3. अक्ल बड़ी या भैंस (सांप और कौवे की कहानी)
उपायेन हि यच्छक्यं न तच्छक्यं पराक्रमैः
उपाय द्वारा जो काम हो जाता है, वह पराक्रम से नहीं हो पाता
एक स्थान पर वट वृक्ष की एक बड़ी खोल में एक कौवा कौवी रहते थे। उसी खोल के पास एक काला सांप भी रहता था। वह सांप कौवी के नन्हे - नन्हे बच्चों को उनके पंख निकलने से पहले ही खा जाता था। दोनों इससे बहुत दुखी थे। अंत में दोनों ने अपनी दुख भरी कथा उस वृक्ष के नीचे रहने वाले एक गीदड़ को सुनाई और उससे यह भी पूछा कि अब क्या किया जाए? सांप वाले घर में रहना प्राणघातक है।
गीदड़ ने कहा - इसका उपाय चतुराई से ही हो सकता है। शत्रु पर बुद्धि के उपाय द्वारा विजय पाना अधिक आसान है। एक बार एक बगुला बहुत ही उत्तम, मध्यम, अधम मछलियों को खाकर प्रलोभनवश एक केकड़ा के हाथों उपाय(बुद्धि) से ही मारा गया था।
कौवा कौवी दोनों ने पूछा - कैसे?
तब गीदड़ ने कहा: - सुनो।
इसके बाद गीदड़ बगुला भगत की कहानी सुनाता है।
4. बगुला भगत (बगुला और केकड़े की कहानी)
To be continued ...
भैंस
ReplyDeleteहां, ये तो है। पंचतंत्र में कहानियों के माध्यम से ही नीति कौशल सिखाया गया है और कहानियां एक दूसरे से संबद्ध हैं। ये कहानी अगले हफ्ते पूरी हो जायेगी। अगली कहानी डालने पर पोस्ट बहुत लंबा हो रहा था😊
ReplyDeleteVery nice post
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteइसमें तो कोई कहानी नहीं है, कहानी का इंतजार रहेगा
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबुद्धिमत्ता ही सर्वोपरि है
ReplyDeleteअगले सप्ताह की कहानी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा।
ReplyDeleteअगली कहानी के इंतजार में…😊
ReplyDeleteNice post...
ReplyDelete