोजगारी की समस्या मूल रूप से शिक्षा नीति से जुड़ी हुई है और भी बहुत कारण हैं जैसे जनसंख्या वृद्धि दर, आर्थिक नीति आदि। हमारा आलसी होना भी एक बहुत बड़ा कारण है और आलसी होने में हमारा देश विश्व के सर्वोच्च 10 में आता है। वर्तमान सरकार की नई शिक्षा नीति और कुछ कार्यक्रम जैसे स्टार्टअप, कौशल विकास उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाते हैं।
ReplyDeleteअच्छा लेख
महत्वपूर्ण और विस्तृत आलेख,हर महीने प्रत्येक विभाग से न जाने कितने लोग रिटायर होते हैं और उनकी जगह 0 नियुक्ति होती है इस तरह बहुत पद खाली चल रहे हैं कोई भी सरकार आए यही ढर्रा है, परीक्षा होती है फिर कैंसिल हो जाती है.
ReplyDeleteआजकल टीवी में एक प्रचार आ रहा कि नौकरी करने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनें, हमें अब ऐसी ही सोच की जरूरत है।
Very nice topic
ReplyDeleteVery nice topic
ReplyDeleteयह एक ऐसा विषय है, जिसपर हम आप सिर्फ चर्चा कर सकते हैं, परंतु इसका परिणाम कुछ नहीं निकलता। सत्ता में आसीन लोग जब सत्ता में जाने के लिए आते हैं तो बड़े बड़े वादें करते हैं और जैसे ही सत्ता में आ जाते हैं सारे वादे भूल जाते हैं। सरकारी नौकरी का तो प्रोसेस ही इतना लंबा हो गया है कि बिना कोर्ट के रास्ते वह आ ही नहीं पा रहा। वेकेंसी निकलती भी है, एग्जाम हो भी जाते हैं तो कोर्ट में पहुंच जाते हैं। इसका हल निकलता हुआ तो दिखाई नहीं देता।
ReplyDeleteसरकार नौकरी नहीं देती है अपना नौकर बनाकर रखना चाहती है झंडा उठाओ गुन गाओ पैसा लेके जाओ
ReplyDeleteबेरोजगारी भारत के लिए अभिशाप है।सरकार को शिक्षा में आमूल परवर्तन करके रोजपरक बनाना चाहिए।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteA very valuable post that shows how you can try to improve the lives of people in the country. Each country has its problems. In my country, we also struggle with unemployment.
ReplyDeleteSuper di, kya likha hai apne, dil koh Chu gya, information ke sath kya majboori hai voh b apne likha hai. Content quality A1. Likhate rhna aap aise hi
ReplyDeletePrayas jari hai..
Deleteदेश में बढ़ रही है बेरोजगारी
ReplyDeleteजनसंख्या वृद्धि सब पर भारी
इसको नियंत्रित करने के लिए
कड़े-कानूनों की करो तैयारी
बेरोजगारी तो एक महामारी
दुखी हो रही है जनता सारी
बेरोजगारी को जल्दी दूर करें
सरकार की है यह जिम्मेदारी
बरसों से चल रहा भ्रष्टाचार
हर तबके पर है इसका वार
बिना रिश्वत दिए कहीं पर भी
नहीं मिलता कोई भी रोजगार
ज्यादा पढ़े-लिखे को कोई भी
छोटा काम करने में आती शर्म
खुद का ही धंधा करने के लिए
सबको चाहिए थोड़ी तो रकम
बढ़ रही आजकल जो महंगाई
ऐसे हाल में बचत कहां हो पाई
उपज से ज्यादा खपत हो रही
कैसे करेंगे हम इसकी भरपाई
बेरोजगारी का कुछ तो ढूंढो हल
मुश्किल होगा आने वाला कल
नए नियम और कानून बनाकर
सबका जीवन करना है सफल
भाजपा पर सबको विश्वास है
मोदी जी से तो सबको आस है
भारत को प्रगतिशील बनाने का
उनका निरंतर अथक प्रयास है
🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄
बहुत खूब नरेश जी..जो हम इतने बड़े आर्टिकल में ना लिख पाए..आपने चंद पंक्तियों में कह दिया👌👌
Deleteबहुत खूब राजन जी👍👌
Deleteबेरोजगारी बहुत ही विकेट समस्या है हमारे देश की इसके बहुत से कारण है
ReplyDeleteएक चिंतनीय विषय
ReplyDeleteGood article
Nice article..
ReplyDeleteNice
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