सच्चे मित्र (हिरण, कबूतर और चूहा)
एक जंगल में तीन घनिष्ठ मित्र कबूतर, चूहा और हिरण रहते थे। जंगल में बने सरोवर में ही पानी पीते और वही का फल खाते थे और सरोवर के आसपास घूम फिर कर ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन यापन करते थे।
एक समय की बात है, जब जंगल में एक शिकारी शिकार करने के लिए आया। शिकारी की नजर हिरण पर पड़ी और वह हिरण का शिकार करने के लिए जंगल में छिपाकर जाल लगा दिया। हिरण शिकारी के बिछाए जाल में आसानी से फंस गया।
हिरण को जाल में फंसा देख कबूतर ने कहा - घबराओ मत मित्र! "मैं देखता हूं शिकारी यहां से कितनी दूरी पर है और मैं उसको रोकने की कोशिश करता हूं। तब तक हमारा मित्र चूहा तुम्हारे जाल को कुतर देगा और तुम जल्दी से जाल से आजाद हो जाओगे।"
फिर कबूतर शिकारी को ढूंढने निकल पड़ा। शिकारी कुछ ही दूरी पर मिल गया। कबूतर ने अपने प्राण को जोखिम में डालकर शिकारी के ऊपर वार करना शुरू कर दिया। कबूतर के प्रहार से शिकारी को कुछ समझ में नहीं आया और वह परेशान होकर उससे बचने लगा। कबूतर शिकारी को बहुत ज्यादा देर तक रोकने में सफल ना हुआ और शिकारी ने जल्द ही कबूतर पर काबू पा लिया और वह जाल की ओर बढ़ गया।
उधर चूहे ने जाल को लगभग काट दिया था। अब हिरण आजाद होने वाला था कि तभी शिकारी वहां पहुंच गया।इतने में कबूतर का एक झुंड वहां जल्दी से आकर उस शिकारी के ऊपर आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण से शिकारी घबरा गया। थोड़ा सा समय शिकारी को उन कबूतरों पर काबू पाने में लगा। इतने में चूहे ने जाल को पूरी तरीके से कुतर दिया था, जिससे हिरण आजाद हो गया।
अब क्या था, हिरण और चूहा अपने अपने रास्ते भाग चले। कुछ दूर भागने के पश्चात उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनका मित्र कबूतर शिकारी के चंगुल में फंस गया था। हिरण ने सोचा कबूतर ने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डाल दी है। फिर क्या था, हिरण धीरे-धीरे लंगड कर चलने लगा।
हिरण को लंगड़ कर चलते देख शिकारी को लगा कि हिरण घायल हो गया है। उसके पैर में चोट लगी है। अतः वह भाग नहीं पा रहा है। शिकारी ने तुरंत कबूतर को छोड़ दिया और हिरण को पकड़ने के लिए हिरण की तरफ दौड़ा। शिकारी की चंगुल से आजाद होते ही कबूतर आसमान की तरह उड़ चला और हिरण जो अभी नकल कर रहा था शिकारी को अपनी तरफ आते देख तेज दौड़ कर भाग गया और चूहा दौड़ कर बिल में घुस गया।
इस प्रकार तीनों दोस्तों की सूझबूझ ने एक दूसरे की रक्षा की।
शिक्षा : आपसी सूझबूझ और समझदारी हो तो किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है।
English Translate
True Friends (Deer, Dove and Rat)
Three close friends pigeon, mouse and deer lived in a forest. He used to drink water in the lake built in the forest and eat the fruits of the same and roam around the lake and live his life happily.
Once upon a time, a hunter came to the forest to hunt. The hunter's eyes fell on the deer and to hunt the deer, he hid in the forest and set a trap. The deer easily got caught in the net laid by the hunter.
Seeing the deer trapped in the net, the pigeon said - don't panic friend! "I see how far the hunter is from here and I try to stop him. By then our friend the mouse will gnaw on your net and you will be free from the net quickly."
Then the pigeon set out to find the hunter. The hunter was found at a distance. The pigeon risked his life and started attacking the hunter. The hunter did not understand anything due to the pigeon's strike and he got upset and started avoiding it. The pigeon did not succeed in stopping the hunter for a long time and the hunter soon overpowered the pigeon and went towards the net.
On the other hand, the mouse had almost cut the net. Now the deer was about to be free, that's when the hunter reached there. In this, a herd of pigeons came there quickly and attacked that hunter. The hunter was frightened by this attack. It took a little while for the hunter to control those pigeons. In this, the mouse had completely gnawed the net, due to which the deer became free.
What was it now, the deer and the mouse went on their way. After running for some distance, he looked back and saw that his friend was caught in the clutches of pigeon hunter. The deer thought that the pigeon has put its life in danger to save my life. What was it then, the deer slowly started walking with a limp.
Seeing the deer walking lame, the hunter thought that the deer was injured. He has injured his leg. So he is unable to run. The hunter immediately released the pigeon and ran towards the deer to catch the deer. As soon as the pigeon was freed from the clutches of the hunter, the pigeon flew away like the sky and the deer who was just copying, seeing the hunter coming towards him, ran away and the mouse ran and entered the bill.
Thus the understanding of the three friends protected each other.
Moral : If there is mutual understanding and understanding, then any problem can be faced.
मित्रता पर चाणक्य ने लिखा है कि इंसान के जीवन मे एक सच्चा मित्र होतो वो खुश नशीब है और अगर दो सच्चे मित्र मिल जाए तो इस संसार का वो सबसे खुश नशीब इंसान हैं..।
ReplyDeleteलाजवाब कहानी 👌👌
ReplyDeleteसच्ची मित्रता को प्रदर्शित करती अनूठी कहानी।
ReplyDeleteVery nice story..
ReplyDeleteVery nice story
ReplyDeleteआप सभी को नवरात्री के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteजय माता दी 🙏
DeleteNice👍
ReplyDeleteअच्छी कहानी
ReplyDeleteसच्चे मित्र से बढ़कर दुनिया में कोई चीज नहीं, अच्छी कहानी
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteसूझबूझ एवं समझदारी से हर संकट पर पार पाया जा सकता है।
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteAlways great stories
ReplyDeleteGreat story. I really like reading your stories. And I really like such positive endings. We have a similar story, but it does not end so well ... it is about a hare who is also looking for help with friends, but does not find her. And the moral that emerges from our story: "among loving friends, dogs ate the hare." It's very sad.
ReplyDeleteThank you so much..you are right If the end is good, the trouble on the way is forgotten. That is why there is a saying that all is well if the end is well. But it does not feel good when the ending is sad.
DeleteGood story
ReplyDeleteसच्ची मित्रता से बढ़कर कुछ नहीं। विषम परिस्थितियों में ही सच्ची मित्रता की पहचान होती है। अच्छी कहानी👏👏👏👏
ReplyDeleteमित्रता की अच्छी मिसाल। खुशनसीब हैं वो लोग जिनके पास सच्ची मित्रता है।
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteGood story👏👏
ReplyDeleteGreat story
ReplyDelete